‘BPSC 70वीं प्रीलिम्स परीक्षा रद्द करो, फिर से लो Exam’, अभ्यर्थियों ने किया प्रदर्शन
पटना : बीपीएससी 70वीं संयुक्त प्रतियोगिता की प्रीलिम्स परीक्षा जो 13 दिसंबर को प्रदेश के 912 केंद्रों पर आयोजित की गई उसे रद्द करने की मांग होने लगी है. आयोग ने 911 परीक्षा केंद्र की परीक्षा को निष्पक्ष बताया है और पटना के बापू परीक्षा परिसर के केंद्र की परीक्षा को रद्द कर दिया है. इस दिन अभ्यर्थियों ने काफी बवाल किया था.
BPSC अभ्यर्थियों का प्रदर्शन
बता दें कि केंद्र पर प्रश्न पत्र देरी से मिलने का मामला सामने आया था. 12000 परीक्षार्थियों की परीक्षा पड़ी थी, लेकिन 5500 ओएमआर शीट ही जमा हो पाए थे. आयोग ने इन 12000 अभ्यर्थियों के लिए फिर से परीक्षा करने की घोषणा की है. लेकिन कई अभ्यर्थी अब पूरी परीक्षा को रद्द कर प्रीलिम्स परीक्षा को दोबारा से पारदर्शी तरीके से आयोजित करने की मांग कर रहे हैं.
री एग्जाम की डिमांड
बुधवार को पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पर सैकड़ों छात्र अपने को बीपीएससी अभ्यर्थी बताते हुए पूरी परीक्षा को रद्द करने की मांग करते हुए जमकर हंगामा किया. छात्र नेता दिलीप ने इन अभ्यर्थियों का समर्थन किया और वह भी धरना स्थल पर मौजूद रहे. इस दौरान अभ्यर्थियों ने पोस्टर लेकर आयोग के खिलाफ नारेबाजी की.
प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का नारा है- ‘एक ही नारा एक ही मांग- री एग्जाम, री एग्जाम’. इस प्रदर्शन को छात्र सत्याग्रह का नाम दिया गया है. छात्र नेता दिलीप का कहना है कि यह प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक आयोग पूरी परीक्षा को रद्द करने का निर्णय नहीं लेता है.
‘पूरी परीक्षा की सीसीटीवी जारी हो’
छात्र नेता दिलीप ने कहा कि सिर्फ एक सेंटर की नहीं बल्कि सारे सेंटर की परीक्षा रद्द कराकर री-एग्जाम करवाया जाए. एक परीक्षा केंद्र की परीक्षा रद्द हो गई लेकिन आयोग उस दिन के बाकी 911 सेंटरों का CCTV फुटेज जारी करे. उन्हें परीक्षा के पारदर्शी होने का भरोसा नहीं है.
”सिर्फ एक परीक्षा केंद्र के 12000 परीक्षार्थियों के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित की जा रही है. ऐसे में इन अभ्यर्थियों को या तो कठिन प्रश्न मिल जाएंगे या आसान प्रश्न मिल जाएंगे. कठिन मिले तो इन अभ्यर्थियों के साथ अन्याय होगा और यदि आसान मिल गया तो 911 परीक्षा केंद्र के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय होगा.”- दिलीप, छात्र नेता
‘परीक्षा की उच्च स्तरीय जांच हो’
छात्र नेता दिलीप ने कहा कि आयोग कह रहा है कि परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन लागू नहीं होगा. ऐसे में सवाल यह है कि जब एक ही परीक्षा के लिए दो अलग-अलग दिन एग्जाम होंगे तो कट ऑफ का निर्धारण कैसे किया जाएगा. उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि इस पूरी परीक्षा को रद्द कर दोबारा परीक्षा आयोजित की जाए और आयोग के अध्यक्ष इस्तीफा दें.
”सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में इस पूरी परीक्षा की उच्च स्तरीय जांच हो. हमें संदेह है कि इस परीक्षा में सेंटर मैनेज करने की भरपूर कोशिश की गई है.”- दिलीप, छात्र नेता
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