भैंस चराने वाला लड़का बना IAS, अनपढ़ रहने के बाद भी माँ-बाप ने बना दिया लाट साहेब

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माता-पिता थे अनपढ़, पटवारी की नौकरी के साथ की तैयारी और बने अफ़सर :

मिंटू के पिता किसान और मां गृहणी हैं. मिंटू बचपन में अपने माता-पिता के साथ खेतों पर जाते थे और उन्हें इसी में आनंद आता था. हालांकि मां पढ़ाई को लेकर सख्त थी इसलिए उन्होंने मिंटू को जबरदस्ती स्कूल भेजा जिसमें उनका बिलकुल मन नहीं लगता था. खैर एक सामान्य सरकारी स्कूल से उनकी शिक्षा हुई. बिजली की भी सुविधा न होने के कारण मिंटू कभी दिया जलाकर पढ़ते थे तो कभी पास वाले मंदिर में लगे बल्ब की रोशनी में. इस प्रकार उनकी शुरुआती शिक्षा पूरी हुई. पैसों की तंगी के कारण मिंटू ने जल्द ही प्रतियोगी परीक्षाएं देना आरंभ कर दी थी और 12वीं के बाद ही पटवारी की नौकरी करने लगे. हालांकि इस पटवारी को अधिकारी बनना था इसलिए वे यहां नहीं रुके और निरंतर परीक्षाएं देते गए।

यूजीसी नेट जेआरएफ के लिए भी हुआ चयन 

जब मिंटू इतिहास विषय के साथ अपने लगाव या पुराने जुड़ाव को समझाते हैं तो पता चलता है कि ग्रेजुएशन से लेकर पोस्ट ग्रेजुएशन यहां तक कि नेट परीक्षा में भी मिंटू के पास इतिहास विषय ही था. इस विषय से इतने पुराने नाते के कारण ही मिंटू ने इसे ही यूपीएससी परीक्षा का ऑप्शनल बनाया जो काफी फायदेमंद भी साबित हुआ. दोनों ही प्रयासों में मिंटू के इतिहास विषय में काफी अच्छे अंक आए थे. पहले अटेम्प्ट में मिंटू का सेलेक्शन नहीं हुआ था लेकिन उनके ऑप्शनल में अच्छे अंक थे. उन्होंने इसी विषय से यूजीसी नेट जेआरएफ भी क्वालीफाई किया था।

मिंटू का मानना है कि इतिहास विषय हिंदी मीडियम वालों के लिए एक अच्छा विकल्प है अगर उन्हें इस विषय में रुचि है. जहां तक उनकी अपनी बात है तो उन्होंने हमेशा से इसी विषय से पढ़ाई की थी और ये विषय स्कोरिंग भी है इसलिए उन्होंने इतिहास

मिंटू इतिहास विषय की तैयारी के लिए पिछले साल के प्रश्न-पत्र देखने पर खासा जोर देते हैं. वे कहते हैं कि पिछले सालों के प्रश्न-पत्र से आपको अंदाजा हो जाता है कि किस सब्जेक्ट से कैसे प्रश्न बनते हैं. पढ़ाई करना और कोई विषय तैयार कर लेने से काम नहीं चलता जब तक आप यह नहीं जान पाते कि इस एरिया से कैसे प्रश्न पूछे जा सकते हैं।

मिंटू आगे कहते हैं कि हर तीन-चार दिन में सिलेबस जरूर चेक करें. इतना और इस कदर की आपको सिलेबस रट जाए. इससे तैयारी करना आसान हो जाता है. ऐसे आप जब किसी किताब को पढ़ रहे होते हैं तो आपको पता होता है कि इस एरिया से ज्यादा क्वैश्चंस आ सकते हैं।

इतिहास की तैयारी के लिए मिंटू मैप्स को बहुत महत्व देते हैं. वे कहते हैं कि अगर आपने मैप्स ठीक से तैयार कर लिए तो समझिए आपके 30 से 40 नंबर पक्के हुए. इसलिए मैप्स की तैयारी अच्छे से करें और जिस भी प्रश्न में मैप बनाने की जरा भी संभावना हो तो मैप जरूर बनाएं।

अगली जरूरी चीज है टेस्ट सीरीज देना. मिंटू कहते हैं कि टेस्ट चाहे ऑनलाइन दें चाहें ऑफलाइन लेकिन जरूर दें. इससे आपकी प्रैक्टिस होती है, कमियां पता चलती हैं जिन पर आप वर्क कर सकते हैं और पेपर जैसे माहौल में परीक्षा देने की आदत भी पड़ती है. बाकी परीक्षा की तैयारी के लिए स्टैंडर्ड बुक्स ही चुनें. एक स्तर तक तैयारी पहुंच जाए तो आंसर राइटिंग प्रैक्टिस करें और समय रहते अपनी कमजोरियों पर विजय पाएं तभी आप इस परीक्षा में सफल हो सकते हैं।

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