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वाह रे शराबबंदी ! लिकर पकड़ें जाने पर तस्करों ने ट्रेन पर किया पथराव, दहशत में आ गए यात्री, घंटों बाधित रहा रूट

बिहार में शराबबंदी कानून लागू है। राज्य के अंदर कहीं भी शराब बेचना या इससे जुड़ा किसी भी तरह का कारोबार करना गैरकानूनी माना गया है। बाबजूद इसके इस कानून का क्या हालत है वह किसी से छुपा हुआ नहीं है। इसी कड़ी में अब एक ताजा मामला राजधानी पटना से सटे इलाके बाढ़ से निकल कर सामने आ रहा है। जहां रेल से तस्करी की शराब पकड़े जाने पर धंधेबाजों ने ट्रेन पर ही पथराव कर दिया।

मिली जानकारी के अनुसार, तस्करी की शराब पकड़ने पर धंधेबाजों ने मोकामा-बाढ़ रेलवे स्टेशन के बीच स्थित शहरी रेल हॉल्ट के पास जमकर उत्पात मचाया। शराब तस्करों ने चेन पुलिंग कर दुर्ग से आ रही अप राजेंद्र नगर साउथ बिहार एक्सप्रेस ट्रेन को रोक दिया। बाद में दर्जनों की संख्या में धंधेबाजों ने ट्रेन पर जमकर पथराव किया।

उसके बाद रेल पुलिसकर्मियों ने डिब्बे में छुपकर जान बचाई। पथराव से कई बोगी के शीशे टूट गए और दो यात्री जख्मी हो गए। इसके में बाढ़ थाने से आए अतिरिक्त पुलिस बल के जवानों ने तस्करों को खदेड़ा। इस दौरान एक घंटे से ज्यादा समय तक ट्रेन घटनास्थल पर खड़ी रही। इसको लेकर यात्रियों में दहशत का माहौल रहा। इस उत्पात के कारण पीछे से आने वाली ट्रेनें भी काफी देर तक रुकी रहीं।

बताया जाता है कि, दुर्ग से आने वाली अप राजेंद्र नगर साउथ बिहार एक्सप्रेस ट्रेन गंतव्य की ओर जा रही थी। इससे पहले शराब तस्करी की सूचना पर रेल पुलिस ने मोकामा के समीप शराब की खेप पकड़ ली थी। इस बीच धंधेबाजों ने साथियों को सूचना दे दी। जैसे ही ट्रेन मोकामा से आगे शहरी हाल्ट के समीप पहुंची तो तस्करों ने चेन पुलिंग कर ट्रेन को रोक दिया। इसके बाद पथराव करने लगे। ट्रेन पर हमला होता देख यात्रियों में भय पैदा हो गया। सभी ने खिड़की व दरवाजे अंदर से बंद कर लिए। इस घटना के बाद अप लाइन पर ट्रेनों की आवाजाही रोक दी गई। बाद में पहुंची पुलिस ने सभी को खदेड़ा और 65 मिनट बाद ट्रेन रवाना हुई।

वहीं, इस मामले में मोकामा रेल थाना प्रभारी ने बताया कि ट्रेन से 19 लीटर अंग्रेजी शराब जब्त की गई है। इस मामले में अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। वहीं, ट्रेन रोकने और पथराव करने वालों की गिरफ्तारी के लिए जीआरपी, आरपीएफ और स्थानीय थाने की पुलिस संयुक्त रुप से छापेमारी कर रही है। रेल डीएसपी, पटना ने कहा कि ट्रेन में तीन की संख्या में शराब तस्कर थे। इसके साथ ही इस मामले पर रेल एसपी अमृतेंदु शेखर ने बताया कि शराब तस्करी की छापेमारी के दौरान शहरी हॉल्ट पर ट्रेन पर पथराव किया गया। इसमें कोई गंभीर जख्मी नहीं है। मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आरोपितों की तलाश में रेल डीएसपी पूर्वी के नेतृत्व में छापेमारी की जा रही है।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का बिहार दौरा, आज पटना में इन रास्तों पर नहीं चलेंगे आम वाहन; जानें पूरा ट्रैफिक प्लान

मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद भवन में रविवार को होने वाली पूर्वी क्षेत्रीय बैठक और गृहमंत्री अमित शाह के आगमन को लेकर पटना पुलिस ने सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए हैं। ऐसे में कार्यक्रम स्थल के आसपास आम लोगों के वाहन नहीं जाएंगे। इस दौरान केवल उसमें शामिल होने वाले लोगों की गाड़ियों को ही उस इलाके से गुजरने की अनुमति होगी।

वहीं, रविवार को राजधानी के विभिन्न केंद्रों पर बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की ओर से शिक्षक नियुक्ति परीक्षा होने वाली है। ऐसे में अतिविशिष्ट अतिथियों के आगमन और उनका काफिला निकलने के दौरान जगह-जगह पर वाहनों का परिचालन रोका जा सकता है। ऐसे में परीक्षा देने आए छात्रों को केंद्र तक पहुंचने में परेशानी हो सकती है। हालांकि, नागरिकों और छात्रों को किसी प्रकार की समस्या न हो, इसके लिए ट्रैफिक पुलिस ने कोई रूट प्लान नहीं बनाया है।

इसको लेकर ट्रैफिक एसपी पूरन कुमार झा ने दावा किया है कि आमजन को किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी। वीआइपी इलाके में सिर्फ बैठक से संबंधित अतिविशिष्ट लोग ही जाएंगे। सामान्य लोगों के वाहन इस क्षेत्र से नहीं जा सकेंगे। वीवीआइपी और वीआइपी के ठहरने वाले स्थान पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं। पर्याप्त संख्या में पुलिस अधिकारियों व जवानों की प्रतिनियुक्ति की गई है।

आपको बताते चलें कि, एडीएम (विधि-व्यवस्था) हेमंत कुमार सिंह ने बताया कि पटना एयरपोर्ट से लेकर संवाद भवन, सर्किट हाउस, विभिन्न बड़े होटलों के पास सौ से अधिक दंडाधिकारियों को प्रतिनियुक्त की गई है। नवाचार पदाधिकारी के अनुसार, अलग-अलग जगह पर पुलिस बल के साथ दंडाधिकारी तैनात रहेंगे। साथ में लाठी बल को भी लगाया गया है।

 

लालू – नीतीश के मुहं में जमा है बर्फ ! रेड्डी के बयान पर बोले गिरिराज …. BJP नहीं सहेगा बिहारियों का अपमान, मोदी को हराने के लिए जमा हो रहा था पैसा

BEGUSARAI : नीतीश कुमार भले ही आज लालू यादव को अपने साथ रखें। लेकिन हकीकत यह है कि चारा घोटाला, जमीन घोटाला, रेलवे घोटाला जैसे सभी घोटालों का कागज नीतीश कुमार द्वारा ही केंद्र को दिया गया था। अब कांग्रेस भी उसमें पीछे नहीं रहा। ऐसे में अब गठबंधन नहीं बल्कि भ्रष्टाचार का महागठबंधन हो गया है। यह सब जेल जाने के डर से नरेंद्र मोदी के विरोध में किया जा रहा है। यह बात है केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कही है।

दर्शन केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह अपने संसदीय क्षेत्र में मौजूद थे जहां उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए लालू नीतीश पर जमकर हमला बोला है। गिरिराज सिंह ने कहा है कि -आज महागठबंधन नहीं घमंडी या गठबंधन कहिए घमंडिया गठबंधन है। इस घमंडिया गठबंधन का नेतृत्व कांग्रेस पार्टी कर रही है। गांधी सोनिया गांधी प्रियंका गांधी को बताना चाहिए कि धीरज साहू के पैसे कहां जा रहे थे कि चुनाव के लिए जा रहे थे।

इसके अलावा तीन राज्यों में भाजपा की जीत को लेकर गिरिराज सिंह ने कहा कि इस देश में कहीं भी घमंडीया गठबंधन को वोट नहीं है। वोट जनता के पास है और जनता मोदी जी के साथ है। 2014 में भी सारे विरोधियों ने मोदी जी को विरोध किया था। 2019 में भी किया। अब 2024 में भी वही रिजल्ट होगा जो पहले हुआ है।

इसके अलावा तेलंगाना के सीएम रेड्डी की तरफ से बिहार के डीएनए पर सवाल उठाने को लेकर गिरिराज सिंह ने कहा कि -भारत को गोमूत्र का देश कहा जाता है। लेकिन कुछ लोग इसे उत्तर दक्षिण के बीच बांटने की कोशिश करते हैं। इस देश के आने को संतों ने इसको एकजुट करने का काम किया है। लेकिन यह घमंडियां गठबंधन वाले लोग दक्षिण भारत उत्तर भारत करने में लगे हुए हैं। रेड्डी ने बिहार के डीएनए का अपमान क्या लेकिन ना तो लालू जी का जुबान खुल रहा है ना ही नीतीश कुमार कुछ बोल पा रहे हैं। इन लोगों के मुंह में बर्फ जम गया है जो बोल नहीं पा रहे हैं। बिहार का अपमान लाल यादव सहे, नीतीश कुमार सहे। लेकिन भाजपा नहीं सकेगी।

नीतीश कुमार की नीतियों से बिहार का नहीं होगा विकास ! विशेष राज्य के दर्जे पर बोले चिराग पासवान …. केंद्र का पैसा भी चढ़ जाता है भ्रष्टाचार की भेंट

विशेष राज्य के दर्जे की मांग अच्छी बात है मांग करें और बताएं कि पिछले 19 सालों में इन्होंने क्या-क्या किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी की नीतियों में क्या-क्या कमियां रही गई अपने विफलताओं का पूरा डाटा केंद्र सरकार के सामने रखें। यह डाटा रखते हुए रखते हुए वह यह मांग करें कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। क्या बात है लोजपा रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने कही है।

चिराग पासवान ने कहा कि नीतीश कुमार विशेष राज्य का दर्ज की मांग करते हैं यह तो अच्छी बात है विशेष दास का दर्जा सही चीज है लेकिन पहले उनको यह बताना चाहिए कि उन्होंने बिहार के विकास के लिए क्या कुछ किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को यह स्वीकार करना होगा कि बिहार के अर्थव्यवस्था बिहार के इंफ्रास्ट्रक्चर बिहार में पर कैपिटा इनकम को बढ़ाने में बिल्कुल नाकाम रहे हैं। यही वजह है कि बिहार को आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद भी विशेष राज्य के दर्ज की जरूरत है।

चिराग ने कहा के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीतियों से बिहार का विकास कतई संभव नहीं है। विशेष राज्य के दर्जे में भी यदि केंद्र सरकार की तरफ से उनकी मॉनिटरिंग नहीं की जाएगी तो कोई फायदा बिहार को नहीं होने वाला है। बिहार एक ऐसा राज्य है जहां केंद्र सरकार की तरफ से आई हुई योजनाओं की राशि तक भ्रष्टाचार की देन चढ़ जाती है।

उधर, चिराग पासवान ने यदि केंद्र की सरकार से यह बातें कहीं की अगर केंद्र सरकार बिहार को विशेष राज्य के दर्जे पर समिति बनती है तो सबसे पहले यह तय करना होगा कि वह इसकी मंत्री खुद करें तभी यहां कुछ भी विकास हो पाएगा।

‘बिहार में उनकी कोई सुनता नहीं.. अब बनारस जाएंगे रैली करने’ पीएम मोदी के गढ़ में नीतीश के सभा करने पर चिराग का तंज

लोकसभा चुनाव में बीजेपी को चुनौती देने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से चुनाव प्रचार की शुरुआत करेंगे। चुनाव से पहले नीतीश कुमारआगमी 24 दिसंबर को वाराणसी में अपनी पहली जनसभा करेंगे।यूपी में नीतीश की चुनावी रैली की खबर से बिहार की सियासत तेज हो गई है। लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने इसको लेकर मुख्यमंत्री पर तंज किया है और कहा है कि बिहार में तो उनकी बात कोई सुनता नहीं है, अब बनारस में रैली कर के क्या कर लेंगे।

रविवार को पटना पहुंचे चिराग पासवान ने यूपी से नीतीश के चुनावी प्रचार की शुरुआत करने के सवाल पर चिराग ने जोरदार हमला बोला। चिराग ने कहा कि नीतीश कुमार की बिहार में तो कोई सुनता नहीं है, अब वे रैली करने बनारस जा रहे हैं। जिस मुख्यमंत्री को बिहार की जनता ने रिजेक्ट कर दिया हो वो सोचते हैं कि दूसरे राज्य की जनता उनको सुनना चाहेगी। मुख्यमंत्री बताएं कि वे बनारस क्या लेकर लोगों के बीच जाएंगे। बिहार और वाराणसी में काफी कम दूरी है। बनारस के लोग अच्छी तरह से जानते हैं कि बिहार के मुख्यमंत्री ने क्या काम किया है।

उन्होंने कहा कि वे बनारस को जाकर देख लें सिर्फ इसलिए नहीं कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है बल्कि जिस तरीके से उस क्षेत्र का विकास हुआ है। काशी विश्वनाथ मंदिर का जिस तरीके से विकास हुआ है क्या बिहार में उस तरह से किसी भी मंदिर का विकास हो सका है? नीतीश कुमार बनारस जाएंगे तो बिहार का कौन सा मॉडल लेकर जाएंगे, इसे वे बताएं। क्या बनारस के लोगों को ये बताएंगे कि वे उसी प्रदेश से आए हैं जहां आए दिन हत्याएं होती रहती हैं या ये बताएंगे कि बिहार के लोग शिक्षा और रोजगार के लिए दूसरे प्रदेशों में जाने को विवश हैं।

चिराग ने कहा कि नीतीश कुमार यूपी के लोगों को क्या बताएंगे कि बिहार में शराबबंदी तो है लेकिन खुलेआम शराब बेची जाती है। प्रधानमंत्री के गढ़ में जाकर चुनौती देने के लिए उनके पास शब्द भी तो होने चाहिए। पीएम मोदी जब प्रधानमंत्री बनने के लिए निकले थे तब देश के सामने गुजरात मॉडल लेकर आए थे, नीतीश कुमार बताएं कि उनके पास कौन सा मॉडल है जिसे लेकर वे जनता के बीच जाएंगे। दूसरे राज्यों में जाकर अपनी बेईज्जती कराना ठीक नहीं है।

कांग्रेस मतलब भ्रष्टाचार’ राज्यसभा सांसद धीरज साहू के घर 300 करोड़ कैश मिलने पर सम्राट चौधरी ने साधा निशाना

बिहार भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कांग्रेस को भ्रष्टाचार का पर्याय बताया. सम्राट चौधरी शनिवार को पटना में मीडिया को संबोधित कर रहे थे. झारखंड के कांग्रेस राज्यसभा सांसद के घर 300 करोड़ रुपए कैश बरामद होने के बाद जमकर निशाना साधा. कहा कि सांसद के घर इतने रुपए मिले हैं कि ईडी के अधिकारी उसे गिनते-गिनते थक गए हैं. सम्राट ने कहा कि समझ लीजिए कि कांग्रेस कितनी बड़ी भ्रष्टाचारी पार्टी है. जितने भी भ्रष्टाचारी हैं, सब एकजुट हो गए हैं।

सम्राट चौधरी ने कहा कि झारखंड और उड़िसा में कांग्रेस का भ्रष्टाचार देखने को मिला है. इतना ज्यादा कैश मिला है कि विभाग के पदाधिकारी गिनते गिनते थक गए और अभी तक छापेमारी जारी है. कांग्रेस पार्टी का परिचय का मतलब भ्रष्टाचार है. जो पार्टी झारखंड में सहयोगी है, ऐसे सांसद के घर से इतने रुपए मिल रहे हैं. बिहार में लालू यादव, झारखंड में हेमंत सोरेन, तेलांगना में एमके स्टालिन ये सभी भ्रष्टाचार के प्रतीक हैं।

इस दौरान सम्राट चौधरी ने सीएम नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ऐसी पार्टी है, जिसमें कर्पूरी ठाकुर, लालू यादव को मुख्यमंत्री बनाया. नीतीश कुमार को तो कंधे पर बिठाकर मुख्यमंत्री बनाने का काम किया, लेकिन नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी के साथ क्या किए, यह बिहार की जनता समझ चुकी है? सम्राट ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी दोस्ती और दुश्मनी दोनों अच्छे से निभाती है. यह बात सभी पार्टियों को समझ लेना चाहिए।

पूर्वी क्षेत्रीय परिषद के बैठक की तैयारी पूरी,जानें किन एजेंडों पर होगी चर्चा

पटना: पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक आज दोपहर बाद पटना में आयोजित हो रही है.यह बैठक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में होगी वहीं बिहार के Cm नीतीश कुमार परिषद के उपाध्यक्ष के रूप में बैठक में शामिल होंगे,जबकि पश्चिम बंगाल, झारखण्ड और ओडिशा के सीएम की जगह उनके प्रतिनिधि शामिल होंगे.झारखण्ड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव और कल्याण मंत्री चंपाई सोरेन, पश्चिम बंगाल की वित्त राज्य मंत्री चन्द्रिमा भट्टचार्य, उड़ीसा के वित्त मंत्री प्रदीप अमात और आइटी खेल एवं युवा और व्यापार मंत्री तुषार कांति बेहेरा शामिल होंगे।

इस बैठक को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि यह बिहार के लिए एक अवसर है.बैठक की परम्परा के अनुसार यहां आनेवाले सभी अतिथियों का वे स्वागत करेंगे।

इस बैठक में जहां बिहार की तरफ से विशेष राज्य का दर्जा,नेपाल में प्रस्ताविक कोशी डैम समेत अन्य मुद्दा उठाया जायेगा,वहीं केंद्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा समेत अन्य मुद्दा की चर्चा कर सकती है जबकि अन्य राज्य भी अपने अपने मुद्दें उठायेंगे.वहीं इस बैठक को लेकर बिहार राजनीति में बयानबाजी का दौर पिछले कुछ दिनों से चल रहा है जिसमें एनडीए से अलग होने के बाद केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बिहार के सीएम नीतीश कुमार के एक साथ पहली बैठक में शामिल होने और इससे जुड़ी राजनीति की चर्चा हो रही है.महागठबंधन के कई नेताओं द्वारा इस तरह की बैठक को चाय-पानी बैठक से संबोधित किया गया है.इन नेताओं की मानें तो इस परिषद की बैठक मे राज्यों द्वारा उठाये गये मुद्दे पर गंभीरता से काम नहीं होता है.महागठबंधन के नेताओं के इस तरह के बयान का बीजेपी ने प्रतिवाद किया है।

इस परिषद की बैठक में कई राज्यों के cm के नहीं आने पर बीजेपी नेता सह पूर्व डिप्टी cm तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि ये उन राज्यों के cm की गंभीरता को दर्शाता है.बैठक को सिर्फ चाय पानी का एजेंडा बताने पर कांग्रेस और आरजेडी पर हमला बोलते हुए तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि ये इनकी सोच को दर्शाता है.बैठक आधिकारिक रूप से होती आई है और बैठक में राज्यों के विकास के एजेंडे पर मुहर लगाती है.इसमें मंत्री के साथ ही सभी राज्यों और केन्द्र के सीनियर अधिकारी भी शामिल होते हैं।

बिहारवासियों के लिए खुशखबरी! पटना से अयोध्या होकर लखनऊ तक चलेगी वंदे भारत एक्सप्रेस

पटना से लखनऊ जाने वाले वाले और अयोध्या की यात्रा करने वाले लोगों के लिए खुशखबरी है. जल्द ही भारतीय रेल पटना से लखनऊ के लिएवंदे भारत ट्रेनचलाने की तैयारी कर रही है. यह ट्रेन अयोध्या होते हुए लखनऊ तक जाएगी. इससे बिहार के वैसे यात्रियों को काफी सुविधा होगी, जिनका लखनऊ आना जाना लगा रहता है. मिली जानकारी के अनुसार रेलवे ने इसके लिए सर्वे का काम भी शुरू कर दिया है।

बताया जा रहा है कि रेलवे ने रूट सर्वे नोटिफिकेशन का काम पूरा कर लिया है. अब बिहार को जल्द ही पटना से लखनऊ के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस के परिचालन का तोहफा मिलेगा. दरअसल, रेलवे के सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार अयोध्या में राम मंदिर का भव्य उद्घाटन होने जा रहा है. ऐसे में बिहार से भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ राम मंदिर में राम लला के दर्शन के लिए अयोध्या जाएगी. यह भी एक कारण है कि श्रद्धालुओं की सुविधा के देखते हुए इस रूट में वंदे भारत ट्रेन चलाने का फैसला लिया गया है।

बताया जा रहा है कि पहले पटना से लखनऊ तक वंदे भारत ट्रेन को सुल्तानपुर से होकर चलाए जाने की योजना थी. इसको लेकर सर्वेक्षण का काम भी पूरा हो गया था. बाद में राम मंदिर के उद्घाटन को देखते हुए इसके रूट में बदलाव लाए जाने का फैसला लिया गया है. मालूम हो कि 2024 जनवरी में ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है. इसलिए पर्यटन और तीर्थ के दृष्टिकोण से भी इसे अयोध्या होकर चलाए जाने का फैसला लिया गया।

कल पटना में गृह मंत्री अमित शाह,पूर्वी क्षेत्रीय परिषद बैठक की करेंगे अध्यक्षता

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह, रविवार, 10 दिसंबर को बिहार की राजधानी पटना में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक की अध्यक्षता करेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सर्वांगीण विकास हासिल करने के लिए सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद का लाभ उठाने की आवश्यकता पर बल दिया है

क्षेत्रीय परिषदें सशक्त राज्य ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण करते हैं की भावना के अनुरूप दो या अधिक राज्यों अथवा केंद्र और राज्यों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर नियमित संवाद और चर्चा के लिए एक व्यवस्थित तंत्र और मंच प्रदान करती हैं

2014 से अब तक पिछले 9 वर्षों में विभिन्न क्षेत्रीय परिषदों की कुल 55 बैठकें हुईं हैं, इनमें स्थायी समितियों की 29 बैठकें और क्षेत्रीय परिषदों की 26 बैठकें शामिल है

क्षेत्रीय परिषदों की प्रत्येक बैठक में राष्ट्रीय महत्व् के अनेक मुद्दों पर भी चर्चा की जा रही है

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह, रविवार, 10 दिसंबर,2023 को बिहार की राजधानी पटना में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक की अध्यक्षता करेंगे।पूर्वी क्षेत्रीय परिषद में बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और झारखंड राज्य शामिल हैं। यह बैठक भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन अंतर राज्य परिषद सचिवालाय द्वारा बिहार सरकार के सहयोग से आयोजित की जा रही है। पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक में सदस्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ प्रत्येक राज्य से दो वरिष्ठ मंत्री भाग लेंगे। राज्य सरकारों के मुख्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में हिस्सा लेंगे।

राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 15-22 के तहत वर्ष 1957 में 5क्षेत्रीय परिषदों की स्थापना की गई थी। केन्द्रीय गृह मंत्री इन पाँचों क्षेत्रीय परिषदों में प्रत्येक के अध्यक्ष हैं और क्षेत्रीय परिषदमें शामिल राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री/उप-राज्यपाल/प्रशासकइसके सदस्य हैं, जिनमें से एक मुख्यमंत्री हर साल बारी-बारी से उपाध्यक्ष होते हैं। राज्यपाल द्वारा प्रत्येक राज्य से 2 और मंत्रियों को परिषद के सदस्य के रूप में नामित किया जाता है। प्रत्येक क्षेत्रीय परिषद ने मुख्य सचिवों के स्तर पर एक स्थायी समिति का भी गठन किया है। पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री उपाध्यक्ष हैं।

राज्यों द्वारा प्रस्तावित मुद्दों को सर्वप्रथम संबन्धित क्षेत्रीय परिषद की स्थायी समिति के समक्ष चर्चा के लिए प्रस्तुत किया जाता है। जिन मुद्दों का आपसी सहमति से समाधान नहीं निकल पाता हैउन्हें क्षेत्रीय परिषद की बैठक में विचार-विमर्श के लिए प्रस्तुत किया जाता है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सर्वांगीण विकास हासिल करने के लिए सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद का लाभ उठाने की आवश्यकता पर बल दिया है। क्षेत्रीय परिषदें सशक्त राज्य ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण करते हैं की भावना के अनुरूप दो या अधिक राज्यों अथवा केंद्र और राज्यों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर नियमित संवाद और चर्चा के लिए एक व्यवस्थित तंत्र और मंच प्रदान करती हैं।सभी राज्य सरकारों, केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के सहयोग से वर्ष 2014 से अब तक पिछले 9 वर्षों में विभिन्न क्षेत्रीय परिषदों की कुल 55 बैठकें हुईं हैं, इनमें स्थायी समितियों की 29 बैठकें और क्षेत्रीय परिषदों की 26 बैठकें शामिल है।

क्षेत्रीय परिषदों की भूमिका सलाहकारी है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों मेंये परिषदें विभिन्न क्षेत्रों में आपसी समझ और सहयोग के स्वस्थ बंधन को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण कारक साबित हुई हैं। परिषदों की बैठकों में कोदो, कुटकी एवं अन्य श्री-अन्न (minor millets) फसलों का रागी के बराबर समर्थन मूल्य, व्यापक सिल्ट प्रबंधन नीति के अंतर्गत जल शक्ति मंत्रालय द्वारा 2022 में तलछट (Sediment) प्रबंधन के लिए नेशनल फ्रेमवर्क ज़ारी करना, राज्य स्तरीय तकनीकी समिति द्वारा लाख की खेती के लिए वित्त का पैमाना तय करना और लाख की खेती को 2022-23 से किसान क्रेडिट कार्ड में शामिल करना आदि निर्णय लिए गए।क्षेत्रीय परिषदें व्यापक मुद्दों पर चर्चा करती हैं जिनमें खनन, कुछ मदों में केन्द्रीय आर्थिक सहायता, बुनियादी सुविधाओं कानिर्माण, भूमि अधिग्रहण एवं भूमि स्थानांतरण, जल बँटवारा, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण स्कीम(DBT) का कार्यान्वयन, राज्य- पुनर्गठन और क्षेत्रीय स्तर के सामान्य हित के अन्य मुद्दें शामिल हैं।

क्षेत्रीय परिषदों की प्रत्येक बैठक में राष्ट्रीय महत्व् के अनेकमुद्दों पर भी चर्चा की जा रही है। इनमें महिलाओं और बच्चों के खिलाफ दुष्कर्म के मामलों की त्वरित जांच और इसके शीघ्र निपटान के लिए फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों (FTSC) का कार्यान्वयन,प्रत्येक गांव में 5 किमी के भीतर बैंकों/इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक शाखाओं की सुविधा,देश में दो लाख नई प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACSs) का निर्माण, पोषण अभियान के माध्यम से बच्चों में कुपोषण दूर करना, स्कूली बच्चों की ड्रॉप आउट दर कम करना, आयुष्मानभारत-प्रधानमंत्रीजनआरोग्ययोजना में सरकारी अस्पतालों की भागीदारी तथा राष्ट्रीय स्तर के सामान्य हित के अन्य मुद्दें शामिल हैं।