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यूपी में सबको लग गई कोरोना वैक्सीन की पहली डोज, 70 फीसदी ने लगवा लिया दोनों टीका

देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लग गई है। तय समय-सीमा के भीतर 15 करोड़ 74 लाख वयस्क आबादी वाले राज्य ने सोमवार को यह लक्ष्य हासिल कर लिया। इस महत्वपूर्ण लक्ष्य की सफलता की जानकारी सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद ट्वीट कर दी। सीएम ने इसे ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन में यूपी में शत-प्रतिशत जनसंख्या को कोविड वैक्सीन की पहली डोज का सुरक्षा कवच दिया जा चुका है। कोरोना के विरुद्ध इस युद्ध को हम सभी मिलकर अवश्य जीतेंगे।

तेज कोविड टीकाकरण की रणनीति के लिए देश भर में सराहे जा रहे उत्तर प्रदेश में ताजा स्थिति के मुताबिक अब तक 26 करोड़ 14 लाख से अधिक टीके लगाए जा चुके हैं। यूपी में 100% वयस्क आबादी को टीके की पहली खुराक मिल चुकी है तो 70 फीसदी लोगों को दोनों टीके लग चुके हैं। प्रदेश के 68 फीसदी से ज्यादा किशोर टीकाकवर में सुरक्षित हो गए हैं। 31 जनवरी तक जो 1,318,206 स्वास्थ्यकर्मी, फ्रंटलाइन वर्कर और वरिष्ठ नागरिक को प्रीकॉशन डोज के लिए पात्र हैं, उनमें से 98.02 फीसदी को रविवार तक बूस्टर डोज लग गई है।

थम रही है तीसरी लहर की रफ्तार

प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर की रफ्तार थमती नजर आ रही है। ताजा स्थिति के मुताबिक एक ओर जहां दैनिक पॉजिटिविटी दर में गिरावट देखी जा रही है, वहीं नए केस और एक्टिव केस की संख्या भी दिनों-दिन कम होती जा रही है। विगत 24 घंटों में 01 लाख 80 हजार 978 कोरोना सैम्पल टेस्ट किए गए, जिसमें 6,626 नए कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई।

इसी अवधि में 6,946 लोग उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए। वर्तमान में कुल एक्टिव केस की 54 हजार 836 है। इनमें से 98% से अधिक लोग मामूली लक्षणों के साथ घर पर ही स्वास्थ्यलाभ ले रहे हैं। एक्टिव केस और पॉजिटिविटी दर में लगातार गिरावट आ रही है। यह अच्छे संकेत हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार यह संक्रमण सामान्य फ्लू की तरह है। अतः इससे डरने की नही, सतर्क-सावधान रहने की जरूरत है। सीएम ने निर्देश दिए हैं कि लोगों को कोविड प्रोटोकॉल के पालन हेतु जागरूक किया जाए।

भारत की 75% वयस्क आबादी को लगी कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज, PM मोदी ने देशवासियों को दी बधाई

देश की 75% वयस्क आबादी को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लग गई हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने रविवार को ट्वीट करके इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा, “‘सबका साथ, सबका प्रयास’ के मंत्र के साथ, भारत ने अपनी 75% वयस्क आबादी को वैक्सीन की दोनों डोज लगाने का लक्ष्य हासिल कर लिया है। कोरोना से लड़ाई में हम निरंतर मजबूत हो रहें है। हमें सभी नियमों का पालन करते रहना है और जल्द से जल्द वैक्सीन लगवानी है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस उपलब्धि पर देशवासियों को बधाई दी। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, “सभी वयस्कों में से 75% ने वैक्सीन की दोनों डोज लगवा ली हैं। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए हमारे देशवासियों को बधाई। उन सभी पर गर्व है जो हमारे टीकाकरण अभियान को सफल बना रहे हैं।”

अब तक 165.70 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज लगाई गई
कोरोना महामारी के खिलाफ पूरे देश में टीकाकरण अभियान जारी है। अब तक 165.70 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज लगाई जा चुकी हैं। वहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वैक्सीन की 164.36 करोड़ से ज्यादा डोज उपलब्ध कराई गई है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास अभी वैक्सीन की 12.43 करोड़ से अधिक डोज उपलब्ध है।

बीते 24 घंटे में 2,34,281 नए कोरोना केस मिले
भारत में लगातार कोरोना की तीसरी लहर कमजोर हो रही है। देश में कोरोना के आंकड़ों पर नजर डालें, तो बीते 24 घंटे में 2,34,281 नए कोरोना केस दर्ज हुए, जबकि 893 मरीजों की मौत हो गई। इस दौरान 3,52,784 संक्रमित ठीक हुए, जिससे अब तक रिकवर हुए लोगों की संख्या 3.87 करोड़ से ज्यादा हो गई है। इस समय एक्टिव केस 18,84,937 हैं। सक्रिय मामलों की दर 4.59% है और रिकवरी रेट 94.21% है।

सबको नहीं लगेगा कोरोना वैक्सीन का तीसरा टीका, बूस्टर डोज पर बदलेगी नीति

केंद्र सरकार जल्द ही कोरोना की तीसरी खुराक यानी बूस्टर डोज पर अपनी पॉलिस पर फिर से विचार कर सकती है। दरअसल, वैज्ञानिक विशेषज्ञों को तीसरी खुलाक को लेकर संदेश है। टाइम्स ऑफ इंडिया ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया कि एक्सपर्स का मानना ​​है कि तीसरी खुराक कुछ विशेष आयु वर्ग के लोगों को सुरक्षा प्रदान करने में विफल रह सकती है।

फिलहाल, बूस्टर डोज हेल्थकेयर वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स और पहले से किसी अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित 60 साल से ऊपर के लोगों को लग रहा है।  रिपोर्ट्स में एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, बूस्टर के लिए फिर से सोचना होगा। बहुत सोच समझकर नीति में बदलाव करना होगा।

उन्होंने आगे कहा कि बूस्टर ने किसी भी देश में मामलों में मदद नहीं की है। ऐसे में हम आंख बंद करके दूसरे देशों की तरह उनके रास्ते पर नहीं चल सकते हैं। हमें अपने स्थानीय महामारी वैज्ञानियों को सुनना होगा और विज्ञान को भी सुनना होगा और हमारे निर्णय उस आकलन पर आधारित होने चाहिए।

बताते चलें कि टीकाकरण के लिए बने नेशनल टेक्निकल अडवाइजरी ग्रुप (NTAGI) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के बीच मंगलवार को एक हाई लेवल मीटिंग हुई थी जिसमें बूस्टर डोज नीति पर चर्चा हुई।

अधिकारी के अनुसार, डब्ल्यूएचओ और एनटीएजीआई के सदस्यों के विशेषज्ञों ने उन देशों से वास्तविक दुनिया के आंकड़ों का आकलन किया है जहां बूस्टर शॉट दिए गए हैं। इसके अलावा स्थानीय आंकड़ों का भी अध्ययन किया जा रहा है। विशेषज्ञ संक्रमण के पैटर्न, वायरस के व्यवहार, उभरते हुए रूपों की भी समीक्षा कर रहे हैं।

स्वास्थ्य, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को 10 जनवरी के बाद से कुल 86.87 लाख “प्रिकॉशन्स डोज” दी गई हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुमान के अनुसार, लगभग तीन करोड़ स्वास्थ्य और फ्रंटलाइन वर्कर्स के बूस्टर शॉट्स पाने के योग्य होने का अनुमान है। इसके अलावा, देश भर में 60 से अधिक आयु वर्ग के 2.75 करोड़ लोगों के होने का अनुमान है।

मार्किट में कितने में मिलेगी कोविशील्ड-कोवैक्सीन, जानें मंजूरी के बाद क्या हो सकती है कीमत

कोरोना महामारी के खिलाफ शुरू हुई लड़ाई में सबसे बड़ा हथियार टीकाकरण साबित हुआ है। देश में इस महाअभियान की शुरुआत एक साल पहले 16 जनवरी के दिन हुआ था। इसी बीच देश में टीका बनाने वाली दो कंपनियों सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और भारत बायोटेक ने अब सरकार से अपने टीकों को खुले बाजार में उतारने की अनुमित मांगी है।

हालांकि वैक्सीन की कीमत क्या होगी, इसे लेकर अभी संशय बरकार है। लेकिन सरकारी सूत्रों ने वैक्सीन के कीमतों का खुलासा किया है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले बताया कि कोविड-रोधी टीके कोविशील्ड और कोवैक्सीन की कीमत प्रति खुराक 275 रुपये और अतिरिक्त सेवा शुल्क 150 रुपये तक सीमित रखने की संभावना है। दोनों टीकों को जल्द ही भारत के औषधि नियामक से बाजार में उतारने के लिए मंजूरी मिलने की उम्मीद है।

सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) को टीकों को किफायती बनाने के लिए कीमत को सीमित रखने की दिशा में काम शुरू करने का निर्देश दिया गया है। अभी तक, कोवैक्सीन की कीमत 1,200 रुपये प्रति खुराक है, जबकि कोविशील्ड की एक खुराक की कीमत निजी अस्पतालों में 780 रुपये है। कीमतों में 150 रुपये का सेवा शुल्क भी शामिल है। फिलहाल दोनों टीके देश में केवल आपातकालीन उपयोग के लिए अधिकृत हैं।

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति ने 19 जनवरी को कुछ शर्तों के साथ वयस्क आबादी के बीच उपयोग के लिए कोविड रोधी टीकों कोविशील्ड और कोवैक्सीन को नियमित रूप से बाजार में उतारने की मंजूरी देने की सिफारिश की। एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, ”एनपीपीए को टीकों की कीमत सीमित रखने की दिशा में काम करने को कहा गया है। कीमत 275 रुपये प्रति खुराक और 150 रुपये के अतिरिक्त सेवा शुल्क के साथ मूल्य को सीमित रखे जाने की संभावना है।”

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के निदेशक (सरकार और नियामक मामले) प्रकाश कुमार सिंह ने 25 अक्टूबर को भारत के औषधि महानियंत्रक को एक आवेदन जमा किया था, जिसमें कोविशील्ड टीके को बाजार में उतारने की मंजूरी मांगी गई थी। कुछ सप्ताह पहले भारत बायोटेक के पूर्णकालिक निदेशक वी कृष्ण मोहन ने कोवैक्सीन के लिए नियमित मंजूरी की मांग करते हुए क्लीनिक ​​डेटा के साथ-साथ रसायन विज्ञान, निर्माण और नियंत्रण संबंधी पूरी जानकारी प्रस्तुत की। कोवैक्सीन और कोविशील्ड को पिछले साल तीन जनवरी को आपातकालीन उपयोग मंजूरी (ईयूए) दी गई थी।

कोरोना की तीसरी लहर में जान गंवाने वाले 60 फीसदी मरीजों ने नहीं ली वैक्सीन

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में इस समय कोरोना की तीसरी लहर चल रही है, हालांकि यह सही है कि उतार-चढ़ाव के बावजूद पहली और दूसरी लहर की अपेक्षा तीसरी लहर कम खतरनाक साबित हुई है, लेकिन फिर भी इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता है। इसी बीच मैक्स हेल्थकेयर द्वारा किए गए एक सर्वे में कई आकंड़े सामने निकलकर आए हैं। इसमें बताया गया है कि मौजूदा कोरोना लहर पहली और दूसरी लहर से किस प्रकार अलग है।

दरसअल, मैक्स हेल्थकेयर ने अपने अध्ययन के आधार पर कहा है कि पिछले साल अप्रैल से मई के दौरान कोरोना संक्रमित चार में से तीन व्यक्ति को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी थी। पहली लहर के दौरान जितने लोगों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा, उनमें से 63 प्रतिशत मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट दिया गया था जबकि पिछले साल दूसरी लहर के दौरान 74 प्रतिशत मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी थी।

इतना ही नहीं पहली और दूसरी लहर से तुलना करें तो इस बार सिर्फ 23.4 प्रतिशत मरीजों को ही ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ रही है। मौजूदा लहर में कोरोना से मरने वालों में 60 प्रतिशत लोगों ने या तो सिंगल डोज लिया था या फिर वे अनवैक्सीनेटेड थे। मृतकों में ज्यादातर की आयु 70 साल से ज्यादा थी और उनमें से कई डायबिटीज, कैंसर, किडनी या दिल से जुड़ी बीमारियों का शिकार थे।

मैक्स हेल्थकेयर के समूह चिकित्सा निदेशक संदीप बुद्धिराजा ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया कि अध्ययन से दो महत्वपूर्ण बिंदु देखे गए हैं। एक यह है कि इस लहर के दौरान अस्पताल में कुल एंट्री बहुत कम रही है। दूसरा बिंदु यह है कि दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों में भर्ती हुए कुल मरीजों में से लगभग 70 से 80 प्रतिशत को ऑक्सीजन सपोर्ट की आवश्यकता थी। जबकि इस लहर में कुल भर्ती में से केवल 20 से 30 प्रतिशत को ही ऑक्सीजन सपोर्ट की आवश्यकता हुई।

यह अलग बात है कि इस बार भी संक्रमित लोगों की संख्या उतनी ही है लेकिन अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या पहली और दूसरी लहर की तुलना में बहुत कम है। दिल्ली में दूसरी और तीसरी लहर के दौरान लगभग 28 हजार मामले रोजाना आए। अगर इस लिहाज से देखें तो अस्पतालों में दूसरी लहर के दौरान यानी पिछले साल 2000 मरीज रोजाना आए जबकि इस बार सिर्फ 415 मरीजों की भर्ती अस्पतालों में हुई।

कोरोना की पहली लहर में मृत्यु दर का आंकड़ा 7.2 फीसदी रहा जो कि दूसरी लहर में बढ़कर 10.5 प्रतिशत हो गया। जबकि मौजूदा लहर में यह आंकड़ा 6 फीसदी दर्ज किया गया है। कोरोना वैक्सीनेशन होने के कारण मौत के आंकड़ों में कमी आई है।

कोरोना टीकाकरण केंद्रों की कोई समय सीमा निर्धारित नहीं, सरकार बोली- रात के 10 बजे तक लग सकते हैं टीके

भारत में कोविड टीकाकरण केंद्रों (CVC) की कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है और रात के 10 बजे तक लोगों को वैक्सीन लगाने का काम किया जा सकता है। भारत सरकार ने सोमवार को ये जानकारी दी। इसके मुताबिक CVC के संचालन की कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव डॉ मनोहर अगनानी द्वारा राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे खत में कहा गया, “कोविड टीकाकरण केंद्रों के संचालन की कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है। सेशन टाइमिंग किसी विशेष सीवीसी में मांग और आवश्यकता के आधार पर तय किया जा सकता है। सीवीसी की टाइमिंग फ्लेक्सिबल है और रात के 10 बजे तक हो सकती है।”

भारत सरकार ने ये स्पष्टीकरण ऐसे समय में जारी किया है जब आज यानी 10 जनवरी से उच्च जोखिम वाले स्वास्थ्य व अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता, और कोमोरबिडिटीज वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिए कोरोना की बूस्टर डोज दी जानी शुरू हुई है। सरकार ने कहा, “हमें ये जानकारी मिली है कि कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का मानना है कि कोविड टीकाकरण केंद्र केवल दिन के 8 बजे से रात के 8 बजे तक खुले रह सकते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। किसी भी तरह की कोई लिमिट तय नहीं की गई है। सेशन टाइमिंग को मांग और आवश्यकता के आधार पर तय किया जा सकता है।” स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव ने कहा कि अगर डिमांड बढ़ती है तो उसी के हिसाब से टीमें भी बढ़ाई जी सकती हैं।

कुछ समय पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 15 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों को कोरोना वैक्सीन की डोज दिए जाने का ऐलान किया था। इसके अलावा पात्र लोगों को कोरोना वैक्सीन की तीसरी डोज लगाने की भी घोषणा की थी। सरकार इसे बूस्टर के बजाय प्रिकॉशन (एहतियाती) डोज कह रही है। जहां 15 से 18 आयु वर्ग के लिए वैक्सीन तीन जनवरी से लगना शुरू हो गया है वहीं अब पात्र आबादी के लिए 10 जनवरी से तीसरी खुराक दिए जाने का कार्यक्रम शुरू हुआ। Co-WIN ऐप पर प्रिकॉशन डोज के लिए रजिस्ट्रेशन 8 जनवरी से शुरू हुआ था।

चुनाव वाले पांच राज्यों में कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट से हटेगी प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा, मणिपुर में कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर हटा दी जाएगी। ऐसा इसलिए किया जाएगा क्योंकि इन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ इन राज्यों में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई है।

पीटीआई-भाष ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय मोदी की तस्वीर को टीके के प्रमाणपत्र से हटाने के लिए कोविन प्लेटफॉर्म पर जरूरी फिल्टर लगाएगा। चुनाव आयोग ने शनिवार को घोषणा की थी कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में विधानसभा चुनाव 10 फरवरी से 7 मार्च के बीच सात चरणों में होंगे और मतगणना 10 मार्च को होगी।

चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही सरकारों, उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों के लिए आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। एक आधिकारिक सूत्र ने बताया, ‘आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण इन पांच चुनावी राज्यों में लोगों को जारी किए जाने वाले कोविड-19 टीकाकरण प्रमाणपत्रों से प्रधानमंत्री की तस्वीर हटाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय कोविन प्लेटफॉर्म पर आवश्यक फिल्टर लगाएगा।’

मार्च 2021 में, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कुछ राजनीतिक दलों की शिकायतों के बाद चुनाव आयोग के सुझाव पर असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी में चुनावों के दौरान भी इसी तरह के कदम उठाये थे। बता दें कि इन पांच राज्यों में 10 फरवरी से 7 मार्च के बीच चुनाव कराया जाना है। वहीं, मतगणना 10 मार्च को होगी।

आज से लगेगी प्रीकॉशन डोज, एक दिन में कितना लक्ष्य? जानिए क्या है सरकार की तैयारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों घोषणा की थी कोरोना महामारी के मद्देनजर प्रीकॉशन डोज की शुरुआत की जाएगी। आज यानि 10 जनवरी से देश के फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60प्लस नागरिकों को प्रीकॉशन डोज देनी शुरू हो जाएगी। इससे पहले 3 जनवरी से सरकार ने 15 से 18 साल के बच्चों के लिए भी टीकाकरण की शुरुआत की थी। अब बूस्टर डोज की शुरुआत होने जा रही है।

सरकार की घोषणा के मुताबिक, 10 जनवरी से कोरोना की प्रीकॉशन डोज अभी केवल फ्रंटलाइन वर्कर्स और को-मॉबिडिटी वाले सीनियर सिटिजन्स को दी जाएगी। बाकियों को अभी बूस्टर डोज के लिए इंतजार करना होगा। प्रीकॉशन डोज के लिए सरकार की तैयारी पूरी है। रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने जानकारी दी, “करीब 1 करोड़ से अधिक हेल्थ व फ़्रंटलाइन वर्कर्स तथा 60+ नागरिकों को उनकी प्रीकॉशन डोज के लिए रिमाइंडर एसएमएस भेजे गये है। कोविन एप पर अपॉइंटमेंट पहले से शुरू है। कल से डोज लगाने का कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है।”

नए रजिस्ट्रेशन की जरुरत नहीं
सरकार की घोषणा के मुताबिक, प्रीकॉशन डोज के लिए किसी को भी कोविन एप पर नए रजिस्ट्रेशन की कोई जरुरत नहीं है। अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से लॉग-इन करके सीधे अपॉइंटमेंट बुक किया जा सकता है। इसके अलावा सीधे वॉक-इन की भी सुविधा है।

दूसरी और तीसरी खुराक में कितना अंतर
प्रीकॉशन डोज के सिर्फ वही पात्र होंगे। जिनका दूसरी और तीसरी खुराक के बीच 9 महीने का अंतर है। यानि अप्रैल 2021 के पहले सप्ताह तक दूसरी खुराक पूरी करने वाले ही अभी प्रीकॉशन डोज के पात्र हैं।

गौरतलब है कि कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की। प्रधानमंत्री ने देश में कोविड-19 महामारी की स्थिति की समीक्षा बैठक में ओमीक्रोन वैरिएंट के चलते बढ़ रहे कोविड मामलों के मद्देनजर तैयारियों पर विशेष ध्यान दिए जाने का निर्देश दिया। साथ ही पीएम ने मुख्यमंत्रियों के साथ जल्द बैठक करने की भी बात कही है।

पीएम ने देश में COVID-19 महामारी की स्थिति, स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिक को लेकर चल रही तैयारियों, देश में टीकाकरण अभियान की स्थिति और नए कोविड-19 वैरिएंट ओमिक्रॉन का आकलन करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की जिसमें स्वास्थ्य सचिव द्वारा वर्तमान में विश्व स्तर पर रिपोर्ट किए जा रहे मामलों में वृद्धि के बारे में एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की।

कोरोना वायरस से लंबी सुरक्षा देगा कोवैक्सीन का बूस्टर डोज, ट्रायल में दिखे शानदार नतीजे

भारत बायोटेक का कहना है कि कोवैक्सीन के बूस्टर डोज ने ट्रायल में “बिना किसी गंभीर प्रतिकूल घटना के दीर्घकालिक सुरक्षा” का प्रदर्शन किया है। भारत बायोटेक ने कहा, ‘जिन वॉलंटियर्स को कोवैक्सीन बूस्टर डोज लगाई गई, उनमें से 90 प्रतिशत में वाइल्ड टाइप स्ट्रेन से बचाव के लिए एंटीबॉडी बन गई। इस एंटीबॉडी को मापा भी जा सकता है।” कंपनी ने कहा कि यह कोरोना वायरस के खिलाफ बड़ी सफलता है। भारत बायोटेक ने कहा कि उसकी कोवैक्सीन बूस्टर डोज का ट्रायल सफल रहा है। ट्रायल में बूस्टर डोज लगने के बाद कोई साइड इफेक्ट नहीं मिला और साथ ही डोज लगवाने वालों में लंबे समय तक वायरस से बचाव की क्षमता भी पाई गई है।

कंपनी ने पिछले महीने खुलासा किया था कि उसकी कोरोना वायरस वैक्सीन “फेस दो और तीन ट्रायल में 2-18 साल के वॉलंटियर्स” में सुरक्षित, अच्छी तरह से सहन करने वाला और इम्युनोजेनिक साबित हुआ था। भारत बायोटेक ने 2-18 आयु वर्ग के स्वस्थ बच्चों और किशोरों में कोवैक्सिन की सुरक्षा, प्रतिक्रियात्मकता और प्रतिरक्षण क्षमता का मूल्यांकन करने के लिए ट्रायल II/III, ओपन-लेबल और मल्टीसेंटर स्टडी आयोजित की थी।

बता दें कि 15 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए कोविड टीकाकरण कार्यक्रम 3 जनवरी, 2022 से शुरू किया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सूचित किया है कि इस जनसंख्या श्रेणी में केवल ‘कोवैक्सीन’ दी जाएगी और ‘कोवैक्सीन’ की अतिरिक्त खुराक सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भेजी जाएगी।

आज से प्रिकॉशन डोज के लिए अपॉइंटमेंट मिलने शुरू, वॉक-इन की भी सुविधा

10 जनवरी से शुरू हो रही कोरोना वैक्सीन की प्रिकॉशन डोज के लिए आज यानी शनिवार से अपॉइंटमेंट की बुकिंग शुरू हो रही है। केंद्र ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि एहतियाती डोज लेने वालों को कोविन पोर्टल या ऐप के जरिए अलग से रजिस्ट्रेशन करवाने की जरूरत नहीं है।

इससे पहले शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया कि हेल्थकेयर वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर और 60 साल से ऊपर की उम्र वाले गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोग किसी भी कोविड-19 वैक्सीनेशन सेंटर पर सीधे जाकर भी अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी बयान का हवाला देते हुए समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया, ‘8 जनवरी को शेड्यूल जारी किया जाएगा। ऑनसाइट अपॉइंटमेंट की सुविधा टीकाकरण के साथ ही 10 जनवरी से शुरू होगी।’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 दिसंबर को ऐलान किया था कि केंद्र सरकार ओमीक्रोन वैरिएंट के तेजी से हो रहे प्रसार के बीच कोविड वैक्सीन की प्रिकॉशन डोज लगाएगी। केंद्र सरकार ने पहले ही राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस बारे में अधिसूचना जारी कर यह बता दिया है कि बूस्टर खुराक पहली वैक्सीन की दोनों डोजों से अलग नहीं होगी।

इस बीच देश ने अब तक कोविड टीके की 150 करोड़ से ज्यादा डोज दिए जाने की उपलब्धि भी हासिल कर ली है।

बूस्टर डोज के लिए अलग से रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं, दोनों डोज लेने वाले सीधे ले सकते हैं अप्वाइंटमेंट

देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच 10 जनवरी से हेल्थ वर्कर्स, प्रमुख कर्मचारी और 60 साल से उपर वालों को बूस्टर डोज लगाई जाएगी। बूस्टर डोज के लिए लोगों को अलग से रजिस्ट्रेशन कराने की कोई आवश्यकता नहीं होगी। जिन लोगों ने कोविड वैक्सीन की दोनों डोज ले ली है, वे सीधे अप्वाइंटमेंट ले सकते हैं या फिर वैक्सीनेशन सेंटर जा सकते हैं।

सरकारी सूत्रों की मानें तो शेड्यूल कल यानी 8 जनवरी को प्राकाशित किया जाएगा। जबकि ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट की सुविधा भी कल शाम से शुरू हो जाएगी। वहीं, ऑनसाइट अप्वाइंटमेंट के साथ 10 जनवरी से टीकाकरण शुरू हो जाएगा। वहीं, बूस्टर टीके को लेकर सरकार पहले ही स्थिति को साफ कर चुकी है।

सरकार ने बुधवार को बताया कि स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम पंक्ति के कर्मियों और 60 वर्ष तथा उससे अधिक उम्र के लोगों को दी जाने वाली कोविड-19 टीके की एहतियाती खुराक पहली दो खुराक की तरह ही होगी। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने कहा कि जिन लोगों ने पहली दो खुराक कोविशील्ड की ली है, उन्हें कोविशील्ड टीका दिया जाएगा और जिन लोगों ने कोवैक्सीन लिया है, उन्हें कोवैक्सीन दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि टीकों के मिश्रण से जुड़ी नयी जानकारी, विज्ञान और आंकड़ों पर भी नजर रखी जा रही है।

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी दिशानिर्देशों के अनुसार एहतियाती खुराक दूसरी खुराक दिए जाने की तारीख से नौ महीने यानी 39 सप्ताह पूरे होने के आधार पर दिए जाएंगे। देश में ओमीक्रोन के बढ़ते खतरे को देखते हुए सरकार ने फ्रंट लाइन वर्कर्स और वृद्धों को बूस्टर डोज देने का फैसला किया है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने राष्ट्र के नाम संबोधन में इसका ऐलान किया था।

तीसरी लहर के बीच राहत की खबर: कोरोना टीकों का आंकड़ा पहुंचा डेढ़ अरब के पार

कोरोना वायरस की तीसरी लहर की दस्तक के बीच देश ने डेढ़ अरब टीकाकरण का लक्ष्य हासिल कर लिया है। हेल्थ मिनिस्टर मनसुख मांडविया ने यह जानकारी ट्विटर पर साझा करते हुए लिखा, ‘ऐतिहासिक प्रयास, ऐतिहासिक उपलब्धि। पीएम नरेंद्र मोदी के के यशस्वी नेतृत्व व स्वास्थ्य कर्मियों की अविरल मेहनत से देश ने आज 150 करोड़ कोरोना वैक्सीन लगाने का ऐतिहासिक आंकड़ा पार कर लिया है। जब सब मिलकर ‘प्रयास’ करते हैं तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।’ अब तक देश में कुल 90 फीसदी वयस्कों को कोरोना टीके की कम से कम पहली डोज दी जा चुकी है। अब तक देश में 1,50,17,23,911 टीके लग चुके हैं। इनमें से 87 करोड़ से ज्यादा टीके पहली डोज के हैं और दूसरी डोज के तहत 62,44,08,936 टीके लगाए जा चुके हैं।

यही नहीं देश में 15 से 18 साल के बच्चों को भी 3 जनवरी से कोरोना टीके लगाए जा रहे हैं। बच्चों के लिए फिलहाल कोवैक्सीन के टीके को मंजूरी दी गई है। वहीं 10 जनवरी से 60 साल से ऐसे बुजुर्गों को भी टीका लगना है, जो गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। इसके अलावा हेल्थ और फ्रंटलाइन वर्कर्स को 10 जनवरी से बूस्टर डोज भी लगाई जानी है। देश में 1 लाख 9 हजार के करीब वैक्सीनेशन सेंटर्स पर टीके लगाए जा चुके हैं। देश में कोरोना वायरस की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है और उसके बीच यह उपलब्धि मिलना बड़ी राहत की बात है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस महीने के अंत तक तीसरी लहर का पीक देखने को मिलेगा।

चुनावी राज्यों में वैक्सीनेशन तेज, यूपी है पहले नंबर पर

बता दें कि देश में बीते साल 15 जनवरी को कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत हुई थी। तब हेल्थ और फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए इसकी शुरुआत की गई थी। इसके बाद अन्य वर्गों के लिए भी चरणबद्ध तरीके से टीकाकरण की शुरुआत की गई थी। अब तक टीकाकरण के मामले में चुनावी राज्य यूपी सबसे आगे हैं। बता दें कि हाल ही में चुनाव आयोग ने हेल्थ मिनिस्ट्री से कहा था कि यूपी, पंजाब, उत्तराखंड समेत उन सभी 5 चुनावी राज्यों में टीकाकरण तेज किया जाए। इलेक्शन से पहले आयोग किसी भी तरह से टीकाकरण का लक्ष्य हासिल करने पर जोर दे रहा है।

केंद्र सरकार ने किया साफ, पहली दो डोज वाली वैक्सीन ही होगी ‘प्रीकॉशन डोज’

कोरोना वायरस के ओमीक्रोन वैरिएंट के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र सरकार ने गुरुवार को साफ कर दिया है कि पहली डोज वाली वैक्सीन ही प्रीकॉशन डोज के रूप में दी जाएगी। देश में 10 जनवरी से प्रीकॉशन डोज की शुरुआत होगी। सबसे पहले यह स्वास्थ्य देखभाल और फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को एहतियात के तौर पर दी जाएगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में कहा कि वो प्राइवेट अस्पताल जो कोविड टीकाकरण केंद्र के रूप में कार्य कर रहे हैं, वे अपने कर्मचारियों (डॉक्टरों, पैरामेडिक्स आदि) को अस्पताल में ही टीका लगा सकते हैं। इसके साथ-साथ वे अपने कर्मचारियों के लिए वैक्सीन में आने वाले खर्चे को भी वहन कर सकता है। देश में अभी तक 148 करोड़ से ज्यादा टीके की खुराक दी लगाई जा चुकी है।

भूषण ने कहा कि देश की 91 फीसदी वयस्क आबादी ने टीके की कम से कम एक खुराक ले ली है और 66 प्रतिशत को पूरी तरह से टीका लगाया गया है। उन्होंने कहा कि 15 से 18 वर्ष की आयु के 17 प्रतिशत से अधिक किशोरों को भी इस आयु वर्ग के लिए टीकाकरण शुरू होने के तीन दिनों के भीतर पहली खुराक का टीका लगाया गया है।

भूषण ने कहा कि नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन (एनटीएजीआई) वही वैक्सीन लगाने की सिफारिश की है यानी वहीं वैक्सीन जो पिछले दो खुराक में दी गई है। भारत में गुरुवार को कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमिक्रॉन’ के एक दिन में सर्वाधिक 495 नए मामले सामने आए, जिससे इस स्वरूप से संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़कर 2,630 हो गई है।

वहीं, गुरुवार को भारत में एक दिन में कोविड-19 के 90,928 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,51,09,286 हो गई है। करीब दो सौ दिन बाद इतने अधिक मामले सामने आए हैं। देश में 325 और संक्रमितों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,82,876 हो गई है। वहीं, एक्टिव मरीजों की संख्या 2,85,401 हो गई है।

भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन DGCI ने की मंजूर, बूस्टर डोज में होगा इस्तेमाल

DCGI की विशेषज्ञ समिति (SEC) ने भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन को बूस्टर डोज के तौर पर मान्यता दे दी है। इस संबंध में बीते मंगलवार को एक्टपर्ट्स कमिटी की अहम बैठक भी हुई थी। इस तरह नेजल वैक्सीन को कोरोना के बूस्टर डोज के चौर पर इमरजेंसी यूज के लिए अनुमति मिल गई है।

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) की एक्सपर्ट कमिटी ने बुधवार को बड़ा फैसला लेते हुए भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन को बूस्टर डोज के तौर पर मान्यता दे दी है। इस संबंध में मंगलवार को एक अहम मीटिंग भी हुई थी। इसमें भारत बायोटेक कंपनी की नेजल वैक्सीन (नाक के जरिए दी जाने वाली वैक्सीन) को बूस्टर डोज के तौर पर मंजूरी देने पर विचार किया गया।

दरअसल, कंपनी ने इसके इस्तेमाल के लिए सरकार से मंजूरी मांगी थी। भारत बायोटेक का कहना है कि दो डोज लगवा चुके लोगों को अगर बूस्टर डोज दिया जाता है तो उसकी नेजल वैक्सीन अच्छा विकल्प साबित हो सकती है।

कोरोना से जंग में एक और उपलब्धि, भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन के तीसरे फेज की स्टडी मंजूर

DCGI की विशेषज्ञ समिति (SEC) ने भारत बायोटेक को नेजल वैक्सीन के तीसरे फेज की स्टडी की मंजूरी दे दी है। कोरोना के खिलाफ जंग में ये मंजूरी अहम मानी जा सकती है। इस तीसरे फेज में बायोटेक इस पर भी रिसर्च करेगा कि क्या इसे कोरोना के बूस्टर डोज के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है? इससे पहले इस संबंध में बीते मंगलवार को एक्टपर्ट्स कमिटी की अहम बैठक भी हुई थी।

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) की एक्सपर्ट कमिटी ने बुधवार को बड़ा फैसला लेते हुए भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन के तीसरे फेज की स्टडी के लिए मंजूरी दी। भारत बायोटेक अब इस पर भी रिसर्च करेगा कि क्या नाक से दी जाने वाली इस वैक्सीन का बूस्टर डोज के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है? इससे पहले इस संबंध में मंगलवार को एक अहम मीटिंग भी हुई थी।  दरअसल, कंपनी ने इसके इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए सरकार से मंजूरी मांगी थी। भारत बायोटेक का कहना है कि दो डोज लगवा चुके लोगों को अगर बूस्टर डोज दिया जाता है तो उसकी नेजल वैक्सीन अच्छा विकल्प साबित हो सकती है।

उधर, ओमीक्रोन से तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच भारत में कोरोना की तेज रफ्तार ने अब डराना शुरू कर दिया है। बीते एक दिन में देश के अंदर कोरोना के 58 हजार से ज्यादा नए मामले आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, एक दिन में कोरोना वायरस के 58 हजार 97 नए मामले आए हैं। वहीं, इस दौरान सिर्फ 15 हजार 389 कोरोना मरीज ही ठीक हुए हैं। चिंता की बात यह है कि देश में अब कोरोना के ऐक्टिव मरीजों का आंकड़ा 2 लाख पार पहुंच गया है।