बिहार लोक सेवा आयोग के तरफ से आयोजित टीचर बहाली परीक्षा और बहाली का असर राज्य के प्राइवेट स्कूलों में देखने को मिला रहा है। सूबे के कई प्राइवेट स्कूलों में कई सब्जेट के लिए टीचर नहीं मिल पा रहे हैं। ऐसे में सबसे बड़ी समस्या यह है कि जिन स्कूलों में बच्चों को 2024 बोर्ड की तैयारी करवाई जा रही होगी। उन्हें नए टीचर का इंतजार करना होगा या जैसे – तैसे तरीके से अपना कोर्स पूरा करना होगा।
दरअस, सीबीएसई स्कूलों में विषयवार परीक्षक नहीं मिल रहे हैं। ओएसआईएस (ऑनलाइन एफलिएटेड स्कूल इनफॉर्मेशन सिस्टम) पर 2024 की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर शिक्षकों के मांगे गए रिकॉर्ड से यह सामने आया है। बीपीएससीसी शिक्षक नियुक्ति के तहत कई जिलों में सीबीएसई एफलिएटेड स्कूलों को छोड़कर लगभग शिक्षक चले गए हैं। ऐसे में अब बोर्ड ने सभी जिलों को 30 नवम्बर तक खाली पदों पर नियुक्ति कर नाम भेजने का आदेश दिया है। कई बड़े स्कूल ऐसे हैं, जहां से 13-14 शिक्षकों तक की नियुक्ति बीपीएसएसी के तहत हुई है।
सीबीएसई स्कूल संगठन सहोदय के सचिव सतीश कुमार झा ने बताया कि कक्षा 1-5वीं और 9-12वीं में प्राइवेट स्कूलों में शिक्षकों के कई पद खाली हो गए हैं। बड़ी संख्या में साईंस विषय के शिक्षकों की कमी हो गई है। सबसे अधिक कमी 1-5वीं और 9-12वीं में है। 9-12वीं में फिजिक्स, मैथ, केमेस्ट्री में दर्जनों स्कूल में पद खाली हो गए हैं। विभिन्न स्कूल के शिक्षकों ने कहा कि ऊपर की कक्षाओं में पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं मिल रहे हैं।
आपको बताते चलें कि, सीबीएसई में न सिर्फ केवल बोर्ड परीक्षाओं की कॉपी जांच को लेकर बल्कि बोर्ड के नियम के अनुसार भी सेक्शन और छात्रों की संख्या पर शिक्षकों का अनुपात तय है। अधिकांश स्कूलों में यह अनुपात गड़बड़ा गया है। ऐसे में बोर्ड के निर्देशानुसार 30 नवम्बर से पहले नई नियुक्ति कर रिपोर्ट अपलोड कर देनी है। ऐसा नहीं करने वाले स्कूल जांच के घेरे में होंगे।