बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा में प्राथमिक स्कूलों के लिए शामिल हुए बीएड डिग्री धारियों के लिए बुरी खबर है.. बिहार लोक सेवा आयोग ने उन्हें आवेदन लेने के बाद परीक्षा देने की अनुमति भले ही दे दी हो,पर रिजल्ट में उन्हें शामिल नहीं करेगी और 11 अगस्त 2023 को राजस्थान के मामले मे सुप्रीम कोर्ट के दिए गए फैसले का पालन करेगी,क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए टिपप्णी की है कि उन्हें उम्मीद है कि बिहार सरकार उनके फैसले पर संज्ञान लेगी।
कोर्ट के इस टिप्पणी के बाद बिहार लोक सेवा आयोग ने शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर मंतव्य मांगा है और अब यह मानकर चलना चाहिए कि प्राथमिक स्कूलो के लिए डीएलएड डिग्री धारियों को ही परीक्षाफल की सूची में शामिल करेगी.बीएड डिग्री धारियों को नहीं।
बताते चले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में बीपीएससी द्वारा भर्ती प्रकिया के रिजल्ट में बदलाव कर रही है.सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त 2023 को केन्द्र सरकार और एनसीटीई की याचिका को खारिज करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया था,जिसमें बीटीसी डिप्लोमाधारक को ही लेवल -1 यानी पहली से पांचवी तक के स्कूलों में शिक्षक बनने के पात्र होने का फैसला दिया था और इस लेवल के लिए बीएड डिग्रीधारी को आवेदन के लिए अयोग्या माना था।
कोर्ट ने एनसीटीई के 28 जून 2028 के नोटिफिकेशन को खारिज कर दिया था.इस नोटिफिकेशन में बीएड डिग्री धारकों को लेवल-1 शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए योग्य माना गया था और कहा गया था कि बीएड डिग्रीधारी अगर पास करके शिक्षक बनते हैं तो उन्हें छह महीने का ब्रिज कोर्स करना होगा,पर कोर्ट ने एनसीटीई के इस अधिसूचना को ही खारिज कर दिया।