बिहार में लगातार पुलों के गिरने की घटनाएं हो रही हैं. सारण के एक पुल की हालत खराब है. नेशनल हाईवे संख्या 19 गाज़ीपुर हाजीपुर पर छपरा के बिशनपुरा रेलवे फ्लाईओवर का निर्माण दो वर्ष पूर्व किया गया था. इस पुल के निर्माण से छपरा वासियों को जाम से काफी राहत मिली थी. छपरा शहर के कई इलाके जिसमें नेवाजी टोला चौक और अन्य इलाकों में प्रतिदिन लगने वाले जाम की समस्या खत्म हो गई थी. लेकिन, दो साल के अंदर ही पुल जर्जर हालत में पहुंच गया. स्थानीय लोगों ने इसको लेकर चिंता जतायी।
पुल कैसे हुआ जर्जर: जब से आरा छपरा वीर कुंवर सिंह सेतु चालू हुआ है तब से बालू लदे ट्रकों की आवाजाही बढ गयी. स्थानीय लोगों की मानें तो ट्रक ओवरलोडेट होता है. प्रतिदिन इस पुल से हजारों की संख्या में ओवरलोडेड बालू लदे ट्रक गुजरने लगे. इस वजह से पुल पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए. गड्ढे इतने बड़े हैं कि बीच पुल से नीचे की रेलवे लाइन दिखाई पड़ने लगी. आनन फानन में जिला प्रशासन द्वारा इस पुल को यातायात के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया गया।
एक साल से है बंद: आज लगभग एक वर्ष से यह पुल पूरी तरह से बंद है और छपरा शहर के लोग एक बार फिर जाम झेलने को मजबूर हैं. इस पुल के जीर्ण शीर्ण अवस्था को लेकर जिला प्रशासन,रेल प्रशासन और एन एच ए आई के अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं कि इस पुल की मरम्मत करायी जायेगा या पुननिर्माण होगा या जमींदोज होने के लिए छोड़ दिया जायेगा. बहरहाल अब यह देखना है की इस पुल की क्या स्थिति होती है।
बिहार में बहते पुल : बता दें कि 18 जून को अररिया में बकरा नदी पर बना पुल ध्वस्त हो गया था. इसके बाद 22 जून को सिवान में पुल गिरा तो वहीं 23 जून को मधुबनी में पुल की ढलाई के दौरान सेटिरिंग गिर गई थी. 26 जून को किशनगंज में 2011 में बना मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना का पुल धंस गया, एप्रोच पथ को भी काफी नुकसान हुआ. 28 जून को मधुबनी में भुतहा बलान नदी पर बना पुल का गर्डर बह गया।