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शाहनवाज केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में हुए शामिल
भागलपुर लोकसभा सीट से बेटिकट हुए भाजपा
के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन भले
ही गम में हों, पर वे अब भी दूसरों की टिकट
पर वकालत कर रहे हैं। मंगलवार को भी दिल्ली
भाजपा कार्यालय में केंद्रीय चुनाव समिति की
बैठक में वे पहले की तरह ही शामिल हुए।
भागलपुर सीट जदयू में जाने के नतीजे आने पर
दो दिनों तक वे सीन से गायब हो गए थे। उनका
मोबाइल भी बंद हो गया था। जबकि उनके
समर्थक कार्यकर्ता स्थानीय स्तर पर इस्तीफे की
धमकी देकर चुनाव में काम नहीं करने की बात
कह रहे हैं। इसमें कई ने इस्तीफा भी दे दिया तो
कई प्रखंड अध्यक्षों ने 22 मार्च तक का समय
पार्टी को दिया है। अगर भाजपा सीट को लेकर
पार्टी का कोई निर्णय नहीं हुआ तो भाजपा का
ग्राउंड लेवल पर चुनाव को लेकर हुई तैयारी पर
पानी फिर सकता है। यही वजह है कि इस बार
भाजपाइयों के होली का रंग भी फीका पड़ गया
है, पिछली बार मेडिकल कॉलेज रोड स्थित
एक होटल के पास होली मिलन समारोह बड़े
ही धूमधाम से हुआ था, इसमें शाहनवाज भी
शामिल हुए थे।
नाथनगर और नवगछिया के प्रखंड अध्यक्षों
ने पहले ही अल्टीमेटम दे दिया है, जबकि
कहलगांव, पीरपैंती व सन्हौला के कार्यकर्ताओं
ने भी 22 मार्च तक का समय दिया है। इधर,
इस पूरे घटनाक्रम पर भाजपा जिलाध्यक्ष पूरी
तरह से साइलेंट मोड में हैं। उनके स्तर से किसी
तरह की प्रतिक्रिया या विरोध नहीं जताया गया।
मंगलवार को डॉ. मृत्युंजय कुमार के आदमपुर
स्थित आवास के पास जिलाध्यक्ष की मुलाकात
जदयू नेता ललन सिंह से भी हुई। वहां उनका
परिचय शाहनवाज के समर्थक अजय चौधरी ने
करवाया। इस बीच दोनों के बीच सिर्फ दुआ-
सलाम हुआ और दोनों वहां से निकल लिए।
जिलाध्यक्ष रोहित पांडेय ने कहा कि सभी
प्रखंड अध्यक्षों से बात हुई है। उनका आक्रोश
जायज है पर सबका गुस्सा धीरे-धीरे ठंडा पड़
जाएगा। कार्यकर्ताओं ने पहले से तैयारी की
थी, इसलिए यह दिक्कत है। हमलोग एनडीए
में हैं तो जो भी उम्मीदवार होगा, उनके लिए
काम करेंगे।
बिहार में 5 वर्तमान सांसद सहित पिछली बार प्रत्याशी रहे भाजपा के दर्जन भर नेता मैदान में नहीं
नयी दिल्ली : देश में 17वीं लोकसभा के लिये होने वाले चुनाव में भाजपा बिहार में 17 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है जहां सहयोगी दलों के लिए सीटें छोड़ने के कारण 5 वर्तमान सांसदों सहित पिछली बार उम्मीदवार रहे भाजपा के करीब दर्जन भर नेता चुनावी समर में नहीं दिखेंगे. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा राज्य में लोकसभा की कुल 40 सीटों में से 30 सीटों पर लड़ी थी और तब भाजपा और उसके दो सहयोगी दल रालोसपा और लोजपा ने मिलकर 31 सीटों पर सफलता हासिल की थी.
इस बार भाजपा के साथ रालोसपा के स्थान पर सहयोगी दल जदयू है. पिछले चुनाव में जिन आठ सीटों पर भाजपा हारी थी, उसमें सिर्फ एक सीट अररिया ऐसी है, जिस पर इस बार भाजपा चुनाव लड़ रही है. उसकी हारी हुई अन्य सभी सात सीटें जदयू के खाते में जा रही हैं. भाजपा अपनी जीती हुई पांच सीटें गया, गोपालगंज, वाल्मीकिनगर, झंझारपुर और सीवान सहयोगी दल को देने जा रही है.
वहीं पिछली बार भाजपा की जीती हुई नवादा सीट सहयोगी दल लोजपा के खाते में गयी है. इस तरह भाजपा के पास 17 सीटों में 14 सीटें ऐसी हैं जिस पर उसके मौजूदा सांसद के ही चुनाव लड़ने की पूरी संभावना है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन :राजग: के घटक दलों में भाजपा की पांच वर्तमान सीट जदयू के हिस्से में चली गयी. इसमें वाल्मीकिनगर शामिल है जहां से पिछली बार सतीश चंद्र दूबे भाजपा के टिकट पर विजयी हुए थे.
उसी तरह झंझारपुर के सांसद वीरेंद्र कुमार चौधरी जदयू से भाजपा में आकर चुनाव जीते थे पर वे भी भाजपा से चुनावी दौड़ से बाहर हो गये हैं. बसपा छोड़कर आने वाले गोपालगंज के सांसद बने जनक राम को भाजपा का टिकट नहीं मिलने वाला है. सीवान से ओम प्रकाश यादव और गया से हरि मांझी भाजपा के सांसद हैं और इस बार ये दोनों सीटें जदयू के खाते में चली गयी है.
वहीं, पिछली बार आठ सीटों पर दूसरे स्थान पर रहने वाली भाजपा अररिया को छोड़ बाकी सात सीटों पर इस बार चुनाव नहीं लड़ेगी. भागलपुर से चुनावी मैदान में उतरने वाले शाहनवाज हुसैन की सीट भी इस बार जदयू के हिस्से में चली गयी. शाहनवाज हुसैन 9,485 वोट से चुनाव हार गये थे.
इसी तरह पिछली बार किशनगंज से हाथ आजमाने वाले डॉ. दिलीप जायसवाल की सीट भी जदयू के हिस्से में चली गयी. हालांकि, अररिया के संभावित दावेदारों में शाहनवाज हुसैन, डॉ. दिलीप जायसवाल के साथ ही प्रदीप सिंह के नाम की भी चर्चा है. कटिहार से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले निखिल चौधरी, मधेपुरा के प्रत्याशी विजय कुशवाहा, सुपौल के कामेश्वर चौपाल और बांका से चुनाव लड़ने वाली पुतुल कुमारी की सीट भी सहयोगी दल को चली गयी है, ऐसे में भाजपा से चुनावी दंगल में इनके उतरने की संभावना नहीं दिखती है.
भाजपा को 17 लोकसभा सीटों में से तीन सीटों पर ही नये उम्मीदवार खोजने की जरूरत दिख रही है. इनमें अररिया, पटना साहिब और दरभंगा सीट शामिल है. पटना साहिब सीट के मौजूदा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा पार्टी से असंतुष्ट हैं, जबकि दरभंगा के कीर्ति झा आजाद भाजपा से रिश्ता तोड़ चुके हैं. पटना साहिब से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के चुनाव लड़ने की अटकलें सबसे ज्यादा चल रही हैं.
NDA बिहार में हुआ सीटों का बंटवारा, 2014 में 2 सीटें जीतने वाली JDU को मिली ये 17 सीटें
बिहार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने होने लोकसभा चुनाव में सभी 40 सीटों के लिए आज घटक दलों के कोटे की सीट की पहचान करते हुए कहा कि एक-दो दिनों में उम्मीदवारों के नाम की भी घोषणा कर दी जाएगी। राजग के घटक जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने यहां संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में अपने-अपने कोटे की सीटों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि एक-दो दिनों में उम्मीदवारों के नामों की भी घोषणा कर दी जाएगी। सिंह ने कहा कि प्रदेश में राजग घटक दलों के बीच आपसी सहमति के बाद भाजपा-जदयू 17-17 और लोजपा के लिए छह सीट की घोषणा पहले ही की जा चुकी है। अब कौन सी सीट किसके खाते में गई है, यह सबसे अहम है।
जानें किस दल को मिली कितनी सीटें
जदयू की सीटें: वाल्मिकीनगर, सीतामढ़ी, झंझारपुर, सुपौल, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, मधेपुरा, गोपालगंज, भागलपुर, सीवान, बांका, मुंगेर, नालंदा, काराकाट, जहानाबाद, गया।
भाजपा की सीटें: पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, मधुबनी, अररिया, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, महाराजगंज, सारण, उजियारपुर, बेगूसराय, पटना साहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर, सासाराम और औरंगाबाद।
लोजपा की सीटें: हाजीपुर, जमुई, समस्तीपुर, खगड़िया, वैशाली और नवादा।
BJP चुनाव समिति की बैठक थोड़ी देर में, अमित शाह सहित कई बड़े नेता पहुंचे
लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शनिवार को अपनी पहली लिस्ट जारी कर सकती है। भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की नई दिल्ली में बैठक होनी है, जहां उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लग सकती है। बैठक के लिए राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज सहित भाजपा के कई मंत्री और दिग्गज नेता पहुंच चुके हैं।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को देहरादून के परेड मैदान से रैली की। उनके साथ मंच पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी के बेटे मनीष खंडूड़ी दिखे। वह कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। गुजरात में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के बाद परिवर्तन रैली के रूप में राहुल की यह पहली बड़ी जनसभा थी। रैली के बाद राहुल गांधी शहीद मोहनलाल रतूड़ी के परिवार से मिले। उन्होंने शहीद के बेटे से कहा कि मैं पिता के खोने का दर्द समझता हूँ। मेरे पिता भी आतंकी हमले में शहीद हुए थे। कांग्रेस अध्यक्ष ने शहीद की पत्नी से कहा कि अब आपको ही परिवार संभालना है।
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अपने समर्थकों से अपील की कि वे ‘मैं भी चौकीदार का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि वह भ्रष्टाचार और सामाजिक बुराइयों के खिलाफ लड़ाई में अकेले नहीं हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ”आपका चौकीदार मजबूती से खड़ा है और देश की सेवा कर रहा है, लेकिन मैं अकेला नहीं हूं। भ्रष्टाचार, गंदगी, सामाजिक बुराई के खिलाफ लड़ने वाला हर व्यक्ति चौकीदार है। भारत के विकास के लिए कड़ी मेहनत करने वाला हर व्यक्ति चौकीदार है। आज हर भारतीय कह रहा है ‘मैं भी चौकीदार’।
यूपी में भाजपा की दूसरी सहयोगी पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को समझौते के तहत दी जाने वाली सीटों पर चर्चा शनिवार को होगी। सुभासपा अध्यक्ष व प्रदेश सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर का कहना है कि जेपी नड्डा शनिवार को लखनऊ में रहेंगे। उन्होंने बैठक के लिए बुलाया है। शुक्रवार को बीजेपी ने यूपी में अपना दल (सोनेलाल) के साथ समझौते के तहत दो सीटें देने का फैसला किया है। मिर्जापुर सीट से दल की संरक्षक और केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल चुनाव लड़ेंगी। दूसरी सीट कौन होगी, यह अपना दल (एस) और भाजपा के नेता बैठक कर तय करेंगे।
भ्रष्टाचार और गंदगी से लड़ने वाला हर व्यक्ति चौकीदार-मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राहुल गांधी के ‘चौकीदार चोर है’ के आरोप पर जवाब दिया। उन्होंने ट्वीट किया- आपका चौकीदार मजबूती के साथ खड़ा है और देश की सेवा में जुटा है। लेकिन मैं अकेला नहीं हूं। ऐसा हर व्यक्ति जो भ्रष्टाचार, गंदगी और समाज के दुश्मनों से लड़ रहा है, वह चौकीदार है। जो भी व्यक्ति भारत के विकास के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है, वह चौकीदार है। आज हर भारतीय कह रहा- मैं भी चौकीदार।
मोदी पर राहुल लगाते रहे हैं आरोप
- रैलियों और रोड शो के दौरान राहुल गांधी अक्सर राफेल मामले का जिक्र करके लोगों को बता रहे हैं कि मोदी भ्रष्ट हैं। वह लोगों से नारा भी लगवाते हैं- ‘चौकीदार चोर है।’
- राहुल का ‘चौकीदार चोर है’ कहना कुछ लोगों को नागवार गुजरा है। हाल ही में महाराष्ट्र राज्य सुरक्षा रक्षक यूनियन ने पुलिस को शिकायत देकर कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने ऐसा कहकर सारे चौकीदारों का अपमान किया है, लिहाजा उनके खिलाफ केस दर्ज किया जाए।
- यूनियन के प्रधान संदीप घुघे ने कहा कि पुलिस राहुल के खिलाफ केस दर्ज करे। उन्होंने सारे चौकीदारों का अपमान किया है। पुलिस कार्रवाई करेगी तो भविष्य में कांग्रेस अध्यक्ष उनके अपमान से बचेंगे।
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‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’
फरवरी में लोकसभा के अंतिम सत्र में मोदी ने कहा था, ‘‘आपने कहा कि मोदी संस्थाओं को खत्म कर रहा है, बर्बाद कर रहा है। हमारे यहां कहावत है। उल्टा चोर चौकीदार को डांटे। मुझे लगता है कि इस पर विचार करने की आवश्यकता है। आपातकाल देश में कांग्रेस ने थोपा, लेकिन कहते हैं मोदी बर्बाद कर रहा है। सेना को अपमानित किया। सेनाध्यक्ष को गुंडा कहा और कहते हैं कि मोदी इंस्टीट्यूट बर्बाद कर रहा है। तख्तापलट की कहानियां गढ़ी जाती हैं। सेना की इज्जत पर इतना बड़ा बट्टा लगाया। ये जो आपने पाप किया है, भारत की सेना के सीने पर घाव लग रहा है। आज तक किसी ने ऐसा पाप नहीं किया केवल राजनीति के लिए। यह बुरा किया।’’
संसदीय बोर्ड ने लिया फैसला आडवाणी समेत कई दिग्गज उतरेंगे लोकसभा के चुनावी जंग में
भाजपा लाेकसभा चुनाव में 75 की उम्र पार कर चुके नेताओं काे भी टिकट देगी। ऐसे में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनाेहर जाेशी, शांता कुमार जैसे वयाेवृद्ध नेताओं के चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हाे गया है। उम्र का काेई पैमाना तय किए बिना चुनाव जीत सकने वाले नेताओं काे टिकट देने का फैसला भाजपा संसदीय बाेर्ड की बैठक में हुआ।
पार्टी ने इसकी काेई औपचारिक घाेषणा नहीं की है, लेकिन सूत्राें ने इसकी पुष्टि की है। यह फैसला पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर ही छाेड़ दिया गया है कि वह चुनाव लड़ना चाहते हैं या नहीं। हालांकि, पार्टी और सरकार में पद देने के लिए 75 साल की आयु सीमा लागू रहेगी। बैठक में नरेंद्र माेदी, अमित शाह भी माैजूद थे। तय किया गया कि माेदी वाराणसी से चुनाव लड़ेंगे। उनके लिए दूसरी सीट पर फैसला बाद में किया जाएगा। माैजूदा सांसदाें काे दाेबारा टिकट देने पर भी बैठक में विचार किया गया।
अगर मोदी है निर्दोष तो दे खुद के खिलाफ जांच के आदेश – राहुल गाँधी
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को फिर एक बार राफेल डील को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कारोबारी अनिल अंबानी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- राफेल इसलिए समय पर नहीं आ पाया क्योंकि उसका पैसा अनिल अंबानी के पास पहुंच गया। फाइल में लिखा है पीएमओ ने सारा नेगोशिएशन किया। मोदी राफेल डील पर देसॉ से समानांतर बातचीत कर रहे थे। अगर प्रधानमंत्री दोषी नहीं हैं तो खुद के खिलाफ जांच की इजाजत क्यों नहीं देते। इस पर जेपीसी को क्यों नकारा जा रहा है।
राहुल ने आगे कहा
- प्राइम मिनिस्टर ने खुद रात में सीबीआई चीफ को हटाया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा उन्हें वापस डालो, लेकिन फिर हटा दिया। आप सब पर इंक्वायरी कीजिए, लेकिन प्रधानमंत्री पर भी कीजिए।
- डिफेंस मिनिस्टर मनोहर पर्रिकर ने एक टेप में साफ कहा है कि (राफेल डील की) सारी फाइलें उनके पास हैं।’’
- पहले अपने कहा कि राफेल में कुछ नहीं है। बाद में हमने आपको दिखाया कि कुछ गड़बड़ हुई है। इसके बाद हिंदू अखबार ने आपको पूरी तरह दिखाया कि राफेल में गड़बड़ हुई। अखबार ने नाम लिखकर यह बात कही है।
- हमने जब जेपीसी की मांग की तो सरकार उसे नहीं मानी। प्रधानमंत्री खुद क्यों नहीं कहते कि मैं चौकीदार हूं, मैंने चोरी नहीं की है। उन्हें खुद इस मामले की जांच करानी चाहिए।
‘पीएमओ मतलब- प्रधानमंत्री’
राहुल ने राफेल डील पर आगे कहा, ‘‘पीएमओ समानांतर बातचीत क्यों कर रहे थे। उसका कोई कारण होगा। वरना नेगोशिएशन टीम तो अपना काम कर ही रही थी। अगर सरकार कह रही है कि राफेल डॉक्युमेंट चोरी होने से ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट का उल्लंघन हुआ है, तो उस पर एफआईआर दर्ज कराएं। पीएमओ का मतलब प्रधानमंत्री ऑफिस नहीं। सीधे प्रधानमंत्री हैa।’’
‘‘पेपर में पढ़ा- शहीदों के परिवार वाले भी मांग रहे सबूत’’
राहुल ने कहा- ‘‘कल मैंने अखबार में पढ़ा कि जो सीआरपीएफ के जवान शहीद हुए उनके परिवारों ने सबूत देने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा है कि हमें चोट लगी है तो हमें दिखाइये कि क्या हुआ।’’
‘हमें पाक का पोस्टर बॉय कहते हैं’
राहुल ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री पठानकोट में आईएसआई को बुलाते हैं। वे पाकिस्तान जाकर नवाज शरीफ को गले लगाते हैं और फिर हमें पाक का पोस्टर बॉय कहा जाता है।’’
धार में मोदी ने कहा था- स्ट्राइक का विरोध करने वाले पाक के पोस्टर बॉय
मोदी ने मध्यप्रदेश के धार में बुधवार को कहा था, ‘‘एक तरह से देखें, तो भारत के ये महामिलावटी लोग पाकिस्तान के पोस्टर बॉय बन गए हैं। जब हमारी एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान की बोलती बंद हो गई और वह दुनिया में अलग-थलग पड़ गया, तो इस पड़ोसी मुल्क की इज्जत बचाने को ये महामिलावटी लोग ही आगे आ गए। इनमें से कोई व्यक्ति हमारी एयर स्ट्राइक के सबूत मांगने लगा, तो कोई इस हमले में मारे आतंकियों की संख्या पूछने लगा। और तो और, ये लोग मोदी से अपनी नफरत के कारण पाकिस्तान को ही शांति का दूत बताने लगे।’’