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बिहार में INDIA गठबंधन के बीच सीटों की डील डन, किसी भी वक्त हो सकता है बड़ा ऐलान

किसी भी वक्त बिहार में इंडिया महागठबंधन अपने सीट-शेयरिंग फॉर्मूले का ऐलान कर सकता है।इस आर्टिकल में उनकी चुनावी गणित जानिए।

आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर बिहार में महागठबंधन दलों द्वारा आज अपने सीट-बंटवारे के फॉर्मूले की घोषणा करने की उम्मीद है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) 26, कांग्रेस नौ और वामपंथी दल पांच सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं. सीट-बंटवारे के फॉर्मूले की घोषणा महागठबंधन के घटक दल RJD, कांग्रेस और वाम दलों के राज्य स्तरीय नेता पटना स्थित RJD कार्यालय में कर सकते हैं. बता दें कि, बिहार में NDA ने भी सीट शेयरिंग की घोषणा कर दी है, जिसमें BJP 17 और JDU 16 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी।

सीट शेयरिंग फॉर्मूले की गणित

सूत्रों से हासिल सूचना के अनुसार,महागठबंधन सीट-बंटवारे के फॉर्मूले में कांग्रेस को कटिहार, किशनगंज, पटना साहिब, सासाराम, भागलपुर, बेतिया, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर और महाराजगंज समेत नौ सीटें मिलने की संभावना है।

जबकि लालू यादव के नेतृत्व वाली RJD को पड़ोसी राज्य झारखंड में पलामू और चतरा सीटें मिलने की उम्मीद है. दूसरी तरफ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन को काराकाट, आरा और नालंदा सीटें मिल सकती हैं. वहीं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) को क्रमशः बेगुसराय और खगड़िया सीटें मिलने की संभावना है।

गौरतलब है कि, सीट-बंटवारे की घोषणा से पहले, कांग्रेस और RJD के बीच सीटों के बंटवारे पर बातचीत के दौरान टिकटों के “एकतरफा वितरण” को लेकर मतभेद थे।

2019 लोकसभा चुनाव में इन पार्टियों का प्रदर्शन 

बता दें कि, बिहार की 40 सीटों के लिए लोकसभा चुनाव सात चरणों में 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, 7, 13, 20, 25 और 1 जून को होंगे. वोटों की गिनती 4 जून को होगी।

2019 के लोकसभा चुनाव में, कांग्रेस ने केवल एक सीट जीती, जबकि RJD और वामपंथी दलों को एक भी सीट नहीं मिली थी. एनडीए गठबंधन – भाजपा और जनता दल (यूनाइटेड) – ने चुनाव में जीत हासिल की और क्रमशः 17 और 16 सीटें जीतीं थी।

महागठबंधन में सीट बंटवारे पर कई सवाल , क्या राजद ने congress को निपटा दिया?

लोक सभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) को लेकर बिहार में महागठबंधन के बीच सीटों का ऑफिशियल बंटवारा हो गया है. राजद के खाते में 26, कांग्रेस के खाते में 9 और वाम दलों को 5 सीटें दी गई है. सीट बंटवारे में कई सीटें ऐसी हैं जो पहले कांग्रेस की खाते में थी लेकिन अब वहां राजद अपनी प्रत्याशी उतार रही है. चलिए जान लेते हैं कि कौन सी वो सीट है जो अब राजद के खाते में गई है… और क्यों सवाल खड़े हो रहें है?

सबसे पहले जान लेते हैं कि कौन सी सीट है जहां कांग्रेस ने 2019 में चुनाव लड़ा था. जो इस बार राजद के खाते में गई है…

सुपौल

वाल्मीकिनगर

पुर्णिया

मुंगेर

पहले कांग्रेस इन 4 सीटों पर चुनाव लड़ी थी अब लिस्ट आने के बाद सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या राजद ने कांग्रेस की सीटों को जानबूझ कर छीन लिया है… क्या 2 मिनट की प्रेस कांफ्रेंस में ही कांग्रेस को निपटा दिया है?चलिए जान लेते हैं कि क्यों सवाल खड़ा हो रहा है?

वाल्मीकिनगर

सबसे पहले बात वाल्मीकिनगर लोकसभा की करेंगे..2020 में हुए उप चुनाव में कांग्रेस को मात्र 20 हजार की मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था.वह कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है. दिग्गज कांग्रेसी नेता पुर्णमासी राम वहां से सांसद भी रह चुके हैं. अब यह सीट राजद की खाते में चली गई है.

सुपौल

लोक सभा सीट सुपौल भी कांग्रेस की सीट रही है यहां से कांग्रेस की रंजीत रंजन चुनाव लड़ती हैं 2014 में मोदी लहर के बाद भी वो चुनाव जीतने में कासयाब रही थी.2019 में वो दूसरे नंबर पर थी. यह सीट भी कांग्रेस की हाथ से निकल गई है.

पुर्णिया

जब से पप्पू यादव ने अपनी पार्टी की विलय कांग्रेस में किया है तब से यह सबसे हॉट सीट बना हुआ है.पप्पू यादव यहां से सांसद भी रह चुके हैं. यह सीट भी कांग्रेस की परंपरागत सीट थी लेकिन अब राजद ने अपने कोटे में रख लिया है. यहां से जेडीयू छोड़ राजद में आने वाली बीमा भारती को टिकट देने की बात हो रही है.

मुंगेर

इस लिस्ट में अगला नंबर है मुंगेर का, मुंगेर जो 2019 की चुनाव में सबसे हॉट सीट बनी हुई थी. यहां से बाहूबली अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ी थी. अब यह सीट भी कांग्रेस की हाथ से निकल गई है..इस खबर पर हमने बिहार के वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय से बात की तो उनका कहना था कि इससे कांग्रेस की जनाधर पर असर पडेगा. कार्यकर्ताओं का मोरल डाउन होगा. कांग्रेस को यह सीट नहीं छोड़नी चाहिए थी.

शादी का कार्ड लेकर पूजा करने पहुंची थी युवती, गंगा स्नान के दौरान डूबी

बिहार की राजधानी पटना से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. जहां गंगा स्नान करने के दौरान एक युवती डूब गई. घटना के बाद मौके पर अफरा तफरी का माहौल हो गया. आसपास के लोगों ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी. जानकारी मिलते ही पहुंची पुलिस ने लोकल गोताखोर की मदद ली, लेकिन अबतक उसका बरामद नहीं किया जा सका है. युवती की पहचान पटना के नासरीगंज निवासी मुसकान कुमारी के रूप में हुई है. वह शादी की कार्ड को लेकर गंगा में पूजा पाठ करने आई थी, तभी यह हादसा हुआ.

गंगा नदी में स्नान करने गई थी: मिली जानकारी के अनुसार, दानापुर थाना क्षेत्र के फक्कर महतो घाट पर गंगा नदी में स्नान करने के दौरान एक युवती की डूब गई. मौत की पुष्टी होने के लिए पुलिस लोकल गोताखोरों की मदद से शव की तलाश कर रही है. मौके पर लोगों की भीड़ जमा है. युवती नासरीगंज की रहने वाली है, जो कि अपने दादी और बहन के साथ पूजा करने आई थी. इस दौरान नहाने के क्रम में वह गहरे पानी में चली गई. घटना की सूचना मिलते ही परिजन मौके पर पहुंच गए है. सभी का रो-रो कर बुरा हाल है.

मौके पर पहुंची एसडीआरएफ की टीम: वहीं, युवती के परिजनों ने बताया कि युवती शादी का कार्ड लेकर गंगा मईया को निमंत्रण देने आई थी. लेकिन खुद ही गंगा में समा गई. इधर, घटना के बाद स्थानीय लोगों की भीड़ इकठ्ठा हो गई है. लोगों द्वारा युवती शव की तलाश की जा रही है. वहीं, मौके पर पहुंचे दानापुर थाना अध्यक्ष पीके भारद्वाज ने लोकल गोताखोर की मदद ली है, लेकिन अब तक उसे बरामद नहीं किया जा सका है. फिलहाल, एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंच खोजबीन में जुट गई है.

5 साल बाद दिखे सांसद तो भड़का लोगों का गुस्सा, फिर तो जमकर निकाली भड़ास

गयाः जेडीयू ने जहानाबाद लोकसभा सीट से एक बार फिर चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी को अपना उम्मीदवार बनाया है. चंद्रवंशी भी पूरे जोश-खरोश के साथ अपने चुनाव प्रचार में जुट गये हैं, लेकिन गया के अतरी विधानसभा क्षेत्र के मोहड़ा प्रखंड के एक गांव में सांसद की बोलती उस समय बंद हो गयी जब पांच साल बाद इलाके में दिखे सांसद को लोगों ने जमकर खरी-खोटी सुनाई.

लोगों के गुस्से का शिकार हुए सांसदः मामला सारसू गांव का है, जहां सांसद चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी अपने समर्थकों के साथ जनसंपर्क के लिए पहुंचे थे. सांसद को देखते ही स्थानीय लोग भड़क गये और कहा कि “पांच साल तो इलाके में दिखाई नहीं पड़े और जब चुनाव आया है तो चले आए वोट मांगने”. लोगों ने कहा कि “आप यहीं के वोट से चुनाव जीते थे, लेकिन उसके बाद काम तो दूर इस क्षेत्र में कभी लोगों से मिलने तक नहीं आए.”

सोशल मीडिया पर वीडियो हो रहा वायरलः लोगों ने कहा कि “अपना वेतन बढ़ाना हो तो मेज थपथपाकर बढ़वा लेते हैं, लेकिन जनता की समस्याओं को लेकर कोई भी सवाल लोकसभा में नहीं उठाते हैं. यहां तक कि जीतने के बाद इलाके में नजर नहीं आते हैं.अब जनता जाग चुकी है. सही उम्मीदवार को हम लोग वोट करेंगे.” लोगों की नाराजगी देखकर सांसद की बोलती बंद हो गयी. सांसद के विरोध का ये वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है.

जहानाबाद संसदीय क्षेत्र का इलाका है अतरीः बता दें कि गया जिले का अतरी विधानसभा क्षेत्र जहानाबाद लोकसभा के अंतर्गत आता है. इस बार भी जहानाबाद के मौजूदा सांसद चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी को ही जेडीयू ने मैदान में उतारा है. जहानाबाद सीट पर अंतिम चरण में 1 जून को वोटिंग होगी, जिसके लिए सांसद अभी से ही चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं.

2019 में चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी ने जीत दर्ज कीः 2019 के लोकसभा चुनाव में NDA के बैनर तले जेडीयू के चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी ने जहानाबाद लोकसभा सीट से जीत दर्ज की थी. उन्होंने काफी कड़े मुकाबले में आरजेडी के सुरेंद्र यादव को हराया था. चंद्रवंशी की जीत का मार्जिन दो हजार वोट से भी कम रहा था. 2024 के लोकसभा चुनाव में भी एक बार फिर चंद्रेश्वर प्रसाद और सुरेंद्र यादव आमने-सामने होंगे.

पहले चरण में बिहार की चार सीटों के लिए 72 उम्मीदवार मैदान में, काफी दिलचस्प होगा मुकाबला

बिहार में लोकसभा की 40 सीटों में पहले चरण के लिए उम्मीदवारों ने चार सीटों पर नामांकन कर दिया है. जिन चार सीटों पर पहले चरण का नामांकन हुआ है, उसमें गया, नवादा, औरंगाबाद और जमुई शामिल है. इन 4 सीटों पर कुल 72 उम्मीदवार चुनावी मैदान में है.

गया सीट के लिए नामांकन पूरा: बता दें कि सबसे अधिक गया में 22 उम्मीदवारों ने नामांकन किया है. वहीं औरंगाबाद में 21, नवादा में 17 और जमुई में 12 उम्मीदवारों ने नामांकन किया है. गया में हम से जीतन राम मांझी, राजद से कुमार सर्वजीत, जागरूक जनता पार्टी से कमलेश कुमार पासवान, द नेशनल रोड मैप पार्टी ऑफ इंडिया से गिरधर सपेरा ने नामांकन किया है.

इन उम्मीदवारों ने भरा नामांकन पर्चा: वहीं अखिल भारतीय देशभक्त मोर्चा से आयुष कुमार, बीएसपी से सुषमा कुमारी, मूल निवास समाज पार्टी से महेंद्र मांझी, राष्ट्रीय जन संभावना पार्टी से सुरेंद्र मांझी, आम जनता पार्टी राष्ट्रीय से संतोष कुमार, शोषित समाज दल से देवेंद्र प्रताप, किसान संघर्ष समिति से दीपू कुमार चौधरी, संख्या अनुपाती भागीदारी पार्टी से सुदेश्वर पासवान, भारतीय लोक चेतना पार्टी से शिव शंकर ने नामांकन पर्चा दाखिल किया है.

गया से कुल 22 उम्मीदवार मैदान में: इसके साथ ही लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी से धीरेंद्र प्रसाद, राइट टू रिकॉल पार्टी से योगेंद्र कुमार, पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया डेमोक्रेटिक से अरुण कुमार, निर्दलीय चंदन कुमार, निर्दलीय रानू कुमार चौधरी, निर्दलीय अमरेश कुमार , निर्दलीय अशोक कुमार पासवान, निर्दलीय रंजन कुमार, निर्दलीय रंजन पासवान इस तरह कुल 22 उम्मीदवारों ने पर्चा दाखिल किया है.

औरंगाबाद से उम्मीदवारों ने किया नामांकन: वहीं औरंगाबाद सीट के लिए बीजेपी से सुशील कुमार सिंह, राष्ट्रीय जनता दल से अभय कुमार सिंह, भारत जन जागरण दल से शंभू शरण ठाकुर, शोषित समाज दल से राजबल्लभ सिंह, राष्ट्रीय जन भावना जन संभावना पार्टी से रामजीत सिंह, समता मूलक संग्राम दल से महेंद्र कुमार, लोग पार्टी से अमित शर्मा, बीएसपी से सुनेश कुमार ने नामांकन कराया है.

औरंगाबाद से 21 उम्मीदवार मैदान में: जबकि बहुजन मुक्ति पार्टी से सुरेश प्रसाद, पीपुल्स पार्टी ऑफ़ इंडिया डेमोक्रेटिक से प्रतिभा रानी, अखिल हिंद फॉरवर्ड ब्लॉक क्रांतिकारी शैलेश राही, राष्ट्रीय जन लोक पार्टी सत्य से अजीत कुमार, निर्दलीय गौतम कुमार, निर्दलीय शक्ति कुमार मिश्रा, निर्दलीय मोहम्मद वलीउल्लाह खान, निर्दलीय विनोद प्रसाद चौधरी, निर्दलीय धीरेंद्र कुमार सिंह, कांग्रेस के नाम से पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार ने भी रसीद कटाई थी लेकिन उन्होंने नामांकन नहीं किया.

नवादा से 17 उम्मीदवार आजमाएंगे किस्मत: नवादा सीट से 17 उम्मीदवारों ने नामांकन किया है. भाजपा से विवेक ठाकुर, राजद से श्रवण कुमार, भागीदार पार्टी पी से गौतम कुमार बबलू, पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया डेमोक्रेटिक गनौरी पंडित, बहुजन समाज पार्टी से रंजीत कुमार, भारतीय जन जागरण दल से अनंत कुमार वर्मा, भारत भ्रष्टाचार मिटाओ पार्टी से संजय प्रसाद, अपना किसान पार्टी चंदन कुमार ने भरा नामांकन पर्चा.

अन्य प्रत्याशियों की सूची: वहीं लोक शक्ति से रामकृपाल शरण, समाजशक्ति पार्टी से मोहम्मद मुकीम उद्दीन, राष्ट्रीय जन संभावना पार्टी से शशि कुमार, निर्दलीय आनंद कुमार, निर्दलीय आलोक कुमार, निर्दलीय दामोदर प्रसाद कुशवाहा, निर्दलीय मुरारी कुमार, निर्दलीय गुंजन सिंह, निर्दलीय विनोद यादव ने नामांकन दाखिल किया है.

जमुई से 12 कैंडिडेट लड़ेंगे चुनाव: वहीं जमुई सीट से 12 उम्मीदवारों ने नामांकन किया है, जिसमें राजद से अर्चना कुमारी, लोजपा आर से अरुण कुमार भारती, बसपा से सकलदेव कुमार, लोसा न्याय पार्टी से जगदीश प्रसाद, एस यू सी ए कम्युनिस्ट संतोष कुमार दास, राजसंभावना पार्टी से श्रवण कुमार, भालोचे पार्टी से गुड़िया देवी, नकी भारतीय एकता पार्टी से अनिल चौधरी, समझदार पार्टी से गौतम पासवान, निर्दलीय चंद्रशेखर कुमार, निर्दलीय उपेंद्र रविदास, निर्दलीय सुभाष पासवान शामिल हैं.

सबकी नजरें चुनाव परिणाम पर: पहले चरण के चार लोकसभा सीटों में पूर्व सीएम जीतन राम मांझी, सीपी ठाकुर के बेटे विवेक ठाकुर भोजपुरी गायक गुंजन सिंह पर नजर होगी. ऐसे चारों लोकसभा की सीट फिलहाल एनडीए के कब्जे में है और चारों पर इस बार एनडीए का मुकाबला महागठबंधन से होना है, लेकिन कई बागी उम्मीदवार दोनों गठबंधन की मुश्किल जरूर बढ़ा रहे हैं.

जमुई से चिराग की पार्टी को टिकट: औरंगाबाद सीट ऐसे तो कांग्रेस का रहा है लेकिन इस बार निखिल कुमार ने रशीद खरीदने के बाद भी नामांकन नहीं किया है. क्योंकि यह सीट आरजेडी ने ले लिया है और जदयू से बगावत कर आरजेडी में शामिल हुए अभय कुमार कुशवाहा को टिकट दिया गया है. वहीं जमुई से चिराग पासवान ने अपने परिवार के सदस्य को ही मैदान में उतारा है.

Thar गाड़ी, हथियारों का शौक, पत्नी करोड़पति, गया से आरजेडी उम्मीदवार कुमार सर्वजीत के बारे में जानें सबकुछ

गया : आरजेडी प्रत्याशी कुमार सर्वजीत के पास करोड़ों की चल-अचल संपत्ति है. कुमार सर्वजीत बोधगया विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं और पिछली सरकार में कृषि मंत्री भी रह चुके हैं. नामांकन पत्र के साथ दाखिल किए गए शपथ पत्र के अनुसार कुमार सर्वजीत हथियारों और कीमती वाहनों के शौकीन हैं. कुमार सर्वजीत की पत्नी सीमा एक करोड़ 95 लाख की संपत्ति की मालकिन है.

कुमार सर्वजीत की संपत्ति का ब्यौरा: राजद प्रत्याशी कुमार सर्वजीत के द्वारा दिए गए विवरणी में संपत्ति के संबंध में व अन्य जानकारी दी गई है. कुमार सर्वजीत के द्वारा दिए गए विवरण में बताया गया है, कि उनके पास 30 हजार नकद, दो बैंक खातों में 10 लाख 70 हजार रुपए हैं.

हथियारों के शौकीन हैं आरजेडी प्रत्याशी: वहीं, उनके पास तीन वाहन हैं, जिसमें एसयूवी टाटा सफारी, मारुती सुजुकी वैगन आर और महिंद्रा थार है. वही, 5.94 लाख मूल्य का 108 ग्राम सोना है. इनके पास 3 लाख मूल्य का पिस्टल और एक रायफल है. पत्नी के नाम भी एक राइफल है.

8 एकड़ से अधिक में कृषि योग्य भूमि: कुमार सर्वजीत के पैतृक गांव चहल मंडेला में 8 एकड़ से अधिक में कृषि योग्य भूमि है. बोधगया और पटना में एक फ्लैट भी है. वही, कुमार सर्वजीत की पत्नी के तीन बैंक खाते में लगभग 25 लाख 74 हजार है, जिसमें 16 लाख लाख बैंक लोन के है. कुमार सर्वजीत की पत्नी सीमा के पास 27 लाख 83 हजार मूल्य के सोना चांदी है.

पति से ज्यादा पत्नी की संपत्ति: वही, दो पुत्रों के पास भी 2.75 लाख के 50 ग्राम सोना है. पत्नी सीमा के नाम नोएडा में फ्लैट है. इस तरह कुमार सर्वजीत के पास 90 लाख 31 428 रुपए की संपत्ति है. पत्नी सीमा एक करोड़ 95 लाख 70 हजार रुपए की मालकिन है.

गया में पहले चरण में चुनाव: बिहार के गया लोकसभा का चुनाव प्रथम चरण के तहत होना है. 19 अप्रैल को यहां वोट डाले जाएंगे. 28 मार्च को नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो गई है. 30 मार्च को स्क्रूटनी और 2 अप्रैल को नाम वापसी की तिथि है. 28 मार्च को एनडीए की ओर से हम प्रत्याशी के रूप में जीतन राम मांझी ने नामांकन किया. वहीं राजद प्रत्याशी के रूप में कुमार सर्वजीत ने नामांकन किया.

 

मुख्तार अंसारी की मौत की जांच होनी चाहिए, बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने उठाई मांग

पटनाः यूपी के बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी की मौत के बाद पूरे देश में सियासत गरमा गई है. कांग्रेस सहित कई दल मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर यूपी की योगी सरकार पर सवाल उठा रहे हैं और जांच की मांग कर रहे हैं. बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने भी मुख्तार अंसारी की मौत की जांच की मांग की है.

‘संदेह के घेरे में है मुख्तार की मौत’: अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि जिन परिस्थितियों में मुख्तार अंसारी की मौत हुई है वो निश्चित रूप से संदेह के घेरे में है. इसलिए मुख्तार अंसारी की मौत की जांच होनी ही चाहिए. उन्होंने कहा कि “वैसे तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत की कारणों का खुलासा हो सकता है लेकिन ये साफ लग रहा है कि ये कोई सामान्य मौत नहीं है.”

पूर्णिया सीट पर सवाल से काटी कन्नी: वहीं महागठबंधन में सीट बंटवारे के बाद पूर्णिया सीट को लेकर पूछे गये सवाल पर अखिलेश प्रसाद सिंह कन्नी काटते नजर आए. अखिलेश सिंह ने कहा कि “पूर्णिया की बात छोड़िए न !” महागठबंधन के बीच सीट बंटवारे के बाद पूर्णिया लोकसभा सीट आरजेडी के खाते में गयी है, जबकि इस सीट से कांग्रेस नेता पप्पू यादव चुनाव लड़ना चाहते थे.

गुरुवार को हुई मुख्तार अंसारी की मौतः आपको बता दें कि बांदा जेल में सजा काट रहे यूपी के बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी की मौत गुरुवार को हार्ट अटैक से हो गयी. मुख्तार अंसारी के परिजनों से इसको लेकर यूपी सरकार पर सवाल उठाए हैं. परिजनों का आरोप है कि मुख्तार अंसारी को जेल में जहरीला खाना दिया जा रहा था, जिसके कारण उनकी मौत हुई है.

‘केजरीवाल और सोरेन भी जेल में हैं सतर्क रहें’, मुख्तार की मौत पर सवाल उठाकर नेहा राठौर ने किया विवादित पोस्ट

पटना : भोजपुरी लोक गायिका नेहा सिंह राठौर ने मुख्तार अंसारी की मौत पर आपत्तिजनक ट्वीट किया है. नेहा सिंह राठौर ने कहा है कि जिस तरह से मुख्तार अंसारी की मौत हुई है, ये ध्यान रखना होगा कि दो लोकप्रिय लीडर हेमंत सोरेन और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल जेल में बंद हैं. ऐसे में उनकी सुरक्षा को लेकर बेहद गंभीरता से सतर्कता बरतने की जरूरत है.

मुख्तार अंसारी की मौत पर नेहा का विवादित ट्वीट : बता दें कि मुख्तार अंसारी ने कुछ दिन पहले जेल में जहर देकर मारने की शिकायत की थी. जिसके बाद उनकी हर्ट अटैक से मौत हो गई. नेहा सिंह राठौर ने इस मौत पर सवाल खड़े किए. साथ ही उन्होंने शराब घोटाले के आरोप में ईडी की कस्टडी में कैद दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल और जमीन घोटाले को लेकर जेल में बंद हेमंत सोरेन को लेकर चिंता जताई है.

‘जेल में अरविंद और हेमंत सोरेन को सतर्क रहने की जरूरत’ : सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर ट्वीट करते हुए नेहा सिंह राठौर ने लिखा कि “जेल में बंद झारखंड के पूर्व-मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा में विशेष सतर्कता बरतने की ज़रूरत है.”

https://x.com/nehafolksinger/status/1773403318725095450?s=20

”कुछ दिन पहले मुख़्तार अंसारी ने शिकायत की थी कि उनको जेल के खाने में ज़हर दिया गया है. आज उनकी मौत हो गई. इस वक़्त झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दोनों जेल में हैं और केंद्र सरकार से उनके संबंधों की मधुरता तो जगज़ाहिर है. ऐसे में मुख़्तार अंसारी की मौत की ख़बर को बेहद गंभीरता से लेना होगा.” – नेहा सिंह राठौर, लोक गायिका

आज सुबह हुआ पोस्टमार्टम : बता दें कि मुख्तार अंसारी का परिजनों की मौजूदगी में पोस्टमार्टम किया जा रहा है. कल रात साढ़े 10 बजे ही डॉक्टरों ने मुख्तार को मृत घोषित कर दिया. डेड बॉडी को रात 12 बजे ही मोर्चरी में रखा गया. और परिजनों के आने का इंतजार किया गया. मुख्तार का बेटा उमर रात 1 बजे बांदा पहुंचा और वहां शव देखकर वह फूट फूटकर रोया. सुबह 9 बजे डॉक्टरों के पैनल ने उसका पोस्टमार्टम शुरू किया.

एम्बेसडर कार के शौकीन हैं NDA उम्मीदवार जीतन राम मांझी, जानें कितने संपत्ति के मालिक हैं पूर्व सीएम

पटना: पूर्व मुख्यमंत्री, हम पार्टी के संरक्षक सह गया अजा लोकसभा सीट से जीतनराम मांझी ने गुरुवार को नामांकन पत्र दाखिल किए हैं. उन्होंने दिए शपथ पत्र में जीतनराम मांझी के पास 49 हजार रुपए नगदी और 13 लाख 50 हजार का पुश्तैनी घर समेत कुल 25 लाख रुपये की संपत्ति है।

वहीं, आरजेडी के उम्मीदवार कुमार सर्वजीत उन्हें टक्कर देंगे. कुमार सर्वजीत बोधगया विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं और पिछली सरकार में कृषि मंत्री भी रह चुके हैं. नामांकन पत्र के साथ दाखिल किए गए शपथ पत्र मेंजीतन राम मांझी एम्बेसडर कार के शौकीन हैं।

एनडीए से हम प्रत्याशी के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने गुरुवार 28 मार्च को अपना नामांकन दाखिल किया है. नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान दिए गए शपथ पत्र में इन्होंने अपने संपत्ति विवरणी संबंधी जानकारियां भी दी है. मांझी के द्वारा दिए गए शपथ पत्र में बताया गया है, कि उनके पास 49 हजार नगदी और 13.50 लाख का पुश्तैनी घर है।

इसके साथ उनके पास कुल 25 लाख रुपए की संपत्ति है. उनकी पत्नी शांति देवी के पास 5 लाख की संपत्ति है, जिसमें चार लाख की ज्वेलरी है. मांझी के पास 50 हजार का एंबेसडर कार, चार लाख का स्कॉर्पियो, पुश्तैनी घर, एक डीडीबीएल गन भी है. जीतन मांझी पर विभिन्न थाना में छह मामले दर्ज बताए जाते हैं यानी कि मांझी छह मामलों में आरोपी हैं।

मांझी के संपत्ति के दिए गए हलफनामे में एंबेसडर कार पचास हजार रुपये, स्कॉर्पियो चार लाख रुपये के हैं. वहीं मांझी गाय के भी शौकीन हैं., उनके पुश्तैनी घर पर दो गाय है. बता दें कि गया लोकसभा क्षेत्र में पहले चरण में 19 अप्रैल को वोट होना है. मांझी को आरजेडी के कुमार सर्वजीत टक्कर देंगे।