बस ड्राइवर का बेटा बना IAS अफसर, साइबर कैफे चलाकर और लोन लेकर करता था UPSC की तैयारी
एक कहानी है एक बस ड्राइवर के बेटे मोइन अहमद की. साल 2019 से यूपीएससी की तैयारी कर रहे मोइन ने अपने चौथे प्रयास में कामयाबी पाई है. उनकी 296 रैंक आई है. मुरादाबाद जिले के जटपुरा गांव निवासी मोइन के पिता रोडवेज में संविदा पर बस ड्राइवर हैं. पूरे परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी उनके ही कंधों पर है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मोइन की मां तसलीम जहां हाउसमेकर हैं. मोइन कुल चार भाई और एक बहन हैं. बड़े भाई दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं. मोइन दूसरे नंबर पर हैं. मोइन बताते हैं कि परिवार में तमाम आर्थिक मुश्किलें हैं. लेकिन उन्हें कभी इन परिस्थितियों से डर नहीं लगा. उन्हें अपने आसपास की समस्याएं देखकर सिविल सेवा में ख्याल आया. लेकिन जब तैयारी के लिए कोचिंग के बारे में सोचा तो आर्थिक समस्या पहले से ही दीवार बनकर खड़ी मिली. मोइन ने इस बाधा को पार करने के लिए 2016 में एक साइबर कैफे शुरू किया. अगले दो साल तक साइबर कैफे के जरिए कोचिंग के लिए पैसे जुटाए और 2019 में कोचिंग के लिए दिल्ली चले गए।
दिल्ली में रहने के लिए लेना पड़ा लोन
मोइन बताते हैं कि दिल्ली आकर कुछ दिन में ही बचत के रुपये खत्म हो गए. इसके बाद दिल्ली में रहने के लिए उन्हें ढ़ाई लाख का लोन लेना पड़ा. जिसमें से अब तक एक लाख रुपये चुका चुके हैं. मोइन बताते हैं कि उन्हें हमेशा से ही जोखिम लेने की आदत है. जब साइबर कैफे चलाकर उन्हें हर महीने 30 से 40 हजार रुपये तक कमाई हो रही थी तो उन्होंने यूपीएससी क्रैक करने के सपने लेकर दिल्ली आना चुना।
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