बूढ़ी गंडक खतरे के निशान के करीब, जिला प्रशासन अलर्ट पर
जिले में बूढ़ी गंडक का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। लगातार बढ़ते पानी के कारण नदी अब खतरे के निशान पर पहुंच गई है। इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने नोटिस जारी किया है।
हालांकि गंडक और बागमती नदी अभी भी खतरे के निशान से काफी नीचे हैं। कई जगहों पर बूढ़ी गंडक की सहायक नदी लखनदेई का जलस्तर लाल निशान से ऊपर बना हुआ है। अगले दो-तीन दिनों में इसके जलस्तर में कमी आने की संभावना है।
इतने मीटर की वृद्धि
कल यानी रविवार को बूढ़ी गंडक के जलस्तर में मामूली वृद्धि दर्ज की गई थी। रविवार की रिपोर्ट के अनुसार पिछले 24 घंटे में 0.12 मीटर की वृद्धि के साथ यह रात 8 बजे तक 51.69 मीटर पर बह रही थी। इस संख्या के साथ बूढ़ी गंडक लाल निशान से करीब 0.73 मीटर नीचे है। बेनीबाद में बागमती नदी का जलस्तर लगातार स्थिर बना हुआ है।
जिला प्रशासन ने जारी किया नोटिस
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बूढ़ी गंडक का जलस्तर वर्ष 1987 के बाद इतना बढ़ा है। इसके कारण जिले में आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर इसके तटबंध पर दबाव बढ़ गया है। तटबंध पर दबाव को देखते हुए जिला प्रशासन ने लोगों के हित में बुलेटिन जारी किया है। जारी बुलेटिन के अनुसार एक से दो दिनों के अंदर बूढ़ी गंडक का जलस्तर कम होने की उम्मीद है। प्रशासन ने लोगों से घबराने की अपील नहीं की है। बता दें, शहर के संगम घाट और लकड़ीढाई इलाके में बाढ़ का पानी घुसने के कारण लोग अभी से सुरक्षित स्थानों पर जाने लगे हैं।