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सावधान! इन इलाकों में तेज बारिश का अलर्ट , ओले गिरने की भी चेतावनी

आज मौसम का मिजाज बदलने वाला है।नए वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के चलते अगले छह दिनों तक पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में भारी बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है।

आज मौसम का मिजाज बदलने वाला है. नए वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के चलते अगले छह दिनों तक पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में भारी बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है. वहीं 19-22 फरवरी के बीच उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. इसके अलावा, आज अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय और नगालैंड में भी बारिश की संभावना है. साथ ही साथ, पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र जैसे, जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में आज से लगाकर अगली 22 फरवरी तक तेज बारिश और बर्फबारी हो सकती है।

गौरतलब है कि, बीते दिन शुक्रवार को पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली में न्यूनतम तापमान 7-12 डिग्री सेल्सियस के बीच रिकॉर्ड किया गया था. वहीं मध्य प्रदेश और विदर्भ के कई इलाकों में ओलावृष्टि दर्ज की गई. हरियाणा में कुछ हिस्से ऐसे भी थे, जहां शीतलहर का कहर भी देखने को मिला।

हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार

बता दें कि, 21-24 फरवरी के बीच नॉर्थईस्ट के कुछ राज्यों में हल्की से मध्यम बारिश होने जा रही है, वहीं जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड पहाड़ी राज्यों में बारिश और बर्फबारी के साथ-साथ बिजली कड़कने और आंधी तूफान की भी चेतावनी जारी की गई है. साथ ही साथ इन इलाकों में अगले सोमवार यानि 19 फरवरी को बहुत ज्यादा तेज बारिश रिकॉर्ड होने की संभावना है।

ज्ञात हो कि, 18 और 19 फरवरी को जम्मू डिविजन, 18-20 फरवरी के बीच उत्तराखंड में ओले गिरने की चेतावनी है. इसके अलावा 19-21 फरवरी के बीच पंजाब, हिरयाणा, दिल्ली, चंडीगढ़ में हल्की से मध्यम बारिश भी होगी, जिसका असर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 19-22 फरवरी, पूर्वी यूपी और उत्तरी मध्य प्रदेश में 20-22 फरवरी, उत्तरी राजस्थान में 29-20 फरवरी को देखा जाएगा।

बिहार के इन जिलों में 13 से 15 फरवरी तक आ सकता है आंधी-तूफान, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

मौसम विभाग ने दक्षिण बिहार के कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद एवं गया जिले के लिए अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में 13 से 15 फरवरी तक आंधी तूफान के साथ-साथ ओलावृष्टि व वज्रपात गिरने की संभावना जतायी है। यहां हल्की से मध्यम स्तर की बारिश होगी। मौसम विभाग ने किसानों को यह सलाह दी है कि वे अपनी फसलों का सुरक्षित भंडारण कर लें ताकि फसलों का बचाव हो सके।

बारिश और मानसून को लेकर मौसम विभाग ने की भविष्यवाणी, किसानों के लिए राहत भरी खबर

 मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि 2023 को गर्म मौसम वाला वर्ष बनाने के बाद ‘अल नीनो’ की स्थितियां इस वर्ष जून तक खत्म हो जाएंगी, जिससे इस बार मानसून की अच्छी वर्षा होने की उम्मीद बढ़ गई है।

दो वैश्विक जलवायु एजेंसियों ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि दुनियाभर के मौसम को प्रभावित करने वाला ‘अल नीनो’ कमजोर होना शुरू हो गया है और अगस्त तक ‘ला नीना’ की स्थितियां बनने की संभावना है। ‘अल नीनो’ भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर के जल के गर्म होने की प्रक्रिया है।

इस साल अच्छी बारिश की उम्मीद

घटनाक्रम पर करीबी नजर रख रहे भारत के मौसम विज्ञानियों ने कहा है कि जून-अगस्त तक ‘ला नीना’ की स्थितियां बनने का मतलब यह हो सकता है कि इस वर्ष मानसून की वर्षा पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर होगी।

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पूर्व सचिव माधवन राजीवन ने कहा, ‘अगर अल नीनो, ईएनएसओ (अल नीनो साउदर्न ओस्सीलेशन) न्यूट्रल स्थितियों में परिवर्तित हो गया, तो भी इस वर्ष मानसून पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर रहेगा।’

जून-अगस्त में ला नीना विकसित होने की 55 प्रतिशत संभावना

अमेरिका के राष्ट्रीय समुद्री और वायुमंडलीय प्रशासन (एनओएए) ने पिछले सप्ताह कहा था कि इस बात की 79 प्रतिशत संभावना है कि ‘अल नीनो’ अप्रैल-जून तक ‘ईएनएसओ-न्यूट्रल’ में परिवर्तित हो जाएगा और जून-अगस्त में ‘ला नीना’ विकसित होने की 55 प्रतिशत संभावना है। यूरोपीय संघ की कापरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस ने भी पुष्टि की कि ‘अल नीनो’ कमजोर पड़ने लगा है।

ला नीना, अल नीनो का चक्रीय प्रतिरूप है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के वरिष्ठ विज्ञानी डी. शिवानंद पई ने कहा, ‘अभी हम निश्चित तौर पर कुछ नहीं कह सकते। कुछ माडल ला नीना का संकेत दे रहे हैं, जबकि कुछ ईएनएसओ-न्यूट्रल दशाओं का संकेत दे रहे हैं। हालांकि, सभी माडल अल नीनो समाप्त होने का संकेत दे रहे हैं।’ पई ने कहा, ‘अगर ला नीना विकसित होता है तो मौजूदा वर्ष, 2023 से ज्यादा गर्म नहीं होगा।’

क्या है अल नीनो?

अल नीनो इफेक्ट मौसम संबंधी एक विशेष घटना क्या स्थिति है, जो मध्य और पूर्वी प्रशांत सागर में समुद्र का तापमान सामान्य से अधिक होने पर बनती है। अल नीनो इफेक्ट की वजह से तापमान काफी गर्म हो जाता है।

इसकी वजह से पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में रहने वाला गर्म सतह वाला पानी भूमध्य रेखा के साथ पूर्व की ओर बढ़ने लगता है, जिससे भारत के मौसम पर असर पड़ता है। ऐसी स्थिति में भयानक गर्मी का सामना करना पड़ता है और सूखे के हालात बनने लगते हैं।

ज्ञानवापी मामला:वाराणसी में बंद को लेकर हाईअलर्ट

ज्ञानवापी के दक्षिणी तहखाने में पूजा की अनुमति से मुस्लिम समाज में रोष है। गुरुवार को अमानुल्लाहपुरा में हुई बैठक में शुक्रवार को ‘बनारस बंद’ का ऐलान किया गया। इसे देखते हुए शुक्रवार को जिले में हाईअलर्ट घोषित किया गया है।

जिले में शांति व्यवस्था कायम रखने और सौहार्द बनाये रखने के लिए तीन कंपनी पीएसी, आरएएफ के अलावा तीन जिलों से फोर्स मंगाई गई है। अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के महासचिव एवं शहर मुफ्ती ने शांतिपूर्ण ढंग से विरोध जताने की लोगों से अपील की है।

आदेश क्रियान्वयन स्थगित करने की गुहार ज्ञानवापी परिसर के व्यासजी तहखाना पर जिला जज की अदालत के आदेश का क्रियान्वयन 15 दिन के लिए स्थगित करने की मुस्लिम पक्ष ने गुरुवार को कोर्ट से गुहार लगाई है।

अर्जी पर कोर्ट ने वादी की ओर से आपत्ति दाखिल करने के लिए पांच फरवरी की तिथि नियत की है।

बिहार के इन जिलों में बारिश की संभावना, मोतिहारी में 5.2 डिग्री पहुंचा तापमान, अलर्ट जारी

पिछले कुछ दिनों से बिहार के मौसम में ठंड से थोड़ी राहत मिली है. धूप के साथ दिन के तापमान में बढ़ोतरी हुई है. हालांकि आज से फिर मौसम करवट ले सकता है. राज्य के कई जिलों में बद्रीनुमा मौसम के साथ बादल छाए रहने के आसार हैं. हल्की बारिश के भी संकेत हैं. इसे लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है.

मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार मंगलवार को पश्चिम बिहार और आसपास के क्षेत्र पर समुद्र तल से 0.9 किलोमीटर ऊपर एक चक्रवातीय परिसंचरण बना हुआ था वह अभी भी कायम है. इसके प्रभाव से आज गुरुवार (1 फरवरी) को राज्य के दक्षिण पश्चिम भाग के भभुआ, सासाराम, बक्सर, औरंगाबाद, भोजपुर और अरवल को छोड़कर पूरे प्रदेश में आंशिक बादल छाए रहने की संभावना है. उत्तर बिहार के एक-दो जिलों में छिटपुट बारिश हो सकती है. दिन के तापमान में गिरावट देखने को मिल सकती है.

पर्वतीय क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी

मौसम विभाग के मुताबिक लंबे इंतजार के बाद सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण अब देश के उत्तर पश्चिम पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी हो रही है. हालांकि पिछले तीन दिनों से राज्य के अधिसंख्य जिलों में खास कर दक्षिण बिहार के इलाकों में दिन के तापमान में बढ़ोतरी हो रही थी जबकि न्यूनतम तापमान में गिरावट हो रही है. बीते बुधवार को राज्य के अधिकतर जिलों में अधिकतम तापमान 22 से 24 डिग्री के बीच दर्ज किया गया. सबसे अधिक तापमान खगड़िया में 26 डिग्री सेल्सियस रहा.

मोतिहारी में 5.2 डिग्री रहा न्यूनतम तापमान    

राजधानी पटना में मंगलवार की अपेक्षा बुधवार को तापमान में एक डिग्री की बढ़ोतरी हुई और अधिकतम पारा 24.3 डिग्री रहा. न्यूनतम तापमान में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं हुआ. मौसम विभाग के दर्ज किए गए 30 जिलों में से 18 जिलों का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे रहा. सबसे कम न्यूनतम तापमान मोतिहारी में 5.2 डिग्री सेल्सियस रहा. पटना में न्यूनतम तापमान 9.7 डिग्री सेल्सियस किया गया.

उत्तर भारत में बरसे बादल, अगले 24 घंटे में हवाएं होंगी और सर्द बढ़ेगी ठंड

दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत की कई जगहों में बारिश देखने को मिली. वहीं पहाड़ों पर बर्फबारी की स्थिति बनी रही. उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में बारिश और बर्फबारी के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. कश्मीर घाटी, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के अलग-अलग हिस्सो में 1 फरवरी को भारी बारिश और बर्फबारी की संभावना है. 1 फरवरी को दिल्ली के कुछ इलाकों में हल्की बारिश से बूंदाबांदी हो सकती है.
पंजाब हरियाणा और उत्तराखंड में 1 फरवरी को हल्की ओलावृष्टि की संभावना है. पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में 1 फरवरी को 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज और ठंडी हवाएं चलने के आसार हैं. अरुणाचल प्रदेश में 2 फरवरी को भारी बारिश और बर्फबारी की संभावना है. पश्चिम बंगाल और सिक्किम में 2 फरवरी को हल्की ओलावृष्टि की संभावना है. जम्मू-कश्मीर में 1 फरवरी को अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश और बर्फबारी की संभावना है.
31 जनवरी की सुबह पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान 7 से 12°C दर्ज किया गया. मौसम विभाग के अनुसार 1 फरवरी को पंजाब के अलग-अलग स्थानों पर रात और सुबह के समय घना से बहुत घना कोहरा रहने की संभावना है. इन जगहों पर विजिबिलिटी 50 मीटर से कम रहेगी.

दिल्ली-NCR में ठंड से थोड़ी राहत, जानें अपने शहर का मौसम

पहाड़ी राज्यों ( हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर) में बर्फबारी का दौर जारी है।इसका असर मैदानी इलाकों में साफ देखने को मिल रहा है।

पहाड़ी राज्यों ( हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर) में बर्फबारी का दौर जारी है. इसका असर मैदानी इलाकों में साफ देखने को मिल रहा है. मैदानी इलाकों खासकर उत्तर भारत के राज्यों के तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई है. यही वजह है कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, बिहार और दिल्ली जैसे राज्यों सर्दी हवाओं की चपेट में हैं. हालांकि दिल्ली-एनसीआर में बादल छाने की वजह से ठंड से थोड़ी राहत जरूर मिली है. लेकिन उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ इलाकों में कोल्ड डे की स्थिति बनी हुई है. मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली और आसपास के इलाकों में पिछले दिनों की अपेक्षा न्यूनतम तापमान थोड़ा ज्यादा दर्ज किया गया है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार आज यानी शनिवार को दिल्ली-एनसीआर में आसमान में बादल छाए रहेंगे. आकाश में छाए बादलों की वजह से यहां मिनिमम टेंपरेचर में थोड़ी वृद्धि देखी गई, जिसकी वजह से दिल्ली वालों को भीषण ठंड में थोड़ी राहत जरूर मिली है. लेकिन उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग अभी भी हाड़ कंपा देने वाली ठंड का मुकाबला कर रहे हैं. यूपी-बिहार के अधिकांश इलाकों में कल यानी शुक्रवार को शीत दिवस यानी कोल्ड डे की स्थिति बनी रही. यहां मिनिमम टेंपरेचर और शीत लहर ने लोगों की समस्या को और बढ़ा दिया. हालांकि बिहार में पिछले दो दिनों से धूप निकली है, लेकिन सूरज की तपिश भी लोगों को भीषण सर्दी में गर्माहट का अहसास नहीं करा पा रही है।

वहीं, उत्तराखंड में ठंड का सितम कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है. पहाड़ से मैदान तक ठंड से लोगों का जीवन बुरी तरह अस्त व्यस्त हो गया है. मैदानी इलाकों में भी घने कोहरे और कम विसिबिल्टी की वजह से सड़कों पर गाड़ी चलाने वालों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हरिद्वार में तो ठंड का आलम ये है कि जिलाधिकारी ने सभी स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी है. प्रदेश के मैदानी इलाकों में गुरुवार को भी कोहरा छाया रहा. सुबह-शाम के साथ ही रात को कोहरा छाने से गलन वाली ठंड पड़ने लगती है. वहीं जनवरी का महीना खत्म होने वाला है और ये पूरा महीना भी बिना बारिश और बर्फबारी के गुजर रहा है. जनवरी में अब तक ऊंचाई वाले इलाकों में एक-दो दिन छोड़कर बारिश नहीं हुई है जिसके चलते मैदानी इलाकों में कोहरे का प्रकोप बढ़ गया है।

बिहार में ठंड का सितम, मुजफ्फरपुर में छठी कक्षा के छात्र की ठंड से मौत

मुजफ्फरपुर से बड़ी खबर आ रही है जहां भीषण ठंड के कारण स्कूल के एक छात्र की मौत हो गयी है। वही एक बच्ची भी बेहोश होकर गिर गयी। मामला मुजफ्फरपुर जिले के बोचहां प्रखंड का है जहां के उच्च मध्य विद्यालय राघो मझौली के छठी कक्षा के छात्र मो. कुर्बान की ठंड अचानक तबीयत बिगड़ गयी। वाजेदपुर मझौली निवासी मो. इस्लाम के बेटे की तबीयत बिगड़ने के बाद शिक्षकों ने उसे घर भेज दिया। जिसके बाद परिजन उसे लेकर डॉक्टर के पास जा रहे थे तभी रास्ते में ही बच्चे ने दम तोड़ दिया।

इस घटना से परिजनों के बीच कोहराम मचा हुआ है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। इस घटना से अभिभावकों में खासा आक्रोश देखने को मिल रहा है। अभिभावकों का कहना है कि भीषण ठंड और शीतलहर चल रही है घर से निकलना मुश्किल है ऐसे में बच्चे स्कूल आते हैं और तबीयत बिगड़ जाती है। ठंड लगने से छठी कक्षा के छात्र मो. कुर्बान की मौत हो गयी है।

बता दें कि एक ओर जहां पटना जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच तकरार बढ़ गई है। स्कूल खोलने के सवाल पर दोनों आमने-सामने हो गये हैं। कड़ाके की ठंड को देखते हुए जब डीएम ने आठवीं कक्षा तक के स्कूल को बंद कर दिया तब शिक्षा विभाग ने एक कड़ा पत्र पटना डीएम को लिख दिया और डीएम के इस आदेश पर आपत्ति जतायी।

स्कूल को बंद करने और खोलने को लेकर पटना डीएम और अपर मुख्य सचिव के बीच जहां तकरार तेज है वही दूसरी ओर बिहार में अब ठंड से बच्चे की मौत हो रही है। मुजफ्फरपुर में स्कूल खुला रहने के कारण छठी कक्षा के छात्र की ठंड लगने से मौत हो गयी है। वही शिवहर जिले में भी स्कूल को खुला रखने के कारण छठी कक्षा में पढ़ने वाली 8 साल की बच्ची बेहोश होकर स्कूल में गिर गयी। उसकी भी तबीयत काफी खराब हो गयी है।

वही मुजफ्फरपुर के गायघाट प्रखंड के उच्च विद्यालय दहिला में चेतना सत्र के दौरान 9 वां की छात्रा सकीना खातून ठंड से कंपकपाते बेहोश होकर गिर पड़ी।चेतना सत्र के दौरान बेहोश होकर छात्रा के  गिरने से स्कूल में हड़कंप मच गया। स्कूल के एचएम व शिक्षकों ने तुरंत आग जला रसोइया के मदद से छात्रा को मालिश कराया फिर परिजनों को खबर कर डाक्टर को बुला छात्रा का इलाज कराया।जिसके बाद छात्रा को होश आया। वहीं छात्रा के बेहोश होने की खबर सुन अभिभावक स्कूल पहुंच अपने बच्चों को घर ले जाने की जिद पर अड़ गये व स्कूल बंद करने लगे फिर शिक्षकों ने प्रशासनिक आदेश का हवाला देकर शांत कराया।

ठंड से मौत व बेहोश होने की खबर से अभिभावक चिंतित है अभिभावकों का कहना है नाम काटने के डर से जान जोखिम में रख बच्चे को स्कूल भेजते हैं अगर इस कड़ाके की ठंड में प्रशासन स्कूल बंद कुछ दिन के लिए कर दे तो क्या बिगड़ जायेगा?एक आदमी की जिद में मासूमों को काहे सजा दी जा रही है।वहीं बोचहां प्रखंड के भाकपा माले के महासचिव राम बालक सहनी मृतक स्कूली छात्र के घर पहुंच प्रशासन से मृतक के परिजनों को मुआवजा  की मांग की व कहा कि ठंड में स्कूल खोलने के प्रस्ताव पर सरकार पुर्नविचार करे ।

उत्तर भारत में कब तक कंपाएगी कड़ाके की ठंड? मौसम विभाग ने दिया बड़ा अपेडट

एनसीआर सहित उत्तर भारत के अन्य राज्यों में भी हाल फिलहाल कड़ाके की ठंड से राहत मिलने के कोई आसार नहीं हैं। बीच-बीच में तापमान में गिरावट या वृद्धि भले होती रहे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि सर्दी जा रही है। ठिठुरन भरी ठंड इस बार फरवरी के मध्य तक रह सकती है।

अबकी बार बदला हुआ है मौसम का पैटर्न

विज्ञानियों के अनुसार, मजबूत पश्चिमी विक्षोभों के आने से अबकी बार मौसम का पैटर्न थोड़ा बदला हुआ है। हवाएं मंद चल रही हैं, नमी 90 प्रतिशत तक बनी हुई है। बरसात भी नहीं हो रही। इसके चलते दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा एवं मध्य प्रदेश में मध्यम से घने कोहरे की स्थिति बनी हुई है। बादल भी निचले स्तर पर बन रहे हैं।

इन्हीं सब कारणों से सूरज का ताप ढंग से धरती तक नहीं पहुंच पा रहा और कभी शीत दिवस (कोल्ड डे) तो कभी शीतलहर की स्थिति बनी हुई है। मौसम विज्ञानी बताते हैं कि इस स्थिति में अभी आगामी कुछ दिनों में भी बदलाव के संकेत नहीं हैं। इसके विपरीत 26 जनवरी के आसपास एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है। मैदानी क्षेत्रों में इसका सीधा असर तो नहीं होगा, लेकिन पहाड़ों पर बर्फबारी हो सकती है।

कब तक रहेगी कड़ाके की ठंड?

उत्तर पश्चिमी हवाओं के जरिये इस बर्फबारी की ठंडक फिर समूचे उत्तर भारत को कंपकंपा सकती है। 30-31 जनवरी को फिर एक और पश्चिमी विक्षोभ आने का पूर्वानुमान है। विज्ञानियों के मुताबिक अनुमान है कि इन परिस्थितियों के चलते ठिठुरन भरी ठंड का असर मध्य फरवरी तक भी बना रह सकता है। अगर कोल्ड डे अथवा शीतलहर वाली स्थिति फिर से बन जाए तो भी अतिश्योक्ति नहीं।

वर्षा हो जाए तो मौसम का पैटर्न बदल सकता है, लेकिन इस महीने तो ऐसी कोई संभावना लग नहीं रही। पीछे मुड़कर देखें तो पिछले वर्ष भी दिसंबर में न बर्फबारी हुई थी और न ही बरसात। इस साल भी कमोबेश वैसे ही हालत बन रहे हैं। अबकी बार तो दिसंबर क्या, जनवरी में भी वर्षा नहीं हुई। ठंड भी दिसंबर के बजाय जनवरी में ही जोरदार पड़ रही है और फरवरी तक जाने लगी है। मौसम चक्र के इस तरह आगे खिसकने के पीछे विज्ञानी जलवायु परिवर्तन के असर से भी इनकार नहीं करते।