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भागलपुर में नवरात्रि को लेकर उत्साह, दुर्गा मंदिर में प्रतिमा की हो रही पूजा, महिलाओं ने चढ़ाया खोइचा

भागलपुर में चैत्र नवरात्रि को लेकर उत्साह देखा जा रहा है। आज महानवमी को लेकर मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है। जिले के नगरपारा वैष्णवी दुर्गा मंदिर में नवमी को लेकर पूजा अर्चना की जा रही है। महिला श्रद्धालु मां दुर्गे को खोइचा चढ़ाकर सुहाग और पुत्र के सुख की कामना कर रहे है। मन्दिर में स्थापित की गई माँ दुर्गे के दिव्य स्वरूप की पूजा अर्चना की जा रही है। आज हवन कार्यक्रम के बाद कल माँ दुर्गे का विसर्जन किया जाएगा। विसर्जन में आसपास के कई गांवों के हजारों लोग शामिल होंगे।

रामनवमी पर मंदिरों में फहराए गए महावीरी पताके, जय श्री राम के नारे से गूंजायमान हुआ इलाका

भागलपुर: हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार रामनवमी को लेकर आज पूरे जिले में आस्था देखी गई रामनवमी पर्व को लेकर कई जगहों पर भगवा ध्वज लहराया गया तो कहीं शोभायात्रा भी निकाले गए वही भक्ति गीत से पूरा इलाका गूंजायमान रहा, मान्यताओं के अनुसार असुरों के राजा रावण को संहार करने के लिए भगवान विष्णु ने त्रेता युग में भगवान राम के रूप में सातवां अवतार दिया था रामनवमी के अवसर पर शहर के कई कमेटियों द्वारा भव्य शोभा यात्रा निकाली गई लोगों ने हनुमान पताका भी मंदिरों में व घरों में लगाए जय श्री राम के जय घोष से पूरा शहर गूंजायमान रहा वही पूरा इलाका मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की भक्ति में लीन रहा। महेश श्रद्धालुओं ने अपने घरों की छत और आंगन में विधिवत पूजा अर्चना कर महाविरी पताखे लहराये।

रामलला के ललाट पर 4 मिनट तक चमकेगा सूर्य तिलक, अद्भुत नजारा देखेंगे भक्त

रामनवमी के अवसर पर दोपहर 12 बजे जब श्रीराम का जन्म होगा तो उस समय उनके माथे पर सूर्य तिलक चमकेगा।इस नजारे को देखने के लिए लाखों राम भक्त पहुंचे हैं।इस अभिषेक को वैज्ञानिक फॉर्मूले के तहत किया जाएगा।

अयोध्या में रामनवमी के पावन मौके पर विशाल राममंदिर में श्री रामलाला का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. इस अवसर पर राम भक्तों को एक अद्भुत नाजारा देखने को मिलेगा. इस बार के जन्मोत्सव की प्रक्रिया अविस्मरणीय रहने वाली है. रामलला के अभिषेक की तैयारियां जोरशार से हो रही है. रामनवमी के दिन दोपहर 12 बजे जब श्रीराम का जन्म होगा तो उसी के बाद उनके माथे पर सूर्य किरण दिखाई देगी. भगवान राम का सूर्य अभिषेक वैज्ञानिक फॉर्मूले के तहत होगा. वैज्ञानिकों ने इस पर शोध किया था. बीते दिनों ट्रायल भी देखने को मिला. अब रामनवमी के दिन जब भगवान राम का जन्मदिन मनाया जाएगा तो उस दौरान उनके माथे पर सूर्य तिलक किया जाएगा. इसकी साक्षी पूरी दुनिया होगी. घर बैठे राम भक्त इसके दर्शन टीवी पर कर सकेंगे।

कैसे बनेगा सूर्य तिलक 

रामनवमी के दिन सूरज की रोशनी को डायवर्ट करके सूर्य तिलक तैयार किया जाएगा. सूर्य की रोशनी को तीसरे तल पर लगे एक दर्पण पर पड़ेगी. यहां से ये परावर्तित होकर पीतल की पाइप में प्रवेश करेगी. पीतल के पाइप  में लगे दूसरे दर्पण में टकराकर 90 डिग्री ये परावर्तित हो जाएगी. किरणे पीतल की पाइप से होते हुए तीन अलग-अलग लेंस से होकर निकलेंगी. लंबे पाइप के गर्भ गृह वाले सिर पर लगे शिशे से ये टकराएंगीं. गर्भगृह में लगे शिशे से टकराने के बाद किरणें सीधे रामलला के ललाट पर 75 मिलीमीटर का गोलाकार तिलक बनाएगी. ये निरंतर 4 मिनट तक चमकता रहेगा।

चैती छठ का पहला अर्घ्य आज, घाटों पर उमड़ेगा आस्था का सैलाब

पटना: लोकआस्था के महापर्व चैती छठ को लेकर श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखा जा रहा है, चार दिवसीय महापर्व के दूसरे दिन शनिवार(13 अप्रैल) की शाम व्रतियों ने अपने-अपने घरों और घाटों पर खरना पूजा किया. इसके साथ ही 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरु हो गया. आज शाम डूबते सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाएगा।

भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए छठ घाट सजकर तैयार हो गए हैं. तमाम छठ घाटों पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य प्रदान किया जाएगा. लिहाजा छठ घाटों पर साफ-सफाई का काम पूरा कर लिया गया है. घाटों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है. छठ घाट जाने वाली रास्तों को भी खूबसूरत तरीके से सजाया गया है।

पूजन सामग्रियों व फल-फूल की खरीदारी को लेकर बाजार में काफी चहल-पहल है. खासकर मेन रोड में सजी अस्थाई दुकानों पर खरीदारी के लिए भीड़ काफी रही. सड़क के बीचोंबीच दुकानें सजाई गई हैं. शहरी क्षेत्र के साथ ही ग्रामीण इलाकों से पहुंचे लोगों ने फल-फूल, सूप-दउरा सहित अन्य पूजन सामग्रियों की खरीदारी की।

छठ घाटों पर सुरक्षा को लेकर खास इंतजाम किया गया है. दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी के साथ सशस्त्र बलों की तैनाती की गई है. सादे लिबास में भी जवानों को तैनात किया गया है. जो हर प्रकार की गतिविधियों पर पैनी नजर रखेंगे. महिला पुलिस बल की भी तैनाती की गई है।

बरारी गंगा घाट नहाए खाय के साथ आज से चैती छठ महापर्व शुरू 36 घंटे का निर्जला व्रत

भागलपुर के विभिन्न घाटों पर चार दिवसीय चैती छठ महापर्व 12 अप्रैल से नहाए खाय के साथ शुरू होगा 13 को खरना 14 को अस्ताचलगामी अर्घ्य व 15 अप्रैल को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और पारण के साथ छठ महापर्व संपन्न हो,जाएगा पंडित प्रहलाद झा ने बताया कि छठ महापर्व में नहाय – खाय व खरना का व्रत का विशेष महत्व है शुक्रवार को नहाए खाए का अनुष्ठान है।

पंडित सोनू झा ने बताया कि सनातन धर्म में चैती छठ का विशेष महत्व साल में दो बार छठ का पर्व मनाया जाता है पहला चैत्र मास में और दूसरे कार्तिक मास में हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की षष्टि तिथि को छठ पर्व मनाने की भीम का कार्तिक मास की छत का अधिक महत्व है भागलपुर के विभिन्न घाटों पर चैती छठ के उपलक्ष पर भारी भीड़ की संभावना को देखते हुए राहत एवं बचाव कार्य हेतु विभिन्न छठ घाटों पर गोताखोर एवं आपदा मित्र की प्रतिनियुक्ति की गई है।

शहर में ईद उल फितर का त्योहार धूमधाम से मनाया गया

भागलपुर व भागलपुर के आसपास के क्षेत्र में आज धूमधाम से ईद उल फितर का त्यौहार मनाया गया, जिले भर में ईद उल फितर को श्रद्धा एवं विश्वास के साथ मनाया गया इस अवसर पर इस्लाम धर्म के अनुयायियों ने ईदगाह में नमाज अदा करके अल्लाह ताला से बरकत और अमन चैन की दुआ मांगी ,नमाज अदा के बाद सबों ने एक दूसरे से गले मिलकर ईद उल फितर की शुभकामनाएं दी, ईद का त्यौहार भाईचारे का संदेश देता है जिससे मिलजुल कर रहने की प्रेरणा मिलती है, भागलपुर के सीटीएस मैदान खान का ए शाहबाजिया बरहपुरा ततारपुर सहजांगी के अलावे सभी ईदगाहों में एक अलग ही उल्लास देखने को मिला, वही ईद के इस त्योहार में लोगों से मिलने और शुभकामनाएं देने कांग्रेस नेता अजीत शर्मा भी पहुंचे, बता दे कि अजीत शर्मा सांसद पद के लिए प्रत्याशी भी हैं वहीं उन्होंने हिंदू मुस्लिम एकता की बात करते हुए लोगों को ईद की शुभकामनाएं दी वही ईदगाह के मौलाना ने अपने उद्बोधन में कहा कि सभी मुस्लिम भाइयों को बुराई के रास्ते को त्याग कर अच्छाई के रास्ते पर चलना चाहिए और देश में बढ़ रहे भ्रष्टाचार के खिलाफत सभी धर्म को एकजुट होकर जड़ से मिटाने का संकल्प लेना चाहिए, इस अवसर पर कई जगहों पर मेले का भी आयोजन किया गया वहीं हर ईदगाह मैदान एवं मस्जिदों के पास पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। हर मस्जिद के सामने पुलिस बल्कि तैनाती की गई थी।

लगा साल का पहला सूर्य ग्रहण, सालों बाद दिखा ऐसा अद्भुत नजारा

साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण लग गया। ज्योतिष में इस ग्रहण को बेहद ही अहम माना जा रहा है। बता दें करीब 50 वर्षों बाद ऐसा ग्रहण लगा है जो एक पूर्ण सूर्य ग्रहण है।

साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण लग गया है. ज्योतिष में इस ग्रहण को बेहद ही अहम माना जा रहा है. बता दें करीब 50 वर्षों बाद ऐसा ग्रहण लगा है जो एक पूर्ण सूर्य ग्रहण है. इस ग्रहण की अवधि करीब 5 घंटे और 25 मिनट तक रहेगी. यह सूर्य ग्रहण रात 09.12 बजे से रात 02.22 रहने वाला है. हालांकि यह भारत में दिखाई नहीं दिया, इसलिए इसका कोई सूतक काल मान्य नहीं है. वहीं पूर्ण सूर्य ग्रहण होने की वजह से कुछ समय के लिए पृथ्वी पर अंधेरा छा गया. सूर्य ग्रहण अमेरिका, कनाडा, कोलंबिया, वेनेजुएला, आयरलैंड, पुर्तगाल, नॉर्वे, पनामा, रूस, बहामास आदि देशों में देखा जा रहा है. आइए इसके बारे में हम आपको विस्तार से बताते हैं।

साल का पहला सूर्य ग्रहण

साल का पहला पूर्ण सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार 09 बजकर 12 मिनट पर लगा. इसे खग्रास सूर्य ग्रहण भी कहा जाता है।

सूर्य ग्रहण के दुष्प्रभाव से कैसे बचें

सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से देखना हानिकारक होता है।
ग्रहण के समय कुछ लोग नकारात्मक ऊर्जा का अनुभव करते हैं।
ग्रहण के समय कुछ धार्मिक कार्यों को करना वर्जित माना जाता है।

बचाव के उपाय

सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से न देखें।
विशेष चश्मे या ग्रहण फिल्टर का उपयोग करें।
ग्रहण के दौरान घर के अंदर रहें।
धार्मिक कार्यों को ग्रहण के बाद करें।
ग्रहण के समय ध्यान करें या मंत्रों का जाप करें।
ग्रहण के बाद स्नान करें और घर को गंगाजल से छिड़कें।

इन बातों का रखें ध्यान

गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों, और बच्चों को ग्रहण के दौरान विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए. ग्रहण के दौरान सोना नहीं चाहिए।

पूर्ण सूर्य ग्रहण कब लगता है?

पूर्ण सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है और सूर्य को पूरी तरह से ढक लेता है.  यह घटना तब होती है जब नया चंद्रमा पृथ्वी के करीब होता है. चंद्रमा का आकार सूर्य के समान होता है. चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच में होता है. चंद्रमा की काली छाया पड़ती है, वहां पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखाई देता है।

चैत्र नवरात्रि के पहले दिन सिर्फ इस विधि से करें मां शैलपुत्री की पूजा, जानें सही तरीका

9 अप्रैल 2024 दिन बुधवार से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रही है और चैत्र नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री की पूजा के लिए समर्पित है।ऐसे में जानिए चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा कैसे करें।

9 अप्रैल 2024 दिन बुधवार से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रही है और चैत्र नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री की पूजा के लिए समर्पित है. मां शैलपुत्री नवरात्रि के प्रथम दिन पूजी जाने वाली देवी दुर्गा का पहला स्वरूप हैं.  ‘शैल’ का अर्थ है पर्वत और ‘पुत्री’ का अर्थ है पुत्री, इसलिए उन्हें शैलपुत्री कहा जाता है. पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण भी उन्हें यह नाम दिया गया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इनकी विधिपूर्वक पूजा करने से धन, ऐश्वर्य, मान-सम्मान की प्राप्ति होती है. जानिए चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा कैसे करें।

चैत्र नवरात्रि घटस्थापना शुभ मुहूर्त 2024:9 अप्रैल को सुबह 06 बजकर 02 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 16 मिनट तक है. अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 57 मिनट से लेकर 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा।

जानें मां दुर्गा के पहले स्वरूप के बारे में:माता के इस स्वरूप की बात करें तो मां शैलपुत्री को नंदी बैल पर विराजमान शांत और सुंदर स्वरूप में दर्शाया जाता है.  उनके दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का फूल होता है.  माथे पर अर्धचंद्र लगा हुआ है और इनकी सवारी नंदी बैल है. मां शैलपुत्री को शक्ति, ज्ञान, और सौभाग्य की देवी माना जाता है. उनकी पूजा करने से भक्तों को सुख, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

मां शैलपुत्री की पूजा विधि:नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा विधि-विधान से की जाती है. भक्त मां शैलपुत्री की प्रतिमा को स्नान कराते हैं, वस्त्र पहनाते हैं और चंदन, फूल, फल, मिठाई आदि अर्पित करते हैं.  मां शैलपुत्री के मंत्रों का जाप और आरती भी की जाती है. इस दिन विधिपूर्वक सबसे पहले कलश स्थापना करें. उसके बाद पूजा स्थल पर पूर्व या पूर्वोत्तर दिशा की चौकी रखकर लाल रंग के वस्त्र बिछाएं. अब इसपर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें. उसके बाद इन्हें पान, सुपारी, सफेद चंदन, नारियल, लौंग, सुपारी, कुमकुम, सौलह श्रृंगार, सफेद रंग के भोग, सफेद फूल आदि चढ़ाएं।

मां शैलपुत्री पूजा मंत्र:मान्यता है कि नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा करते समय इन मंत्रों का जाप करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

बीज मंत्र 

ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः

पूजन मंत्र

वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥

अन्य प्रभावशाली मंत्र

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
जय शैलपुत्री यशस्विनी भवानी जय जय भवानी॥
ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नमः॥
ऊँ शं ह्रीं क्लीं ऐं देवी शैलपुत्र्यै नमः॥

 

चैत्र नवरात्रि के पहले दिन करें ये टोटके, धन समृद्धि में होगी अपार वृद्धि

चैत्र नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा की पूजा करके भक्त अपने जीवन में समृद्धि, सुख और शांति प्राप्त कर सकते हैं। इन उपायों में धन, समृद्धि, शत्रुओं से सुरक्षा और विवाह के लिए विशेष टोटके शामिल हैं।

चैत्र नवरात्रि देवी दुर्गा की उपासना का एक महत्वपूर्ण त्योहार है. इस दौरान, भक्त देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. कुछ लोग चैत्र नवरात्रि के दौरान कुछ टोटके भी करते हैं, जिनके बारे में माना जाता है कि वे देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने और विभिन्न समस्याओं से छुटकारा पाने में मदद करते हैं.  चैत्र मास की नवरात्रि में माँ दुर्गा की पूजा का विशेष महत्व होता है. इस अवसर पर लाल किताब में विभिन्न उपायों और मंत्रों को काम में लिया जाता है ताकि भक्त इस पवित्र अवसर को ध्यान में रखते हुए देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त कर सकें. इन दिनों दुर्गा सप्तशती का पाठ, मां दुर्गा के मंत्रों का जाप, विशेष ध्यान और अर्चना का महत्व होता है. इन उपायों को अच्छी तरह से अपनाकर व्यक्ति अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति के लिए प्रयास करता है. चैत्र नवरात्रि के दौरान विशेष उपायों का पालन करने से भक्त अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं और माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

चैत्र नवरात्रि के टोटके 

धन-समृद्धि के लिए: नवरात्रि के दौरान, हर दिन एक कमल का फूल देवी दुर्गा को अर्पित करें. ऐसा करने से धन-समृद्धि में वृद्धि होगी. नवरात्रि के पहले दिन, एक नारियल लें और उस पर लाल चंदन से “श्रीं” लिखें. इसे देवी दुर्गा के सामने रखें और नवरात्रि के अंत में इसे बहते हुए पानी में प्रवाहित कर दें. नवरात्रि के दौरान, हर दिन एक चुटकी हल्दी पानी में मिलाकर स्नान करें. ऐसा करने से धन-समृद्धि में वृद्धि होगी।

शत्रुओं से बचाव के लिए: नवरात्रि के दौरान, हर दिन एक नींबू लें और उस पर काले धागे से सात गांठें बांधें. इसे देवी दुर्गा के सामने रखें और नवरात्रि के अंत में इसे किसी चौराहे पर रख दें. नवरात्रि के दौरान, हर दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें. ऐसा करने से शत्रुओं से बचाव होगा।

विवाह के लिए: नवरात्रि के नौवें दिन, नौ कन्याओं का पूजन करें. ऐसा करने से विवाह के योग बनेंगे. नवरात्रि के दौरान, हर दिन केले के पेड़ की जड़ में पानी डालें. ऐसा करने से विवाह के योग बनेंगे।