ऐसा लगता है कि बिहार में सरकारी नौकरी देने वाला आयोग वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की गति की तरह काम कर रहा है.शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में बिहार लोक सेवा आयोग(BPSC) ने एक माह के अंदर परीक्षा और रिजल्ट देकर ज्वाइनिंग लेटर दिलवा दिया तो बिहार तकनीकी सेवा आयोग(BTSC) उससे भी एक कदम आगे बढ़कर काम करना चाहती है।
बीटीएससी ने 10709 ANM के पदों के लिए 5,11 और 12 जनवरी को तीन पलियों में पटना समेत की जिलों में परीक्षा ली थी.परीक्षा के एक दिन बाद यानी 13 जनवरी को ही उसने परीक्षा देने वाली अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच के लिए तारीखों की घोषणा कर दी है.आयोग ने अभ्यर्थियों का रजिस्ट्रेशन नंबर जारी करते हुए 20 जनवरी से 02 फरवरी तक दो पालियों में प्रमाणपत्रों की जांच के लिए अभ्यर्थियों को बुलाया है।
मिली जानकारी के अनुसार बीटीएससी ने अभी वैसे अभ्यर्थियों को प्रमाणपत्रों की जांच के लिए बुलाया है जिन्होंने आवेदन के समय ANM के रूप में सरकारी अस्पतालों में स्थायी या संविदा के आधार पर कार्य करने का अनुभव की जानकारी दी थी.इन अभ्यर्थियों के लिए कार्यानुभव के कागजात के साथ ही सभी मूल प्रमाणपत्र साथ लेकर आने को कहा है कि ताकि ऑनलाइन लिखित परीक्षा में सफल होने पर इनकी दुबारा से कागजात की जांच करने की जररूत न पड़े.कार्यानुभव का प्रमाण पत्र बनाने के लिए आयोग ने अपने वेबसाइट पर फार्मेट अपलोड किया है जिसे अभ्यर्थी अपने लॉगिन पासवर्ड के जरिए वेबसाइट को ओपन करके फार्मेट को डाउनलोड कर सके।
प्रमाणपत्रों की जांच रिजल्ट से पहले ही कराने के पीछे के उद्धेश्य की जानकारी देते हुए बीटीएससी ने अपने वेबसाइट पर लिखा है कि अभ्यर्थियों की ज्यादा संख्या होने की वजह से ऐसा कराया जा रहा है.ताकि कम से कम समय में भर्ती की प्रकिया को पूरी की जा सके.इसका मतलब है कि अनुभव वाले अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट की जांच 20 जनवरी से 2 फरवरी तक होगी.और संभव है कि इससे पहले या तुरंत बाद पूरी रिजल्ट दे दी जाय और सफल अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की जांच शुरू कर दी जाय और अंतम परिणाम जल्दी से जारी कर लोकसभा चुनाव की अधिसूचना से पहले नियुक्तिपत्र देने की प्रकिया पूरी कर ली जाय,क्योंकि बिहार की नीतीश और तेजस्वी की सरकार ने सभी आयोग से जल्द से जल्द भर्ती प्रकिया पूरी करने का निर्देश दिया है।