13 साल पहले परिवार से बिछड़ गए थे भाई-बहन, अब जाकर मिले, फिल्म जैसी कहानी रुला देगी

13 Years Back family

हाथों में बेटा और बेटी की तस्वीर लिए दर-दर भटक रही मां को उम्मीद थी कि उसके बच्चे एक दिन जरूर लौटकर आएंगे। वह दोनों बच्चों को फिर से दुलार कर सकेगी। वह 13 वर्षों से अपने लापता बच्चों का इंतजार कर रही थी। मंगलवार को जैसे ही महिला ने अपने खोए हुए बच्चों की तस्वीर मोबाइल पर देखी तो वह भावुक होकर रोने लगी। बच्चे भी मां के आंसुओं को देखकर द्रवित हो गए। उन्होंने कहा कि जल्द ही हम तुमसे मिलने आएंगे और फिर वापस नहीं जाएंगे।

चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट नरेश पारस के संपर्क में कुछ दिन पहले बेंगलुरु का एक युवक एवं गुड़गांव की एक युवती आए। उन्होंने बताया कि वह आपस में भाई-बहन हैं। उन्होंने बताया कि 13 वर्ष पूर्व वह आगरा से लापता हो गए थे। उनको अपने परिवार के बारे में कोई जानकारी नहीं है। युवती ने अपनी मां की गर्दन पर जले के निशान बताए।

मां-बाप के नाम को लेकर भी वह आश्वस्त नहीं थे। जब लापता हुए थे तो लड़की की उम्र नौ वर्ष एवं लड़के की उम्र छह वर्ष थी। दोनों बच्चे 2010 में मेरठ में ट्रेन में मिले थे। पते के रूप में इन्होंने अपना घर बिलासपुर बताया। बिलासपुर मध्य प्रदेश में है तथा आगरा उत्तर प्रदेश में है। ऐसे में इनके घर का पता लगाना बड़ा मुश्किल था। मध्य प्रदेश में इस नाम के बच्चे लापता नहीं मिले।

ऐसे में उन्होंने आगरा गुमशुदा प्रकोष्ठ के अजय कुमार से संपर्क किया। आगरा से राखी तथा बबलू नामक लापता हुए बच्चों की जानकारी मांगी। अजय कुमार ने सभी थानों से जानकारी ली तो पता चला कि थाना जगदीशपुरा में यह दोनों बच्चे लापता दर्ज थे। पुलिस जब उनके घर पहुंची तो मां नहीं मिली। वह किराए पर रहती थी, मकान खाली करके जा चुकी थी। इसके बाद पुलिस ने खोजबीन की तो उसका पता शाहगंज के नगला खुशी में मिला। बच्चों के फोटो महिला को तथा महिला के फोटो बच्चों को दिखाए तो उन्होंने आपस में पहचान लिया।

मंगलवार को नरेश पारस और अजय कुमार महिला के पास पहुंचे। नरेश पारस ने अपने मोबाइल से दोनों बच्चों को व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल के माध्यम से कनेक्ट किया। बच्चों को देखते ही मां और नानी रोने लगे। मां को रोता देखकर बच्चे भी भावुक हो गए। नरेस पारस ने बताया कि एक-दो दिन में दोनों बच्चे मां के पास पहुंच जाएंगे।

Rajkumar Raju: 5 years of news editing experience in VOB.