BPSC शिक्षक ने साली और सरहज के साथ पिकनिक मनाने के लिए मांगी छूट्टी, कहा- कृपया आकस्मिक अवकाश प्रदान करें
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने शिक्षकों के अवकाश लेने की मनोवृत्ति पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। एक साथ स्कूल में 10% से अधिक शिक्षकों को छुट्टी नहीं देने की बात कही है। केके पाठक ने सभी डीएम और उप विकास आयुक्तों को इसे पहल करने का निर्देश दिया है। केके पाठक के इस फरमान के बाद बीपीएससी पास शिक्षक ने नया साल साली और सरहज के साथ मनाने के लिए छूट्टी का आवेदन दिया है। जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस आवेदन को पढ़कर हर कोई हैरान हैं कुछ लोग तो अपनी हंसी नहीं रोक पा रहे हैं। लगभग तमाम स्कूलों में भी इस लेटर की चर्चा हो रही है।
दरअसल साली और सरहज के साथ न्यू ईयर सेलिब्रेशन करने और पिकनिक मनाने के लिए BPSC पास एक नवनियुक्त प्रखंड शिक्षक ने स्कूल के प्रधानाध्यापक को छुट्टी का जो आवेदन दिया। वो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस लेटर को पढ़कर लोग हैरान हैं। शिक्षक ने छुट्टी के लिए जो आवेदन दिया है उसमें उन्होंने अपनी पीड़ा का इजहार किया है। उत्क्रमित मध्य विद्यालय के शिक्षक ने छुट्टी के आवेदन में यह लिखा है कि निवेदन पूर्वक कहना है कि आप सबको पता है कि मेरी अभी नई-नई शादी हुई है और ससुराल में कहीं मुझसे स्पष्टीकरण ना मांग लिया जाए। इसका भी डर है मुझे।
आगे बीपीएससी पास शिक्षक ने लिखा कि अतः श्रीमान से अनुरोध है की मुझे उपर्युक्त विषय में अंकित दिनांक को आकस्मिक अवकाश प्रदान करने की कृपा करें। ताकि मैं उस दिन अपनी साली सरहज के साथ सुखद अनुभव कर सकूं। इसके लिए मैं सदा आपका आभारी रहूँगा। हालांकि इससे पहले कई शिक्षकों ने छुट्टी को लेकर अपनी परेशानियों का इजहार किया था।
सबकी परेशानी अलग-अलग रहती थी लेकिन नवनियुक्त शिक्षक ने जो आवेदन दिया है उसकी चर्चा अब सब जगह होने लगी है। बीपीएससी पास शिक्षक ने साली और सरहज के साथ पिकनिक मनाने के लिए छुट्टी का आवेदन दिया है जिसे लेकर सोशल मीडिया पर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं। हालांकि फर्स्ट बिहार इस वायरल लेटर की पुष्टि नहीं करता है। लेकिन सोशल मीडिया पर यह आवेदन तेजी से वायरल हो रहा है।
बता दें कि एक फरवरी से बोर्ड की परीक्षा शुरू होने वाली है। ऐसे में केके पाठक ने सभी डीएम को पत्र लिखकर कहा है कि सभी शिक्षक बच्चों को ठीक से पढ़ाएं। शिक्षकों की उपस्थिति स्कूलों में बेहतर हो। शिक्षकों पर कड़ा अनुशासन बनाए रखने की आवश्यकता है। ऐसे भी देखा गया है कि बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित करीब 50 शिक्षक योगदान देने के बाद भगोड़े हो गए हैं। ऐसे भगोड़े शिक्षकों को निलंबित किया जाए और विभागीय कार्रवाई की जाए।
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