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हरियाणा के सैनिक स्कूल में कोरोना विस्फोट, 54 छात्र पाए गए पॉजिटिव

कोरोना वायरस को लेकर एक बार फिर से डराने वाली खबर आई है, हरियाणा के करनाल जिले में एक स्कूल के 54 बच्चे एक साथ कोरोना पॉजिटिव निकले हैं जिसके बाद पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है।

कोरोना वायरस को लेकर एक बार फिर से डराने वाली खबर आई है, हरियाणा के करनाल जिले में एक स्कूल के 54 बच्चे एक साथ कोरोना पॉजिटिव निकले हैं जिसके बाद पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। राज्य में स्कूल और कॉलेज की गतिविधियां शुरू हो चुकी है जिसके बाद से कोरोना का संक्रमण बढ़ने का खतरा बढ़ गया है। बता दें कि करनाल में मंगलवार शाम तक कुल 78 मामले सामने आ चुके हैं। कोरोना के इन मामलों ने एक बार फिर शासन-प्रशासन को आगाह किया है कि लापरवाही भारी पड़ सकती है।

करनाल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. पीयूष शर्मा ने बताया कि सैनिक स्कूल कुंजपुरा में कल तीन बच्चों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। उसके बाद उनके संपर्क और हॉस्टल में रह रहे 390 बच्चों की टेस्टिंग कराई गई थी जिसमें से आज 54 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। सैनिक स्कूल में हरियाणा के अलावा विभिन्न राज्यों के बच्चे पढ़ रहे हैं। सोमवार को सैनिक स्कूल कुंजपुरा के तीन छात्रों सहित 21 कोरोना संक्रमित मिले हैं। वहीं अब तक कोरोना वायरस संक्रमण से आशंकित कुल 220538 व्यक्तियों के सैंपल लिए गए हैं, जबकि इनमें 206924 की रिपोर्ट नेगेटिव आई है।

वहीं कोरोना वैक्सीनेशन के तीसरे चरण की शुरुआत सोमवार को हो गई है। सेक्टर-13 स्थित डिस्पेंसरी में सिविल सर्जन डा. योगेश शर्मा की मौजूदगी में 60 वर्ष की आयु के व्यक्ति को कोरोना की डोज दी गई। कोरोना टीकाकरण के लिए नौ सेंटरों पर साठ वर्ष की आयु से अधिक 262 लोगों को कोरोना की डोज दी गई। वहीं 45 से 59 वर्ष आयु वर्ग के आठ लाभार्थियों को कोरोना का टीका लगाया गया।

 

आज से कोरोना टीकाकरण का दूसरा चरण, कहां करें रजिस्टर और क्या है प्रक्रिया, जानें

देशभर में आज से कोरोना वायरस टीकाकरण के दूसरे चरण की शुरुआत होने जा रही है। इसी के साथ स्वास्थ्य और फ्रंटलाइन वर्करों के बाद अब आज से 60 साल से ऊपर के बुजुर्ग और किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित 45 साल के ऊपर के व्यक्तियों का टीकाकरण किया जाएगा। दूसरे चरण के टीकाकरण के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने पूरी तरह कमर कस ली है।

केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि सरकारी कोविड टीकाकरण केंद्र पर टीकाकरण का पूरा खर्च वही वहन करेगी और इन सेंटर पर मुफ्त में वैक्सीन लगेगी। दूसरी ओर से अब प्राइवेट अस्पतालों में टीकाकरण किया जाएगा। ऐसे में निजी अस्पतालों में बने कोविड वैक्सीन सेंटर पर वैक्सीन की एक डोज 250 रुपए मिलेगी। लोगों के पास दोनों ऑप्शन उपलब्ध रहेंगे अपनी सुविधानुसार जाकर टीका लगवा सकते हैं।

टीकाकरण के लिए इस्तेमाल किए जा रहे को-विन2.0 पोर्टल पर पंजीकरण सोमवार सुबह नौ बजे शुरू हो जाएगा। नागरिक किसी भी समय और कहीं भी टीकाकरण के लिए पंजीकरण और बुकिंग को-विन2.0 पोर्टल का उपयोग करके या आरोग्य सेतु जैसे अन्य आईटी एप्लीकेशन के माध्यम से कर सकेंगे।

एक ही लाइव अपॉइंटमेंट होगा

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, प्रत्येक खुराक के लिए किसी भी समय लाभार्थी के लिए केवल एक ही लाइव अपॉइंटमेंट होगा। किसी भी तारीख के लिए किसी कोविड टीकाकरण केंद्र के लिए अपॉइंटमेंट उस दिन दोपहर 3 बजे बंद कर दिए जाएंगे, जिसके लिए स्लॉट खोले गए थे। मंत्रालय ने कहा कि यदि कोई लाभार्थी पहली खुराक के लिए अपॉइंटमेंट रद्द करता है, तो दोनों खुराक की अपॉइंटमेंट रद्द कर दी जाएगी।

साथ रखें इनमें से कोई एक पहचान पत्र

दूसरे चरण के टीकाकरण में शामिल होने के लिए सरकार की ओऱ से 12 पहचानपत्रों की एक सूची जारी की गई है। इनमें आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, मतदाता पहचानपत्र, पैन कार्ड, जनप्रतिनिधियों को जारी पहचानपत्र, बैंक/पोस्ट ऑफिस पासबुक, पासपोर्ट, पेंशन दस्तावेज, सरकारी कर्मचारियों का सेवा पहचानपत्र और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के तहत जारी स्मार्ट कार्ड शामिल है। टीका लगवाने पहुंचने वाले शख्स को इनमें से कोई भी एक पहचान पत्र अपने पास रखना होगा और वैक्सीनेशन सेंटर पर दिखाना होगा। जिसके बाद ही प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।

इन प्रमुख बीमारियों से पीड़ित लगवा सकते हैं टीका

  • पिछले 1 साल में हार्ट फेल होने की वजह से अस्पताल में भर्ती होना पड़ा हो।
  • पोस्ट कार्डियक ट्रांसप्लांट या लेफ्ट वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाइस (LVAD)।
  • सिग्निफिकेंट लेफ्ट वेंट्रिकुलर सिस्टोलिक डिसफंक्शन (एलवीईएफ 40 परसेंट से कम)।
  • मॉडरेट और गंभीर वल्वुलर हार्ट बीमारी।
  • पीएएच या इडियोपैथिक पीएएच के साथ कॉन्जेनाइटल हार्ट बीमारी।
  • पहले सीएबीजी या पीटीसीए या एमआई और हाइपरटेंशन या डायबिटीज का इलाज हुआ हो, कोरोनरी अर्टरी बीमारी की शिकायत रही हो।
  • एंजाइना और हाइपरटेंशन या डायबिटीज का इलाज हुआ हो।
  • डायबिटीज (10 साल से ज्यादा समय से) और हाइपटेंशन का इलाज चल रहा हो।
    -पिछले दो साल में सांस की गंभीर बीमारी के कारण हॉस्पिटल में भर्ती हुए हों।
  • इसके अलावा भी और कई बीमारियां जिससे पीड़ित व्यक्ति टीकाकरण में शामिल हो सकता है।

देश में कोरोना टीका लेने वालों की संख्या 15 लाख के पार, सरकार ने छह लोगों की मौत पर दिया जवाब

देश में आठवें दिन भी कोरोना टीकाकरण का अभियान सफल रहा। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 16 जनवरी से लेकर अब तक 15,37,190 लोगों को टीका लगाया गया है। वहीं इस दौरान 27,776 सत्र भी आयोजित किए गए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव मनोहर अगनानी ने बताया कि टीकाकरण के बाद अब तक कुल 6 मौतें हुई हैं, लेकिन इसकी वजह वैक्सीनेशन नहीं है।

अगनानी ने बताया कि टीकाकरण के बाद अब तक 11 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एक व्यक्ति को आंध्र प्रदेश के गुंटूर के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोवैक्सीन का उपयोग करने वाले 12 राज्यों के अलावा, 7 नए राज्य अगले सप्ताह से कोवैक्सीन का उपयोग करेंगे। इन राज्यों में छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, केरल, मध्य प्रदेश, पंजाब और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।

Coronavirus Virus update: दैनिक मामलों में गिरावट, पिछले 24 घंटे में सामने आए 14,545 नए मामले

देश में कोरोना के पिछले 24 घंटे में 14,545 नए मामले सामने आए हैं। गुरुवार की तुलना में शुक्रवार को कोविड-19 के दैनिक मामलों में गिरावट है। 14,545 दैनिक नए मामलों के साथ देश में कुल संक्रमित मामलों की संख्या 1,06,25,428 हो गई है। वहीं 163 मरीजों ने इस वायरस के सामने अपना दम तोड़ा है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में देश में 14,545 नए मामले सामने आए हैं, वहीं एक दिन कोविड-19 से 163 लोगों की जान गई। अब तक देश में कोरोना वायरस से 1,53,032 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है।

इसके अलावा पिछले 24 घंटे में देश में 18,002 मरीज अस्पताल से ठीक होकर अपने घर पहुंच गए हैं। भारत में हर दिन संक्रमित मरीजों से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या ज्यादा है, इसलिए सक्रिय मामले रोजाना कम दर्ज हो रहे हैं। 18,002 मरीजों के ठीक होने के बाद देश में अब कुल ठीक हुए मरीजों की संख्या 1,02,83,708 हो गई है।

मौजूदा समय में अगर उन मरीजों की बात करें, जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है, उनकी संख्या 1,88,688 है। ये संख्या अब दो लाख से भी कम है। बता दें कि 16 जनवरी से देश में वैक्सीनेशन का कार्यक्रम शुरू हो चुका है और अब तक 10,43,534 लोगों को वैक्सीन लग चुकी है।

भारत में सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख के पार चली गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर को 50 लाख के पार, 28 सितंबर को 60 लाख के पार, 11 अक्तूबर को 70 लाख से अधिक, 29 अक्तूबर को 80 लाख से अधिक और 20 नवंबर को 90 लाख से अधिक हो गए थे। कुल मामले 19 दिसंबर को एक करोड़ से अधिक हो गए थे।

केरल, यूपी समेत सात राज्य Free Vaccination के लिए तैयार, राजस्थान, एमपी, छत्तीसगढ़ में फिलहाल तय नहीं

देश में कोरोना टीकाकरण का काम तेजी से शुरू हो चुका है। पहले चरण के तीन करोड़ फ्रंटलाइन वारियर्स को फ्री टीका उपलब्ध कराया जा रहा है। इनके टीकाकरण काम मार्च तक पूरा होना है, उसके बाद 50 और उससे ऊपर के लोगों के टीकाकरण काम शुरू होगा।

देश में ऐसे 27 करोड़ लोगों को छांटा गया है। लेकिन बड़ा सवाल यही है कि इनको टीका मुफ्त मिलेगा या फिर उसकी कीमत चुकानी होगी, इसको लेकर केंद्र सरकार ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है। हालांकि केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, असम, नई दिल्ली व उत्तर प्रदेश पहले ही अपने राज्य में फ्री वैक्सीन देने की घोषणा कर चुके हैं।

जबकि बिहार ने अपने घोषणापत्र में ही फ्री वैक्सीनेशन की बात कही थी। वहीं, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य तय नहीं कर सके हैं कि वह अपने राज्यों में लोगों को वैक्सीन कैसे देंगे।

तो 35 हजार करोड़ की अतिरिक्त जरूरत

दरअसल, ज्यादातर राज्य फ्री वैक्सीन के मुद‌्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है वैक्सीनेशन से पडऩे वाला आर्थिक बोझ। राज्य इंतजार कर रहे हैं कि केंद्र सरकार इस आर्थिक बोझ को कितना अपने कंधे पर लेगी व कितना राज्यों के कंधे पर डालेगी।

आशंका है कि राज्यों को वैक्सीन के खर्च का कुछ हिस्सा वहन करना पड़ सकता है। राज्यों की खराब आर्थिक स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार विशेष अनुदान पर विचार कर सकती है। केंद्र सरकार टीके का पूरा खर्च वहन करती है तो टीकाकरण कार्यक्रम के लिए 2021-22 के बजट में अतिरिक्त 35,000 करोड़ रुपये देने होंगे।

तो राज्यों को देना होगा खर्च

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक राज्यों को टीकाकरण में आने वाले खर्च का कुछ हिस्सा देना पड़ सकता है। केंद्र निजी बाजार में टीकों की बिक्री की अनुमति भी दे सकता है, जिससे लोग और सरकारें सीधे टीका खरीद सकती हैं।

4 हजार करोड़ तक खर्च के लिए तैयार : केरल

केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने कहा कि राज्य नि:शुल्क टीकाकरण के लिए 3,000-4,000 करोड़ खर्च करने के लिए तैयार है, ताकि टीकाकरण के बाद अर्थव्यवस्था वापस जल्द सामान्य हो सके। वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार ने टीकाकरण की योजना तैयार कर रही है। सरकार की कोशिश है कि दूसरे मद का पैसा वैक्सीनेशन में इस्तेमाल कर रुकी अर्थव्यवस्था को गति दी जाए, जिससे वापस पैसे की रिकवरी हो सके।

15 वें वित्त आयोग की सिफारिशों से उम्मीद

राज्यों को 15 वें वित्त आयोग की सिफारिशों का भी इंतजार है। फरवरी में केंद्रीय बजट में कुछ राहत की उम्मीद है। स्वास्थ्य के लिए बड़ा बजट मिलने की उम्मीद हो रही है। वहीं, पूर्व मुख्य सांख्यिकीविद प्रणब सेन का मानना है कि अगर राज्यों के ऊपर वैक्सीनेशन का खर्च डाला गया तो इंफ्रास्ट्रक्चर की फंडिंग बिगड़ेगी।

उनके मुताबिक, राज्यों पर टीके का खर्च का बोझ डालने से इंफ्रास्ट्रक्चर की फंडिंग की क्षमता खराब हो जाएगी। इसका राज्यों की आर्थिक ग्रोथ पर कई गुना असर पड़ेगा। अभी प्रत्येक राज्य ने पूंजीगत व्यय पर कटौती की है। यह समस्या अगले साल तक जारी रहेगी।

मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ केंद्र के भरोसे, राजस्थान असमंजस में
छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का कहना है, कोरोना वैश्विक महामारी है। यह पूरे देश की आपदा है, इसलिए केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वह सभी के लिए निःशुल्क टीकाकरण की व्यवस्था करवाए। अभी हेल्थ केअर, इसके बाद फ्रंट लाइन, फिर 50 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के लोगों को वैक्सीन लगेगी। जब केंद्र टीके लगा रहा है तो फिर राज्य द्वारा खरीदी का सवाल ही नहीं उठता।

मध्यप्रदेश

मध्यप्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान का कहना है, केंद्र सरकार अभी वैक्सीन उपलब्ध करा रही है। इसके बाद की स्थिति केंद्र की गाइड लाइन के हिसाब से बाद में स्पष्ट हो पाएगी। तीसरे फेस में केंद्र और राज्य की कुछ शेयरिंग हो सकती है।

राजस्थान

राजस्थान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के टीकाकरण निदेशक डॉ. लक्ष्मण सिंह ओला का कहना है, अभी हमारे पास तीन चरणों की ही कार्ययोजना है। उसमें निशुल्क लगाए जा रहे हैं। चार चरणों के बाद निशुल्क लगाए जाएंगे या सशुल्क लगाए जाएंगे, इसको लेकर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है।

कोरोना टीकाकरण का तीसरा दिन: 1.48 लाख लोगों को लगी वैक्सीन, दो की मौत पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने क्या कहा?

कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ कल, 18 जनवरी को टीकाकरण के तीसरे दिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देशभर में कुल एक लाख से अधिक लोगों को कोविड-19 वैक्सीन की डोल दी गई। इस बीच उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में वैक्सीन की डोज लेने के बाद एक-एक शख्स की मौत की खबर सामने आई है। इन घटनाओं पर बोलते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय के अपर सचिव डॉ. मनोहर अगनानी ने प्रेस वार्ता में बताया कि यूपी के शख्स की वैक्सीन के चलते मौत नहीं हुई हैं, वहीं कर्नाटक में मृतक के पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देशभर में शुरू किए गए टीकाकरण अभियान का आज तीसरा दिन था। इस क्रम में सोमवार को शाम 5 बजे तक कुल 1,48,266 लोगों को कोविड-19 वैक्सीन की पहली डोज दी गई। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक आंध्र प्रदेश में आज 9,758,अरुणाचल प्रदेश में 1,054,असम में 1,872, बिहार में 8,656,छत्तीसगढ़ में 4,459, दिल्ली में 3,111, हरियाणा में 3446, हिमाचल प्रदेश में 2,914, जम्मू-कश्मीर में 1,139, झारखंड में 2,687, कनार्टक में 36,888 लोगों को टीका लगाया गया।

इस बीच कोरोना वैक्सीन लेने के बाद दो लोगों की मौत पर भी डॉ. मनोहर अगनानी स्पष्टीकरण दिया है। संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘यूपी और कर्नाटक में COVID-19 वैक्सीन लेने के बाद दो व्यक्तियों की मौत हो गई। यूपी निवासी की मृत्यु टीकाकरण से संबंधित नहीं है, वहीं दूसरे मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मामला साफ होगा।’ स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक कोविड-19 वैक्सीन की डोज लेने के बाद यूपी के मुरादाबाद में 50 वर्षीय शख्स की मौत हुई है।

वैक्सीन से नहीं, हार्ट अटैक से हुई मौत

मंत्रालय ने बताया, ‘यूपी के मृतक को 16 जनवरी के दिन वैक्सीन की डोज दी गई थी, 17 जनवरी को उसकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डॉक्टरों ने मौत की वजह हार्ट अटैक बताया है। मृतक मुरादाबाद के अस्पताल में वार्डब्वॉय के तौर पर कार्यरत था, उसकी मौत का कोविड-19 वैक्सीन से कोई संबंध नहीं है। वहीं कर्नाटक शनिवार को वैक्सीन की डोज लेने के बाद सोमवार को 43 वर्षीय शख्स की मौत हुई है। उसके पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।’

 

सीरम इंस्टिट्यूट भारत को FREE में देगा 1 करोड़ कोरोना वैक्सीन डोज

भारत में कोरोना के खात्‍मे की उल्‍टी गिनती शुरू हो गई है। वैक्‍सीनेशन अभियान की शुरूआत हो चुकी है। अब तक तीन लाख से ज्यादा लोगों का वैक्सिनेशन किया जा चुका है। इस बीच सूत्रों के जरिए ये खबर आ रही है कि सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने देश को 1 करोड़ फ्री वैक्सीन डोज मुहैया कराने का वादा किया है। ये वैक्सीन डोज सीरम इंस्टिट्यूट COVAX फैसिलिटी के अंतर्गत मुहैया कराएगा।

जानकारी के मुताबिक सीरम इंस्टिट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा है कि वैक्सीन के संबंध में आने वाली विषम परिस्थितियों के समय में कंपनियों को संरक्षण दिए जाने की जरूरत है। सीरम इंस्टिट्यूट के मुताबिक सरकार द्वारा खरीदे गए 1.1 करोड़ डोज की आपूर्ति की जा चुकी है। इस वक्त कंपनी के स्टॉक में 5.3 करोड़ वैक्सीन डोज हैं। इन्हें सेंट्रल ड्रग लैब द्वार क्लियर किया जा चुका है। इनमें से करीब ढाई करोड़ डोज एक्सपोर्ट किए जाएंगे जबकि ढाई करोड़ डोज भारत के लिए अलॉट हैं।