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BPSC 67th मेंस एग्जाम के लिए आयोग ने जारी किया नोटिस, रिजल्ट कब आएगा वो भी बता दिया…

बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने बीपीएससी 67वीं संयुक्त मुख्य परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन की आखिरी तारीख बढ़ा दी है. आयोग ने नोटिस जारी बीपीएससी 67वीं मुख्य परीक्षा के लिए आवेदन की तारीख बढ़ाने की सूचना दी है।

बीपीएसीस 67वीं प्रारंभिक परीक्षा में क्वालीफाई हुए थे और अभी आवेदन नहीं किया है, वे अब 10 दिसंबर 2022 तक आयोग (बीपीएससी) की आधिकारिक वेबसाइट bpsc.bih.nic.in पर जाकर मेन्स एग्जाम के लिए ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं. इससे पहले आवेदन की आखिरी तारीख 06 दिसंबर थी. बीपीएससी 67वीं प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम 17 नवंबर 2022 को घोषित किया गया था जिसमें कुल 11,607 उम्मीदवारों सफल घोषित किए गए थे. ये सभी उम्मीदवार मेन्स के लिए आवेदन कर सकते हैं।

ऐसे करें ऑनलाइन अप्लाई

  • स्टेप 1: सबसे पहले आयोग की आधिकारिक वेबसाइट onlinebpsc.bihar.gov.in पर जाएं.
  • स्टेप 2: होम पेज ऑनलाइन अप्लाई लिंक पर क्लिक करें.
  • स्टेप 3: ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरें और संबंधित डॉक्यूमेंट्स अपलोड करें.
  • स्टेप 4: फीस जमा करें और फॉर्म सबमिट कर दें.
  • स्टेप 5: आगे के लिए फॉर्म का प्रिंटआउट लेकर अपने पास रख लें.

RJD के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को उम्रकैद की सजा, दोहरे हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बिहार के राजनेता और लालू यादव की पार्टी राजद के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को 1995 के दोहरे हत्याकांड में दोषी पाए जाने पर उम्रकैद की सजा सुनाई. 18 अगस्त को शीर्ष अदालत ने मामले में 2008 में पटना उच्च न्यायालय द्वारा उन्हें बरी किये जाने के फैसले को पलट दिया।

23 अगस्त, 1995 को विधानसभा चुनाव के दौरान सिंह के आदेश के अनुसार मतदान नहीं कराने पर दो व्यक्तियों – राजेंद्र राय और दरोगा राय- की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति एएस ओका और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने 1995 के दोहरे हत्याकांड मामले में सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

जस्टिस कौल ने कहा, ‘केवल दो विकल्प हैं. उम्रकैद या मौत की सजा.’ न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने कहा कि अदालत सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाते और मुआवजा देने का आदेश दिया जाता है. राज्य सरकार को मुआवजा देने का आदेश दिया गया. न्यायमूर्ति नाथ ने कहा कि सिंह को धारा 307 के लिए भी 7 साल कैद की सजा सुनाई गई है और उन्होंने कहा, ‘इस तरह का मामला कभी नहीं देखा.’

VC को पत्र जारी, कुलाधिपति सर्वोपरि, केके पाठक का आदेश मानने की जरूरत नहीं..

पटना: उच्च शिक्षा के मुद्दे पर अब बिहार में राजभवन और शिक्षा विभाग आमने-सामने आ गया है.शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक समेत अन्य अधिकारियों के आदेश के बजाय राजभवन के आदेश को हर हाल में लागू करने का पत्र राजभवन द्वारा जारी किया गया है. राज्यपाल सह कुलाधपति के प्रधान सचिव राबर्ट .एल.चोंग्थू ने राज्य के सभी कुलपति को लिखे पत्र में स्पष्ट रूप से कहा कि कुछ अधिकारियों की तरफ से सार्वजनिक रूप से भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है और विश्वविद्यालय प्रशासन की स्वायत्ता को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है।

इसलिए कुलपति समेत अन्य विधायी अधिकारियों को आदेशित किया जाता है कि राज्यपाल सह कुलाधिपति के आदेश के पालन को प्राथमिकता दी जाए.किसी भी मामले मे उनका आदेश ही सर्वोच्च है.अगर राजभवन को छोड़कर किसी अन्य व्यक्ति द्वारा विश्वविद्यालय को निर्देश दिया जाता है,तो यह बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1976 के प्रावधानों का उल्लंघन है.इसलिए हर हाल में राजभवन द्वारा जारी आदेश का पालन किया जाए।

बताते चले कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के उस आदेश के बाद राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच विवाद बढ़ा है जिसमें केके पाठक ने लापरवाही के आरोप में बिहार विवि के कुलपति और प्रतिकुलपति का वेतन रोकने और अगले आदेश तक वित्तीय अधिकारी स्थागित करने का आदेश जारी किया था.केके पाठक के इस आदेश से नाराज राजभवन ने पत्र जारी करके संबंधित अधिकारियों को कहा था कि कुलपति और प्रतिकुलपति का वेतन रोकने का आदेश नियम के खिलाफ है.अपर मुख्य सचिव को ये अधिकार नहीं है।

इस मुद्दे के बाद कुलपति की नियुक्ति को लेकर राजभवन के बाद शिक्षा विभाग ने विज्ञापन जारी कर दिया था जिसके बाद राजभवन और शिक्षा विभाग आमने-सामने आ गया था.बाद में सीएम नीतीश कुमार ने राज्यपाल से मुलाकात की थी और इस मुद्दे पर चर्चा के बाद शिक्षा विभाग द्वारा कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर जारी विज्ञापन को वापस ले लिया गया था.इसके बाद लगा था कि शायद राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच खीचतान खत्म हो जाएगी,पर के पाठक का उच्च शिक्षा को लेकर आदेश लगातार निकल रहा है,जिससे नाराज कुलाधपति के प्रधान सचिव के द्वारा केके पाठक का नाम लिए बिना कुलपतियों को पत्र जारी किया गया है.इस पत्र से स्पष्ट है कि कुलाधिपति अपर मुख्य सचिव केके पाठक के किसी भी आदेश को मानने से कुलपति को मना कर रहें हैं।

वहीं दूसरी ओर सरकार और शिक्षा विभाग उच्च शिक्षा विभाग में कुलाधिपति के एकाधिकार को कम करने की तैयारी मे वैधानिक तरीके से जुट गई है.बिहार राज्य उच्च शिक्षा परिषद के नियमावली को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए कदम उठाए जा रहें हैं.इस परिषद का विस्तार करते हुए कई कमिटियों का गठन किया जा रहा है जिसमें अपर मुख्य सचिव को पदेन अध्यक्ष बनाया जा रहा है,जबकि अभी तक उच्च शिक्षा परिषद में अपर मुख्य सचिव की किसी तरह की भूमिका नहीं रहती थी.जिन नई कमिटियों का गठन करने की बात कही जा रही है,उसमें एक्जीक्यूटिव कमिटि,स्टैडिंग कमिटि,सेलेक्शन कमिटि और एकेडमिक कमिटि है.इन सभी कमिटि के अध्यक्ष अपर मुख्य सचिव होगें जबकि सदस्य के रूप में अलग-अलग अधिकारी औक कुलपति होंगे. इस कमिटि के प्रभावी होने के बाद उच्च शिक्षा से जुड़े तमाम पहलुओं पर निर्णय लेने वाली बिहार उच्चतर शिक्षा परिषद सबसे मजबूत इकाई के रूप में सामने आयेगी.संभव है कि शिक्षा विभाग के इस कदम के बाद राजभवन से टकराहट और ज्यादा बढ़ सकती है।

 

तालाब में डूबकर 5 बच्चों की मौत, औरंगाबाद में राखी बंधवाने के बाद नहाने के दौरान हादसा

औरंगाबाद: पोखर में स्नान करने के दौरान पांच बच्चों की डूबने से मौत हो गई। घटना मदनपुर प्रखंड के सलैया थाना क्षेत्र के सोनारचक गांव की है। राखी के दिन दिल दहला देनेवाली घटना सामने आई है। पोखर में गांव के पांच बच्चों की डूबने से मौत हो गई। सोनारचक गांव के अनुज यादव के 11 वर्षीय पुत्र शुभम उर्फ गोलू कुमार, उदय यादव के पुत्र 12 वर्ष की नीरज कुमार, 10 वर्षीय धीरज कुमार, सुखेन्द्र यादव के 12 वर्षीय पुत्र प्रिंस कुमार, योगेंद्र यादव के 12 वर्षीय पुत्र अमित कुमार की डूबने से मौत हो गई।

ग्रामीण मनोज कुमार ने बताया कि गांव से 500 मीटर की दूरी पर पहाड़ के पास एक पोखर है। जेसीबी मशीन से गड्ढा कर छोड़ दिया गया था। पहाड़ के पास कुछ चरवाहा लोग पोखर के पास देखा कि चार-पांच बच्चे का कपड़ा बाहर में रखा हुआ है। बच्चा गायब है।

आसपास गांव में हल्ला करने पर ग्रामीण जुटे सभी को निकाल कर कासमा के एक निजी क्लीनिक में लाया गया। डॉक्टर ने चेकअप के बाद मृत कर दिया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। प्रशासन के नहीं पहुंचते देख लोगों ने सड़क को जाम कर दिया। परिजनों ने बताया कि पांचों बच्चे राखी बंधवाने के बाद नहाने गए थे, डूबने से पांचों बच्चों की मौत हो गई।

इस हादसे के बाद नाराज लोगों ने कासमा में पांचों बच्चों का सड़क पर शव रखकर जाम कर दिया। परिजन की मांग है कि मौके पर ही मुआवजा दिया जाए। रोड जाम की सूचना मिलते ही सलैया और कासमा पुलिस मौके पर पहुंची। परिजनों को समझाने-बुझाने में जुटी रही।

सुशील मोदी ने विपक्षी गठबंधन की मुम्बई बैठक को लेकर बोला जोरदार हमला, कहा – अंगूर खट्टे हैं नीतीश जी

पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने विपक्षी गठबंधन की मुम्बई बैठक को लेकर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि एक तरफ पीएम पद के दावेदारों की संख्या बढ़ रही है और दूसरी ओर कांग्रेस ने पोस्टर जारी कर जाहिर कर दिया कि ‘दूल्हा’ राहुल गांधी ही होंगे। कांग्रेस ने 13 नेताओं के पोस्टर से अरविंद केजरीवाल को गायब कर गठबंधन में एकता की पोल भी खोल दी।

सुशील मोदी ने कहा कि अब तक राहुल गाँधी, शरद पवार, अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव और नीतीश कुमार को उनके अपने-अपने दल प्रधानमंत्री – पद का योग्यतम उम्मीदवार बता चुके हैं। मोदी ने कहा कि घमंडिया गठबंधन में जब कोई नीतीश कुमार को संयोजक बनाने की भी बात नहीं कर रहा है, तब वे प्रधानमंत्री बनने का सपना भूल ही जाएँ।

उन्होंने कहा कि अंगूर खट्टे हैं वाले अंदाज में नीतीश कुमार कह रहे हैं कि वे किसी पद के आकांक्षी नहीं हैं। मोदी ने कहा कि एक तरफ 22 दलों के गठबंधन में पीएम पद के आधा दर्जन दावेदार एक-दूसरे को किनारे लगाने में लगे हैं और दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पद पर वापसी के लिए एनडीए के ऐसे सर्वसम्मत प्रत्याशी हैं,जिन्हें देश के 80 फीसद लोग पसंद करते हैं।

उन्होंने कहा अमेरिका के प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार दस में आठ भारतीय प्रधानमंत्री मोदी के 9 साल के काम से संतुष्ट है। मोदी ने कहा कि विपक्षी कुनबा मायावती और अकाली दल को अपने साथ जोड़ने में विफल रहा। पश्चिम बंगाल के उपचुनाव में कांग्रेस और माकपा मिल कर टीएमसी से लड़ रहे हैं जबकि ये तीनों मुम्बई में एकजुटता के वादे कर रहे हैं। देश इनके विरोधाभास को गौर से देख रहा है।

कर्मचारियों के हित में पुरानी पेंशन योजना, कर्मियों द्वारा मांग को लेकर विरोध का समर्थन करेगा बिहार राज्य कारा अराजपत्रित कर्मचारी संघ

पटना: नेशनल मूवमेंट ओल्ड पेंशन स्कीम योजना को लागू किए जाने को लेकर राज स्तरीय विरोध को बिहार राज्य कारा अराजपत्रित कर्मचारी संघ(लिपिकीय संवर्ग) ने समर्थन किया है। शुक्रवार को सुबे के सभी कारा कर्मी काला पट्टी लगाकर पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करने की मांग करेंगे।

संघ के महासचिव सह सासाराम कारा कर्मी सरविंद ठाकुर ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि 1 सितंबर 2023 को नेशनल मूवमेंट ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत आयोजित विरोध दिवस कारा कर्मियों के हित में है। एक ओर जहां सरकार,विधायकों, सांसदों एवं मंत्रियों को पेंशन के साथ ही अन्य कई सुविधाएं दे रही है वहीं कारा कर्मियों को पेंशन नहीं दिया जाना सरकार द्वारा दोहरी मापदंड अपनाने का नतीजा है।

उन्होंने कहा कि पेंशन सेवानिवृत्त कर्मचारियों को जीवन जीने को सरल बनती है। महासचिव ठाकुर प्रारंभ से ही कारा कर्मियों के हित में सदैव खड़े रहकर संघर्ष किया है। कर्मियों के सहयोग एवं उनकी मांगों के लिए सदैव आगे रहकर कार्य करते रहेंगे उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कल के विरोध का नैतिक समर्थन किया है।

लड़कियां मेहंदी और नेल पेंट के साथ नहीं दे पाएंगी परीक्षा, एग्जाम सेंटर पर ना करें ये गलतियां

बिहार में शिक्षक भर्ती के लिए आयोजित होने वाली स्टेट टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट यानी Bihar STET 2023 परीक्षा 4 सितंबर से शुरू हो जाएगी. इस परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों का एडमिट कार्ड जारी हो गया है. इसके लिए अप्लाई करने वाले कैंडिडेट्स BSEB की ऑफिशियल वेबसाइट bsebstet.com पर जाकर एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं।

बिहार एसटीईटी 2023 परीक्षा 4 सितंबर से 15 सितंबर 2023 तक आयोजित की जाएगी. इस परीक्षा में शामिल होने से पहले एग्जाम सेंटर की गाइडलाइंस और एग्जाम पैटर्न की डिटेल्स अच्छे से जान लें. ध्यान रहे कि एग्जाम सेंटर पर आपकी एक गलती परीक्षा देने से रोक सकती है।

BSEB STET एग्जाम गाइडलाइंस

  1. बिहार एसटीईटी परीक्षा के लिए बिहार स्कूल एग्जाम बोर्ड की तरफ से गाइडलाइंस जारी की गई है. इस गाइडलाइंस के तहत एग्जास सेंटर पर परीक्षार्थियों को बिना एडमिट कार्ड ते एग्जाम हॉल के अंदर नहीं जाने दिया जाएगा. ऐसे में अपने साथ एडमिट कार्ड की हार्ड कॉपी लेकर जाएं.
  2. एडमिट कार्ड के साथ परीक्षार्थियों को एक आईडी कार्ड अपने साथ ले जाना जरूरी है. इसके लिए उनके पास पैन कार्ड, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या पासपोर्ट में से कोई एक डॉक्यूमेंट होना अनिवार्य है.
  3. परीक्षा में शामिल होने के लिए एडमिट कार्ड पर लगी फोटो की 4 कॉपियां अपने साथ लेकर जाएं. आपके पास पेंसिल और बॉल पेन होना अनिवार्य है. बता दें कि परीक्षा कंप्यूटर बेस्ड होने वाली है ऐसे में अन्य कोई पेपर अपने साथ लेकर ना जाएं.
  4. एग्जाम हॉल के अंदर किताब, नोट बुक, कैलकुलेटर, कैलकुलेटर वॉच, सेल फोन, स्मार्ट वॉच और हेड फोन जैसे डिवाइस बैन हैं. एग्जाम सेंटर के बाहर ही ये सारी चीजें छोड़ दें.
  5. बिहार एसटीईटी परीक्षा के लिए जारी गाइडलाइंस के अनुसार, एग्जाम में बैठने के लिए महिला परीक्षार्थियों के हाथ में मेंहदी नहीं होनी चाहिए. हाथ में स्याही या नेल पॉलिश लगा होने पर परीक्षा देने से रोक दिया जाएगा. बता दें कि एग्जाम सेंटर पर बायोमेट्रिक तरीके से हाजिरी लगने वाली है

विपक्षी बैठक पर विजय सिन्हा का लालू-नीतीश पर कटाक्ष, मिलकर बैठे हैं महफिल में जुगनू सारे….

मुंबई में होने वाली इंडिया गठबंधन की बैठक पर नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने गुरुवार को नीतीश कुमार और लालू यादव पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि बिहार में जिनका अस्तित्व ठिकाना नहीं, वे लोग चले हैं देश का प्रधानमंत्री बनाने. मिलकर बैठे हैं महफिल में जुगनू सारे, ऐलान ऐ है कि सूरज को हटाया जाए।

INDIA (इस्लामी तुष्टिकरण, नेपोटिज्म, वंशवादी, डिस्ट्रैक्टिव, इटालियन एलाइंस) के फ्लॉप कलाकारों का मुंबई में ऑडिशन शुरू हो रहा है. विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि अपने रियल कैरेक्टर पर झूठ, फरेब और झांसे का मुहर लगाकर भारत की जनता को गुमराह करने और लूटने के प्रयास को कभी सफलता नहीं मिलने वाली है. ना-ना वाले और फिर हां-हां वाले नीतीश पलटू राम, ये मत भूलिएगा कि मुंबई मायानगरी है. वहां आपकी कलाकारी नहीं चलने वाली है।

विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि अपने रियल कैरेक्टर पर झूठ, फरेब और झांसे का मुहर लगाकर भारत की जनता को गुमराह करने और लूटने के प्रयास को कभी सफलता नहीं मिलने वाली है. ना-ना वाले और फिर हां-हां वाले नीतीश पलटू राम, ये मत भूलिएगा कि मुंबई मायानगरी है. वहां आपकी कलाकारी नहीं चलने वाली है।

आगे उन्होंने कहा कि घिसी पिटी डॉयलॉग्स से भारत की जनता को ये लोग केवल मनोरंजन दे सकते हैं, लेकिन राजनीतिक, जनसेवा और राष्ट्रहित में आप सब केवल एक विलेन हैं. आप वह विलेन हैं जो गरीबो के कल्याण के लिए चारा चुरा लिया, जनता को भ्रष्टाचार की खाई में धकेल दिया, समाज को जातीय जहर के कहर से प्रभावित कर दिया और जातीय नरसंहार कराया।

तेजप्रताप यादव ने पेड़-पौधे को बांधी राखी, कहा- पर्यावरण की रक्षा करना जरूरी

वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री तेज प्रताप यादव ने आज गुरुवार को पटना की राजधानी वाटिका जाकर पेड़ पौधे को राखी बांधी. इस दौरान तेज प्रताप यादव ने राजधानी वाटिका में कई पौधे भी लगाए. मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि पर्यावरण की रक्षा करना जरूरी है. तेज प्रताप यादव ने मुंबई में हो रहे इंडिया गठबंधन की बैठक को लेकर कहा कि 2024 में केंद्र में इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी।

तेज प्रताप यादव ने कहा की हर साल वन विभाग द्वारा पेड़ को राखी बांधकर यह संदेश दिया जाता है कि पेड़ को काटे नहीं. निश्चित तौर पर पेड़ पौधे जितना हो सके उतना लगाएं जिससे कि पर्यावरण ठीक रहेगा. लोगों को कोई परेशानी नहीं होगी।

तेज प्रताप यादव ने मुंबई में हो रहे इंडिया गठबंधन की बैठक को लेकर कहा कि हमने पहले ही भविष्यवाणी कर दिया है कि वर्ष 2024 में केंद्र में इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी. मेरी भविष्यवाणी कभी गलत नहीं होती है. 2025 में बिहार में भी महागठबंधन की सरकार बनने वाली है. उन्होंने कहा कि इस बैठक में बहुत कुछ होने वाला है और निश्चित तौर पर जिस तरह से विपक्षी दल एकजुट हुए हैं उसको जनता का भी साथ पूरे देश में मिल रहा है।