मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने मोहन यादव को राज्य की कमान सौंपने का फैसला किया है. बीजेपी ने मध्यप्रदेश में सीएम पद के लिए मोहन यादव के नाम एलान कर दिया. मोहन यादव अब मध्य प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री होंगे. वहीं मध्य प्रदेश में मोहन यादव के सीएम मनोनीत होने की खबरों से उत्तर प्रदेश की राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज है.
लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए बीजेपी का यह चक्रव्यूह यूपी के समीकरण बिगाड़ सकता है. इसका सबसे अधिक असर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर भी पड़ सकता है. क्योंकि मोहन यादव भी यादव समाज से आते हैं और इधर यूपी में यादव वोट बैंक सपा का खास माना जाता है. इससे साफ है कि यूपी में अखिलेश यादव की टेंशन बढ़ सकती हैं.
उत्तर प्रदेश में से करीब 10 से 12 फीसदी वोटर्स यादव समुदाय के हैं और इसे सपा का कोर वोटर माना जाता है. हालांकि बीजेपी ने लोकसभा चुनाव को देखते हुए ऐसा चक्रव्यूह रचा है जो सपा के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है. बीजेपी ने मध्य प्रदेश में मोहन यादव को सीएम बनाकार यूपी का भी जातिगत समीकरण साधने की कोशिश की है. बीजेपी का फोकस इस बार यादव समाज पर भी रहेगा और इसके लिए वह पूर्वांचल में भी तैयारी कर रही है. लोकसभा चुनाव 2019 में सपा ने 5 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जिसमें दो सीट आजमगढ़ और रामपुर में हुए उपचुनाव में बीजेपी ने जीत दर्ज कर ली.
माना जा रहा है कि बीजेपी ने लोकसभा चुनाव को देखते हुए यूपी, बिहार और हरियाणा के यादव वोटर्स को साधने के लिए यह प्लान तैयार किया है.जहां बिहार में यादव वोटर्स की आबादी 14.26 प्रतिशत है तो वहीं हरियाणा की कुल जनसंख्या के 10 प्रतिशत यादव वोटर्स हैं.