बिहार में विधानसभा की 4 सीटों पर उपचुनाव: एनडीए के 3 उम्मीदवार तय
चुनाव आयोग ने आज महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव की तारीख का एलान के साथ साथ कई राज्यों में विधानसभा की खाली सीटों पर उप चुनाव की भी घोषणा कर दी है. इसमें बिहार की चार विधानसभा सीटें भी शामिल हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में चार विधायकों के सांसद चुने जाने के कारण ये सीट खाली हुई हैं. इन चार सीटों में से तीन पर एनडीए ने अपने उम्मीदवार तय कर लिये हैं. वैसे, चौथे सीट पर भी प्रत्याशी तय था लेकिन बीच में हुए घटनाक्रम से वहां उम्मीदवार बदले जाने की संभावना है. वैसे, विधानसभा की 4 सीटों पर इस उप चुनाव को सत्ता का सेमीफाइनल माना जा रहा है.
एनडीए में ऐसे हुआ सीटों का बंटवारा
बिहार में जिन चार सीटों पर उप चुनाव होना है, उनमें गया जिले की इमामगंज और बेलागंज विधानसभा सीट, भोजपुर जिले की तरारी विधानसभा सीट और कैमुर जिले की रामगढ़ विधानसभा सीट शामिल है. इमामगंज के विधायक जीतन राम मांझी, बेलागंज के विधायक सुरेंद्र यादव, तरारी के विधायक सुदामा प्रसाद औऱ रामगढ़ के विधायक सुधाकर सिंह के सांसद चुन लिये जाने के कारण ये सीटें खाली हुई हैं.
इन चार सीटों पर एनडीए में शामिल पार्टियों ने बंटवारा कर लिया है. बीजेपी के हिस्से तरारी औऱ रामगढ़ विधानसभा सीट आय़ी है. वहीं, इमामगंज सीट से जीतन राम मांझी की पार्टी हम चुनाव लड़ने जा रही है. जेडीयू के हिस्से बेलागंज सीट आयी है.
जीतन राम मांझी परिवार से एक और राजनीति में
बिहार में विधानसभा की जिन चार सीटों पर उप चुनाव हो रहा है, उनमें से तीन पर एनडीए ने अपना उम्मीदवार तय कर लिया है. गया जिले की इमामगंज सीट हम पार्टी के जिम्मे आयी है औऱ जीतन राम मांझी ने उस सीट से अपने एक और बेटे को राजनीति में उतारने का फैसला लिया है. मांझी के एक बेटे संतोष कुमार सुमन पहले से ही राजनीति में हैं और बिहार सरकार में मंत्री हैं. अब जीतन राम मांझी के दूसरे बेटे अरविंद कुमार सुमन इमामगंज सीट से हम पार्टी के उम्मीदवार बनने जा रहे हैं.
बीजेपी के दो उम्मीदवार तय
बीजेपी ने अपने हिस्से आयी तरारी और रामगढ़ सीट के लिए उम्मीदवार तय कर लिये हैं. तरारी से बीजेपी की ओऱ से बाहुबली पूर्व विधायक सुनील पांडेय के बेटे संदीप पांडेय को उम्मीदवार बनाया जाना तय है. सुनील पांडेय ने करीब दो महीने पहले अपने बेटे संदीप पांडेय के साथ बीजेपी का दामन थामा था. उसी समय से ये तय था कि संदीप पांडेय को तरारी से उम्मीदवार बनाया जायेगा.
वहीं, कैमुर जिले की रामगढ सीट से बीजेपी ने पूर्व विधायक अशोक कुमार सिंह को उम्मीदवार बनाने का फैसला लिया है. अशोक कुमार सिंह 2015 के विधानसभा चुनाव में रामगढ़ से विधायक चुने गये थे. हालांकि वे 2020 का विधानसभा चुनाव हार गये थे.
बेलागंज सीट का मामला अटका
एनडीए में सिर्फ एक सीट का मामला अटक गया है. ये बेलागंज सीट है, जो जेडीयू के हिस्से आयी है. दरअसल इस सीट से जेडीयू ने गया के बाहुबली परिवार से आने वाली पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी या उनके बेटे रॉकी यादव को उम्मीदवार बनाने का फैसला लिया था. लेकिन पिछले महीने उनके घर पर एनआईए की रेड पड़ी थी. नक्सलियों से सांठगांठ के आरोप में एऩआईए ने मनोरमा देवी के घर समेत कई अन्य ठिकानों पर छापेमारी की थी. छापेमारी के दौरान करोड़ों रूपये भी बरामद हुए थे, जिन्हें गिनने के लिए बैंक से मशीन मंगवानी पड़ी थी.
जेडीयू के एक नेता ने बताया कि इस छापेमारी के बाद मनोरमा देवी या उनके बेटे को कैंडिडेट बनाने की संभावना खत्म हो गयी है. अब वहां से नया उम्मीदवार तलाशा जा रहा है. जेडीयू ने पहले यादव उम्मीदवार खड़ा करने का फैसला लिया था. लेकिन अब एक कुशवाहा नेता को प्रत्याशी बनाने पर विचार किया जा रहा है. हालांकि अभी नाम फाइनल नहीं हुआ है.
सत्ता का सेमीफाइनल है उपचुनाव
विधानसभा की चार सीटों पर उप चुनाव को सत्ता का सेमीफाइनल माना जा रहा है. बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने जा रहा है. उससे पहले चार सीटों पर उप चुनाव है. इसमें जिस पार्टी या गठबंधन को बढ़त मिलेगी, उसके हौंसले बुलंद होंगे. हालांकि चार सीटों पर जीत हार से बिहार की सरकार पर कोई असर पड़ने वाला नहीं है.
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.