आरएसएस ने जातीय जनगणना और महिला सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दों पर महत्वपूर्ण बयान देते हुए समाज की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए जातीय जनगणना को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर की हैं, जबकि महिला सुरक्षा के लिए नए कदम उठाने की बात कही। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना से समाज की एकता और अखंडता को खतरा हो सकता है। पंच परिवर्तन के तहत इस पर चर्चा की गई है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा कि, ‘जातीय जनगणना संवेदनशील विषय हैं। इससे समाज की एकता और अखंडता को कायम करने के लिए हम मास लेवल पर समरसता को लेकर काम करेंगे। वैसे यही गणना कल्याणकारी उद्देश्यों के लिए बहुत ही ज्यादा लाभदायक हो सकता है। विशेष रूप से दलित समुदाय के लिए। हमारे समाज में जातिगत प्रतिक्रियाओं का संवेदनशील मुद्दा है और यह राष्ट्रीय एकीकरण के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन जाति जनगणना का इस्तेमाल चुनाव प्रचार और चुनावी उद्देश्यों के लिए कराना काफी निंदनीय है।
कोलकाता में महिला ट्रेनी डॉक्टर के रेप-हत्याकांड मामले को लेकर दुख जाहिर करते हुए आरएसएस ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला कानूनों में संशोधन की आवश्यकता है। उक्त बातों की चर्चा आरएसएस की बैठक में बंगाल, वायनाड और तमिलनाडु में हुई घटनाओं पर भी गंभीर चर्चा की गई। साथ ही बताया कि महिलाओं के लिए कानूनी, जागरूकता, संस्कार, शिक्षा और आत्मरक्षा शामिल हैं।