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17 साल से दिवाली मना रहा मुस्लिम परिवार, धनतेरस के दिन जुड़वा बेटे ने लिया था जन्म, बाझीन पद से मिला था छुटकारा

आज दीपावली के अवसर पर हम आपको एक ऐसे मुसलमान परिवार की कहानी सुनाने जा रहे हैं जिनके घर पर लगभग 17 साल से दीपावली का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. इनका कहना है कि उनके घर में कोई औलाद नहीं था और काफी मन्नत मांगने के बाद धनतेरस के दिन उनके घर पर जुड़वा बेटे ने जन्म लिया था. तभी से यह लोग हर साल धूमधाम से दीपावली का पर्व मना रहे हैं. तो आईए जानते हैं क्या है इस मुस्लिम परिवार की कहानी…

हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश के भोपाल में जेल पहाड़ी स्थित जेल परिसर में रहने वाली इकबाल फैमिली की। ठीक 17 साल पहले कार्तिक महीने में आने वाली धनतेरस के दिन उनके यहां जुड़वा बेटे जन्मे थे। दीपोत्सव की राेशनी से जगमगा रहे शहर में इस मुस्लिम परिवार के घर भी रौनक छा गईं। यही वह पल था, जब इकबाल फैमिली ने तय कर लिया कि अब से हर बार दिवाली वैसे ही मनाएंगे, जितनी शिद्दत से ईद मनाते हैं।

प्यार से घर में बेटों को हैप्पी और हनी बुलाते हैं। इस साल भी धनतेरस के पहले पूरा कुनबा दिवाली की तैयारियों में जुट गया था। सफाई कर ली गई है क्योंकि श्रीगणेश और लक्ष्मीजी की पूजा भी तो करनी है। दोनों बेटों के साथ इकबाल की दो बेटियां मन्नत और साइना भी दिवाली के रंग में रंगी रहती हैं।

जुड़वा बेटों की मां रेशू अहमद कहती हैं- हमारे यहां जुड़वा बेटों का जन्म धनतेरस के दिन हुआ था इसलिए भी यह दिन हमारे लिए खास है। हिंदुस्तान में वैसे ही सांप्रदायिक सौहार्द की परंपरा रही है, यही वजह है कि हम तारीख के बजाय तिथि से धनतेरस पर दोनों बेटों का जन्मदिन मनाते आ रहे हैं।

घर में कुरान के साथ गीता और भगवान की प्रतिमाएं भी

परिवार बताते हैं कि हमारे घर में कुरान के साथ गीता भी है। गणेश जी, लक्ष्मी जी, शंकर जी और दुर्गा मां की फोटो और प्रतिमाएं हैं। दिवाली की रात घर में पूजन करने के बाद मुंहबोले भाई रामपाल उनका परिवार और हमारा परिवार मिलकर दिवाली मनाता है। आतिशबाजियां भी करते हैं।

इकबाल खुद बनाते हैं घर के बाहर रंगोली

रेशू कहती हैं- मेरे पति इकबाल दिवाली के लिए रंगोली खुद बनाते हैं। मेरी जिम्मेदारी गुजिया और अन्य मिठाइयों बनाने की होती है। हमारे यहां मजहब में कोई भेदभाव नहीं होता।

घर में ही बनाई पूजा करने की जगह

बहनें मन्नत और साइना ने बताया हमने घर में छोटी सी पूजा की जगह बनाई। जहां सारे देवी-देवताओं के चित्र और प्रतिमाएं हैं। हम जिस तरह नमाज अदा करते हैं, वैसे ही पूजा भी करते हैं। हमारे लिए दोनों मजहब एक जैसे ही हैं।

CM शिवराज ने आदिवासी युवक के पैर धोकर मांगी माफी, दशमत को बताया सुदामा

भोपाल। सीधी में दलित पर बीजेपी कार्यकर्ता द्वारा पेशाब करने की घटना से बैकफुट पर आई बीजेपी डैमेज कंट्रोल में जुटी है. प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने पीड़ित के पिता दशमत रावत को सीएम हाउस बुलाकर उसे सम्मान से कुर्सी पर बैठाकर उसके पैर पखारे. इसके बार तिलक किया और फिर शॉल उड़ाकर सम्मान किया. सीएम ने पीड़ित के पिता को नारियल और भगवान गणेश की प्रतिमा भेंट की. सीएम ने घटना को लेकर दुख व्यक्त किया. सीएम ने कहा कि घटना से मेरा मन द्रवित है, मुख्यमंत्री ने घटना को लेकर पीड़ित के पिता से मांफी है।

सीएम ने पीड़ित से चर्चा की:दशमत को सीएम ने सुदामा कहा. सीएम बोले दशमत तुम अब मेरे दोस्त हो. सीएम ने पीड़ित के पिता से पूछा बच्चे पढ़ रहे हैं. पीड़ित ने हां में जवाब दिया. सीएम ने फिर पूछा उन्हें छात्रवृत्ति मिल रही है. जवाब मिला उन्हें बजीफा मिल रहा है. सीएम ने कहा कि और कोई परेशानी तो नहीं है. जवाब मिला और कोई परेशानी नहीं है. सीएम ने उसके कंधे पर हाथ रखकर कहा कि कोई परेशानी हो तो बताना. सीएम के सवाल पर पीड़ित के पिता ने कहा कि वे पल्लेदारी का काम करते हैं कुबेरी मंडी में. हाथ गाड़ी पर बोरियां ढोने का काम करता हूं. इसके बाद सीएम ने कहा कि मुझे वह घटना देखकर बहुत दुख हुआ. मैं माफी चाहता हूं, क्योंकि यह मेरी ड्यूटी है मेरे लिए तो जनता ही भगवान जैसी है, इसके बाद सीएम ने कहा चलो अब नाश्ता करेंगे।

सीएम ने पीड़िता को की तिलक चंदन

सियासत के केंद्र में सीधी केस: दरअसल सीधी में बीजेपी कार्यकर्ता द्वारा आदिवासी युवक पर पेशाब किए जाने की घटना से प्रदेश की सियासत गर्माई हुई है. कांग्रेस द्वारा इस मुद्दे को आदिवासी अस्मिता से जोड़कर पेश किया जा रहा है. प्रदेश में लगातार हो रहे आदिवासियों से जुड़े अपराधों को लेकर प्रदेश की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा जा रहा है. कांग्रेस ने मामले की जांच के लिए 5 नेताओं की कमेटी भी गठित की है, जो आज सीधी पहुंचेगी. उधर सीएम के निर्देश पर पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर चुकी है. आरोपी पर एनएसए की कार्रवाई भी की गई है।

नवंबर तक बुक हुए कथावाचक, जानिए किन शहरों में होंगे पंडित प्रदीप मिश्रा के कार्यक्रम

भोपाल. सीहोर के कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा अब देश विदेश में प्रख्यात हो गए हैं। वे शिव महा पुराण के लिए सबसे ज्यादा विख्यात हैं। उनके कार्यक्रमों में लाखों लोग आते हैं। इस साल कई राज्यों में चुनाव है जिसके कारण नेता भी उन्हें अपने—अपने यहां बुला रहे हैं। इस कारण पंडित प्रदीप मिश्रा बेहद व्यस्त हो चुके हैं। हाल ये है कि नवंबर माह तक उनके एमपी के साथ ही देशभर में अनेक जगहों पर कार्यक्रम तय हो चुके हैं।

भोपाल आए थे पंडित प्रदीप मिश्रा

पंडित प्रदीप मिश्रा ने सीहोर में कुबेरेश्वर धाम बनाया है। कुबेरेश्वर धाम में शिव पूजन के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। सीहोर का कुबरेश्वर धाम रूद्राक्ष वितरण के लिए भी प्रसिद्ध है। हाल ही पंडित प्रदीप मिश्रा एमपी की राजधानी भोपाल आए थे। उन्होंने यहां करोंद में शिव महा पुराण कथा सुनाई थी जिसमें भीषण गर्मी के बाद भी लाखों श्रोता पहुंचे थे।

पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा सुनने के लिए भारी भीड़ आती है। इस वजह से चुनावी साल में हर पार्टी के नेता उनके कार्यक्रम कराना चाहता है। ऐसे में पंडित मिश्रा बेहद व्यस्त हो चुके हैं। वे कथा के लिए नवंबर तक बुक हो चुके हैं।

इस दौरान पंडित मिश्रा एमपी के अलावा देश के अन्य राज्यों में भी कथा सुनाने जाएंगे। एमपी में भोपाल के साथ ही सीहोर, खंडवा और सुवासरा में उनके कार्यक्रम होंगे। वे छत्तीसगढ़ भी जाएंगे जहां तिल्दा, नेवरा और बालोद में उनके कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है।

इस दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा राजस्थान भी जाएंगे। राजस्थान में पंडित मिश्रा के अलवर और पुष्कर के साथ कुछ अन्य जगहों पर भी कार्यक्रम रखे गए हैं। इसके बाद वे यूपी और महाराष्ट्र में भी कथा सुनाने जाएंगे।