एक देश एक चुनाव विधेयक को कैबिनेट की मंजूरी

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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को एक देश एक चुनाव को लागू करने संबंधी विधेयकों को मंजूरी दे दी। देश भर में लोकसभा, विधानसभा और निकाय चुनाव एक साथ कराने के लिए इससे संबंधित तीन विधेयकों को मंजूरी दी गई है। सूत्रों के अनुसार इन विधेयकों को संसद के चल रहे शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है।

संसदीय समिति को भेजा जाएगा बिल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में विधेयकों को मंजूरी दी गई। सूत्रों ने कहा, संभावना है कि शीत सत्र में इन्हें संसद में पेश कर संयुक्त संसदीय समिति को भेजा जाए ताकि इसके प्रावधानों को लेकर विपक्ष के साथ व्यापक परामर्श हो सके। सरकार समिति के माध्यम से विधेयक पर राज्य विधानसभाओं के अध्यक्षों से भी परामर्श चाहती है।

कई संशोधनों का प्रस्ताव 

सूत्रों के अनुसार, प्रस्तावित विधेयकों में से एक में नियत तिथि से जुड़े उप-खंड (1) जोड़कर अनुच्छेद 82ए में संशोधन का प्रस्ताव है। इसमें लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के कार्यकाल को एक साथ समाप्त करने से जुड़े अनुच्छेद 82ए में उप-खंड (2) शामिल करने का भी प्रयास होगा। साथ ही, अनुच्छेद 83(2) में संशोधन और लोकसभा की अवधि एवं उसे भंग करने से जुड़े नए उप-खंड (3) और (4) सम्मिलित करने का प्रस्ताव है।

50 राज्यों से अनुमोदन की जरूरत नहीं 

समिति की सिफारिश में कहा गया है कि इस विधेयक को कम से कम 50 राज्यों से अनुमोदन की जरूरत नहीं होगी, मगर लोकसभा और राज्य विधानसभाओं को छोड़कर स्थानीय निकाय चुनाव एक साथ कराने को कम से कम 50 राज्य विधानसभाओं के अनुमोदन की आवश्यकता होगी, क्योंकि यह राज्य के मामलों से संबंधित है।

लोकसभा में शुक्रवार और शनिवार को संविधान पर बहस की तैयारी है। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस ने अपने सांसदों को सदन में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी किया है। 14 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहस का जवाब देंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 16 दिसंबर को राज्यसभा में बहस शुरू करेंगे।

समिति ने इन कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव दिया

जिन कानूनों में संशोधन प्रस्ताव है, उनमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम-1991, केंद्र शासित प्रदेश सरकार अधिनियम-1963 और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम-2019 शामिल हैं। समिति ने तीन अनुच्छेदों में संशोधन, मौजूदा अनुच्छेदों में 12 नए उप-खंडों को शामिल करने का प्रस्ताव दिया है।

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