बिहार में कास्ट सर्वे रिपोर्ट जारी होने के बाद पूरे देश में सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है। भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर ज्यादातर पार्टियां इसका समर्थन कर रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार क्रेडिट लेने की होड़ में लालू यादव से आगे निकलते दिख रहे हैं। बिहार में विपक्षी दल (खासकर बीजेपी) इसको लेकर सरकार पर हमलावर है। उनका आरोप है कि डेटा में गड़बड़ी की गई है। अब इस पर लालू यादव ने हमला बोला है।
लालू यादव ने ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि ‘जातिगत जनगणना के विरुद्ध जो भी लोग है वो इंसानियत, सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक बराबरी और समानुपातिक प्रतिनिधित्व के खिलाफ है। ऐसे लोगों में रत्तीभर भी न्यायिक चरित्र नहीं होता है।
किसी भी प्रकार की असमानता और गैरबराबरी के ऐसे समर्थक अन्यायी प्रवृत्ति के होते हैं, जो जन्म से लेकर मृत्यु तक केवल और केवल जन्मजात जातीय श्रेष्ठता के आधार और दंभ पर दूसरों का हक खाकर अपनी कथित श्रेष्ठता को बरकरार रखना चाहते हैंकैंसर का इलाज सिरदर्द की दवा खाने से नहीं होगा।’
इससे पहले लालू यादव के बेटे और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने देशभर में जातीय सर्वे कराने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि अब तो पूरे देश में जातिगत गणना की मांग उठी है, होना भी चाहिए। देशभर में कास्ट सर्वे होनी चाहिए। सरकारें उसी हिसाब से तो नीतिगत फैसले लेंगी। पूरे देश में जातिगत गणना होनी चाहिए।