प्रशांत किशोर को BPSC ने भेजा लीगल नोटिस,इतने दिनों में देना होगा जवाब

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बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर को लीगल नोटिस भेजा है। नोटिस के अनुसार, प्रशांत किशोर ने आयोग पर पिछले दिनों में बगैर प्रमाण के गंभीर आरोप लगाए हैं। ऐसे में अब प्रशांत किशोर से आरोप के आधार की मांग की गई है। ऐसा नहीं करने पर उनके विरुद्ध आईटी अधिनियिम आदि में कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी। नोटिस में उनके वीडियो के लिंक भी भेजे गए हैं। इसके साथ ही लगाये गये आरोप का साक्ष्य सात दिनों के अंदर देना है। यह भी कहा गया है।

इस लीगल नोटिस में जिस वीडियो का जिक्र किया गया है उसमें से एक वीडियो में प्रशांत किशोर कह रहे हैं कि बिहार के हर जिले में गली मोहल्ले में चर्चा है… बीपीएससी के पदाधिकारियों के दलाल, शिक्षा माफिया, यहां के नेता डील कर रहे हैं। एक पोस्ट के लिए तीस लाख से डेढ़ करोड़ तक लिया जा रहा है।

वहीं, दूसरे वीडियो में नौकरियों को 100-150 करोड़, एक-एक करोड़ डेढ़ करोड़ में बेची गई है, ये हजार करोड़ से ज्यादा का घोटाला है…। कुल तीन वीडियो को नोटिस के साथ संलग्न किया गया है। तीसरे वीडियो में कहा गया है कि बीपीएससी गलती कर पा रही है, क्योंकि सरकार उसके पीछे खड़ी है… सरकार के लोग भ्रष्टाचार कर पा रहे हैं, क्योंकि सरकार के लोट लूट रहे हैं। बीपीएससी की आधी से ज्यादा सीट पहले ही बेच दी गई है।

इसके अलावा आयोग का आईटी सेल इंटरनेट ने मीडिया पर आयोग के विरुद्ध की गई तथ्यहीन बयान से संबंधित दजर्नों वीडियो को सर्च किया है। इसमें कई कोचिंग संचालक, शिक्षक, विभिन्न दलों के नेता, विधायक, एमएलसी आदि आयोग की व्यवस्था पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार आयोग संवैधानिक संस्था है। इससे लाखों परीक्षार्थियों का भरोसा जुड़ा होता है। तथ्यहीन आरोप लगाने से भ्रम की स्थिति उत्पन्न की जा रही है। पूरी वस्तुस्थिति को स्पष्ट करने के लिए सभी को नोटिस भेजा जाएगा।

गौरतलब हो कि,  प्रशांत किशोर बीपीएससी के खिलाफ अनशन पर हैं। उनके अनशन को 9 दिन हो चुके हैं। बीते दिनों तबीयत खराब होने के बाद उन्हें पटना स्थित मेदांता अस्पताल के आईसीयू में भर्ती करना पड़ा। वहीं, 9 तारीख को उन्हें नॉर्मल वार्ड में शिफ्ट किया गया। अभी भी उनका इलाज जारी है। ऐसे में अब उनकी मुश्किलें थोड़ी बढ़ जरूर सकती है।