सहोदर भाई-बहन का जलवा, तीनों बेटा-बेटी बना जज साहेब, पिता एक महीने पहले रिटायर हुए हैं
सगे भाई-बहन का पीसीएस-जे में चयन: एक परिवार में बने चार जज, बड़े भाई भी न्यायाधीश और पिता हुए हैं अभी रिटायर : आगरा की एत्मादपुर तहसील के छोटे से गांव नगला अर्जुन में रक्षाबंधन पर सगे भाई-बहन ने परिवार को ऐसा तोहफा दिया कि पूरे गांव में खुशियां छाई हुईं हैं। पिता जज से रिटायर हैं। बड़े भाई जज हैं और उसके बाद दोनों ने परिवार की इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए पीसीएस-जे में बाजी मारी है। भाई-बहन के चयन के बाद अब उनके घर में चार जज हो गए हैं।
एत्मादपुर तहसील के नगला अर्जुन के रहने वाले राजबहादुर सिंह मौर्य एक माह पहले जिला जज संवर्ग (प्रधान न्यायाधीश फैमिली कोर्ट) के पद से एटा से रिटायर हुए हैं। उन्होंने बताया कि उनके दो बेटे और एक बेटी है। बड़े बेटे अरिजीत सिंह का चयन 2018 में प्रथम प्रयास में हुआ था। इस समय वो भदोही जिले में सिविल जज के पद पर तैनात हैं। इसके बाद आज जब पीसीएस जे का परिणाम आया तो उसमें बेटी शैलजा और छोटा बेटा सुधांशु का भी न्यायिक सेवा में चयन हो गया। ये उनके लिए बहुत गर्व की बात है।
उन्होंने बताया कि बेटी शैलजा ने पीसीएस-जे में 51वां स्थान प्राप्त किया है। शैलजा को बैडमिंटन खेलने का बहुत शौक था। वे जिला लेवल की खिलाड़ी रही हैं। कक्षा नौ में आने के बाद उन्होंने तय कर लिया था कि उन्हें भी पिता की तरह न्यायिक सेवा में जाना है। उन्होंने राममनोहर लोहिया नेशनल लॉ कॉलेज लखनऊ से बीए एलएलबी किया। वो अपने बैच की गोल्ड मेडलिस्ट रहीं थीं। एलएलबी करने के बाद पूरा फोकस केवल पढ़ाई पर रहा। इस बीच बड़े भाई का चयन पीसीएस-जे में हो गया तो उनसे और प्ररेणा
वहीं शैलजा के छोटे भाई सुधांशु की भी पहले प्रयास में 276वीं रैंक आई है। बहन शैलजा और भाई सुधांशु ने बताया कि बड़े भाई अरिजीत के चयन के बाद उनकी किताबें और नोट्स रखे थे। दोनों भाई बहनों ने उनकी किताबों से तैयारी की। उन्होंने किसी भी तरह की कोचिंग नहीं ली। घर पर रह कर ही स्टडी करते थे। शैलजा ने बताया कि पहले वो एक टॉपिक तैयार करती थीं तो दूसरे दिन भाई। इस तरह वो साथ पढ़ते थे। किसी तरह की परेशानी होने पर बड़े भाई की मदद लेते थे। वहीं पिता भी उनको गाइड करते रहते थे।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.