महाराष्ट्र चुनाव से पहले मुंबई के एक होटल में केंद्रीय गृह मंत्री की बैठक में अवरोध उत्पन्न करने के आरोप में एक शख्स को अरेस्ट किया गया है। ये शख्स कानपुर का रहने वाला 53 वर्षीय प्रकाश भार्गव नाम का शख्स है। वो नकली मीडिया पहचान पत्र का इस्तेमाल कर अमित शाह की बैठक में सुरक्षा में सेंध लगाकर पहुंचा था।
यह घटना रविवार को बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स के एक होटल में हुई। इस शख्स ने लाल इमली मिल घोटाले की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए इस मुद्दे पर शोर मचाया और गृह मंत्री की ओर कागज फेंककर कार्यवाही को बाधित किया।
हालांकि सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत हस्तक्षेप कर भार्गव को बैठक से बाहर कर दिया और बाद में उसे स्थानीय पुलिस को सौंप दिया। इस अवज्ञा के कारण उसे गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि भार्गव के खिलाफ ये पहला मामला नहीं है। इससे पहले इसके खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के लिए उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।
प्रकाश भार्गव ने शाह की बैठक में ये हरकत कानपुर में लाल इमली मिल घोटाले को लेकर हताश होने के चलते की। उनके लगातार प्रयासों के बावजूद इस पर पर्याप्त रूप से ध्यान नहीं दिया गया है। इस मुद्दे को लेकर उसाने दावा किया कि उनकी शिकायतों पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है।
इससे पहले प्रकाश भार्गव नाम के इस शख्स ने अप्रैल 2019 में, उन्हें दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव पर जूता फेंकने के लिए गिरफ्तार किया गया था, यह विरोध भी लाल इमली की देखरेख करने वाली संस्था बीआईसी के भीतर भ्रष्टाचार के मुद्दों से जुड़ा था।
भार्गव पहले बीआईसी की संपत्तियों को उनकी कीमत से काफी कम कीमत पर खरीदा था। हालांकि, जब मामले की सीबीआई जांच शुरू हुई, तो प्रक्रिया अचानक रोक दी गई। भार्गव का दावा है कि बीआईसी के भीतर भ्रष्टाचार के कारण उन्हें गलत तरीके से निशाना बनाया गया है। नवंबर 2018 में आयकर विभाग ने उनके आवास और सिविल लाइंस स्थित भार्गव अस्पताल पर छापेमारी की, जो उनके परिवार का घर भी है। छापेमारी में भार्गव और उनके परिवार के पास हजारों रुपये के पुराने नोट बरामद हुए।