बीपीएससी ने शिक्षक भर्ती के लिए 6 नए गाइडलाइन को जारी किया। आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बीपीएससी के द्वारा रिजल्ट से पहले जारी की गई 6 महत्वपूर्ण चीजों की जानकारी देंगे। बीपीएससी ने क्या बदलाव किए हैं। अब हम उसके बारे में आपको बताएंगे।
बीपीएससी ने मिनिमम क्वालीफाइंग मार्क्स ट्राई ब्रेकर पॉलिसी, अनिवार्य डॉक्यूमेंट जैसी कई चीजों में बड़ा बदलाव किया है। अब हम सभी बदलाव को विस्तार से बताएंगे। पहला बदलाव बीपीएससी ने है। ओरिजिनल डॉक्यूमेंट और वाटरमार्क के बारे में है। इसमें बताया गया है कि फॉर्म भरने के समय जो भी डॉक्यूमेंट अपलोड किए गए थे। वही डॉक्यूमेंट विभाग को वेरिफिकेशन के समय दिखाने होंगे।
बताया गया है कि अभ्यर्थी को अपलोड किए गए डॉक्यूमेंट को डाउनलोड करना होगा। डाउनलोड किए गए डॉक्यूमेंट में रजिस्ट्रेशन और नया वाटरमार्क प्रिंट होकर आ जाएगा। जो कि पहले वाले वाटरमार्क से अलग होगा। जो भी अभ्यर्थी परीक्षा में सफल होंगे। उन्हें अपलोड किए गए अपने प्रमाण पत्र को डाउनलोड करना होगा। जिसमें आयोग का वाटरमार्क होना जरूरी है। और काउंसलिंग के समय उन्हें इन डॉक्यूमेंट को पेश करना होगा।
वही बात करें दूसरे बड़े बदलाव की तो दिव्यांगों के लिए जो भी उनके सर्टिफिकेट होंगे। उसकी जांच संबंधित विभाग से कराई जाएगी। अगर दिव्यांग का दावा सही नहीं हुआ। तो उनका रिजल्ट रद्द कर दिया जाएगा। और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
तीसरा बड़ा बदलाव मिनिमम क्वालीफाइंग मार्क्स और कट ऑफ में किया गया है। लिखित परीक्षा में जनरल कैटेगरी के छात्रों के लिए 40%, पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए 36.5 परसेंट, अत्यंत पिछड़ा वर्ग वाले छात्रों के लिए 34%, और एससी और एसटी और दिव्यांग छात्रों के लिए 32 फ़ीसदी नंबर लाना अनिवार्य कर दिया गया है।
चौथा बड़ा बदलाव कटऑफ के संबंध में किया गया है। पांचवा बदलाव मेरिट लिस्ट और टाइब्रेकर में किया गया है। वही बात करें छठे बदलाव की तो। जो भी छात्र एनआईओएस का 18 महीने का डीएलएड कोर्स किए हैं। वह अब शिक्षक नहीं बन पाएंगे। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद उनकी मान्यता को खत्म कर दिया गया है।
आपको बता दे कि विभाग के द्वारा वर्तमान सप्ताह में ही रिजल्ट जारी किया जा सकता है। बीपीएससी इसके लिए लगातार तैयारी भी कर रही है। बता दे की काउंसलिंग के समय बायोमेट्रिक जांच भी किया जाएगा।