Category Archives: Supaul

बिहार में बन रहे देश का सबसे बड़े पुल का हिस्सा ध्वस्त, तीन पिलर का गर्डर गिरा, 1 की मौत

सुपौल में बन रहा देश का सबसे बड़ा बकौर पुल क्षतिग्रस्त हो गया है. बताया जा रहा है कि पुल का तीन पिलर का गर्डर गिरा है. घटना सुबह के करीब सात बजे की बताई जा रही है. इस घटना में कई मजदूरों के दबने की खबर है, जिसमें से 1 की मौत हो गई है, वहीं अन्य का रेस्क्यू किया जा रहा है. बकौर पुल के निर्माण की लागत 1200 करोड़ रुपए की बताई जा रही है।

कोसी नदी पर भारत माला परियोजना के तहत इस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा था. तभी अचानक पिलर संख्या 153 और 154 के बीच का 3 सेगमेंट क्रेन से छूटकर गिर पड़ा. इस घटना में पुल पर काम कर रहे बंगाल के कई मजदूर दब गए. अभी कितने लोग इस हादसे की चपेट में आए हैं इसकी कोई पुष्टि नहीं कर रहा है।

हादसे के बाद पुल पर काम कर रहे पुल के अधिकारी-कर्मचारी फरार हो गए हैं. बाकी जो इस हादसे की चपेट में आए उन्हें स्थानीय लोगों ने बाइक के जरिए अस्पताल पहुंचाया. एक स्थानीय के मुताबिक अब तक वो लोग 15 से 20 लोगों को बाइक के माध्यम से अस्पताल पहुंचा चुके हैं।

बिहार में ठंड के बीच बारिश के आसार, इस तारीख से कम होगा शीतलहर का कहर

बिहार के 24 जिलों में पहली फरवरी से बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग ने हल्की बारिश की चेतावनी जारी की है। वहीं मंगलवार को पटना सहित प्रदेश का अधिकतर शहर कोहरे की चपेट में रहेगा। प्रदेश के सात शहर भीषण शीत दिवस और शीत दिवस की चपेट में रहे। वहीं राजधानी सहित प्रदेश के अधिकतर शहरों के न्यूनतम और अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी हुई। सबसे ठंडा शहर 4.5 डिग्री के साथ किशनगंज रहा। वहीं सबसे गर्म शहर 25.2 डिग्री के साथ शेखपुरा रहा।

इन जिलों में बारिश के आसार पश्चिमी चंपारण, सीवान, सारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीतामढ़ी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, वैशाली, शिवहर, समस्तीपुर, सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, बांका, जमुई, मुंगेर और खगड़िया के एक या दो स्थानों पर हल्की वर्षा होने के आसार हैं। सोमवार को फारबिसगंज, अगवानपुर, दरभंगा, जीरादेई भीषण शीत दिवस की चपेट में रहे।

आने वाले दिनों में लोगों को न सिर्फ दिन में ठंड से राहत मिलेगी बल्कि न्यूनतम पारा भी चढ़ेगा। मौसम विभाग के अनुसार अगले चार दिनों के दौरान न्यूनतम और अधिकतम तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने की संभावना है। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभावी होने के चलते मौसम में यह बदलाव आएगा। सोमवार को उत्तर बिहार के कुछ स्थानों में घना कोहरा और शीत दिवस के भी आसार जताए गए हैं। इसके अलावे राज्य के अन्य जगहों पर मौसम शुष्क बना रहेगा।

पहले भारतीय सेना फिर बिहार पुलिस और अब BPSC शिक्षक, बिहार के इस युवक ने किया कमाल

कैरियर के कई उतार-चढ़ाव से गुजरने वाले सुपौल के राघोपुर के शंकर चौधरी अब बीपीएससी शिक्षक बन गये हैं.उन्हौने उच्च माध्यमिक स्कूल में समाजशास्त्र विषय में सफलता पायी है.उन्हें 13 जनवरी को नियुक्तिपत्र मिल गया है और जल्द ही आवंटित स्कूल में योगदान करेंगे.

यूयं तो बीपीएससी द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा में लाखों युवा-युवति सपल हुए हैं और हर अभ्यर्थी के संघर्ष और सफलता की अलग अलग कहानी है पर सुपौल के राघोपुर के शंकर चौधरी की कहानी थोड़ी अलग है.आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से आने वाले शंकर चौधरी ने इंटर की पढ़ाई पूरी करने के बाद जनवरी 2005 में आर्मी की नौकरी ज्वाइन कर ली. आर्मी का नौकरी लगने के बाद भी पढाई के प्रति उनकी दिलचस्पी कम नहीं हुई और उन्हौने आर्मी द्वारा दी जा रही सुविधाओं का लाब उठाते हुए आगे भी पढ़ाई जारी रखी.

आर्मी में नौकरी करते हुए ही उन्होंने बीएड तक की पढ़ाई पूरी की.आर्मीमैन के रूप में 16 साल 4 महीने तक देश की सेवा करने के बाद वे घर लौटे.. 2021 में एसटीईटी परीक्षा पास की. उनका मन शिक्षक बनकर बच्चों के भविष्य को संवारने का था.इसलिए शिक्षक भर्ती के लिए तैयारी करने लगे.

इस बीच शिक्षक भर्ती की परीक्षा मे विलंब हुआ तो उन्हौने बिहार पुलिस में डायल 112 ज्वाइन कर लिया.इस बीच उसने बीपीएससी शिक्षक भर्ती की तैयारी जारी रखी और दूसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा मे वे सफल हो गये हैं और उन्हें नियुक्ति पत्र भी मिल गया है.

मीडिया से बात करते हुए शंकर चौधरी ने कहा कि आर्मी मैन के जरिए देश की सेवा करने का मौका मिलता है वहीं व्यक्ति और समाज के विकास के लिए शिक्षा का महत्व सबसे ज्यादा है.बेहतर शिक्षा हासिल कर ही अपना और समाज का विकास किया जा सकता है. इसी सपने को साकार करने के लिए वे एक शिक्षक बने हैं और अपने स्कूल के बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ ही आर्मी के अनुशासन समेत देश प्रेम की भावना जागृत करने पर भी वे ध्यान देंगे.

केके पाठक के आदेशों का भी असर नहीं! सुपौल में शौचालय नहीं बनवाने पर लटकी कार्रवाई की तलवार

केके पाठक ने जब से शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का पद संभाला है तब से बिहार के सरकारी स्कूलों में आमूल चूल परिवर्तन का दौर जारी है. केके पाठक सरकारी स्कूलों में बेहतर शिक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने को लेकर ही काम नहीं कर रहे हैं बल्कि छात्रों को बेसिक सुविधाएं भी स्कूल में मिले इसके भी आदेश दे रखे हैं. केके पाठक के आदेश का पालन कराने को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारी सजग रहते हैं. केके पाठक के आदेशों का पालन नहीं करने पर सुपौल जिले के 19 विद्यालय प्रभारियों पर विभागीय कार्रवाई की तलवार लटकी है।

एक एचएम के खिलाफ निलंबन की अनुशंसा

बताया जाता है कि इनके विद्यालयों में शौचालय निर्माण नहीं कराया गया है. तो विभिन्न विद्यालयों में मरम्मत कार्य में लापरवाही बरती गयी है. ऐसे 19 एचएम से शॉकोज पूछा गया है. आधे दर्जन एचएम को जल्द से जल्द निर्माण कार्य पूरा नहीं करने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है. मध्य विद्यालय सिमराहा मरौना के एचएम जितेंद्र कुमार रमण के खिलाफ निलंबन की अनुशंसा की गई है. कहा गया है कि मध्य विद्यालय सिमराहा मरौना में बालक बालिका शौचालय निर्माण काम नहीं कराने को लेकर एचएम का वेतन स्थगित किया गया था।

शौचालय निर्माण को ले एचएम से शोकॉज

शोचालय निर्माण को लेकर विभिन्न प्रखंड के 18 एचएम से शोकॉज पूछा गया है. इसमें छातापुर के मध्य विद्यालय चकला, मध्य विद्यालय भवानीपट्टी, मध्य विद्यालय छातापुर और मध्य विद्यालय तमुआघाट, मरौना के मध्य विद्यालय कदमाहा और उत्क्रमित मध्य विद्यालय परिकोंच, सरायगढ़ के उत्क्रमित मध्य विद्यालय मुरली, उत्क्रमित मध्य विद्यालय कल्याणपुर, प्राथमिक विद्यालय गंगापुर मुरली और मध्य विद्यालय भपटियाही, त्रिवेणीगंज के मध्य विद्यालय जदिया, उर्दू उत्क्रमित मध्य विद्यालय खूंट, उत्क्रमित मध्य विद्यालय गुड़िया, प्राथमिक विद्यालय हीरापट्टी और प्राथमिक विद्यालय गोनहा, किशनपुर के उत्क्रमित मध्य विद्यालय नरही बेलही और उत्क्रमित मध्य विद्यालय सुखासन किशनपुर, प्रतापगंज के उत्क्रमित मध्य विद्यालय जदिया और सदर प्रखंड के मध्य विद्यालय अमहा के एचएम शामिल हैं।

आधे दर्जन एचएम को दी गई चेतावनी

अतिरिक्त वर्ग कक्ष और नवसृजित भवन निर्माण को लेकर जिले के आधे दर्जन एचएम को चेतावनी भी दी गई है. सभी को 25 दिसंबर तक निर्माण कार्य पूर्ण करने का आदेश दिया गया है. इसमें उत्क्रमित मध्य विद्यालय अनुसूचित जाति सरायगढ़, मध्य विद्यालय कमलपुर बसंतपुर, प्राथमिक विद्यालय आजम ओला दीपनगर राघोपुर, नवसृजित प्राथमिक विद्यालय थरिया पुनर्वास किशनपुर, नवसृजित प्राथमिक विद्यालय पूर्व टोला हरिराहा राघोपुर, प्राथमिक विद्यालय नोनपार राम टोला सरायगढ़ के एचएम शामिल हैं।

शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कई जगह निर्माण कार्य चल रहा है. इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. लापरवाही बरतने वालों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी.”- प्रवीण कुमार, डीपीओ एसएससी

गरीबी के कारण अंडा बेचने का काम करते थे बिहार का मनोज, चौथे प्रयास में UPSC पास कर बन गए IAS

मनोज राय का जन्म और पालन-पोषण बिहार के सुपौल नामक एक छोटे से गांव में हुआ था। उनके माता- पिता गरीब थे और परिवार की आर्थिक स्थिति भी अच्छी नहीं थी। ऐसे में उनका बचपन कठिनाइयों और गरीबी से जूझते हुए बीता।

वहीं कहते हैं ना, जिस घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होती, उस घर के बच्चे उम्र से पहले बड़े हो जाते हैं। घर का खर्च चल सके, इसलिए मनोज दिल्ली में नौकरी की तलाश में आ गए थे।

एक छोटे से गांव से निकलकर जब मनोज पहली बार दिल्ली आए तो उस वक्त उन्हें बड़े शहर में तालमेल बिठाने में समय लगा। वह धीरे- धीरे यहां की रोजमर्रा की जिंदगी के बारे में समझ रहे थे। यहां आकर उन्होंने कई जगह नौकरी के लिए आवेदन किया, लेकिन कई अच्छी नौकरी न मिल सकी। नौकरी के लिए लगातार प्रयास करने के बाद मिली असफलता के कारण उन्होंने अंडे और सब्जी का ठेला खोला। वहीं इसी के साथ पैसों के लिए उन्होंने कई ऑफिस के फर्श भी साफ किए थे।

इसके बाद, उन्होंने एक डिलीवरी मैन के रूप में काम किया था। बतौर डिलीवरी मैन वह दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में कई वस्तुओं को सप्लाई किया करते थे। मनोज नहीं जानते थे कि डिलीवरी मैन का काम उनके जीवन को बदल देगा। यहां उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया और उनकी मुलाकात विश्वविद्यालय के छात्रों से हुई जिन्होंने उन्हें यूपीएससी परीक्षा के बारे में बताया और गाइड किया।

एक इंटरव्यू में मनोज ने बताया था कि “JNU के छात्रों ने मुझे अपनी पढ़ाई पूरी करने की सलाह दी। मैंने सोचा था कि डिग्री प्राप्त करने से मुझे एक अच्छी नौकरी ढूंढने में मदद मिलेगी। इसलिए मैंने श्री अरबिंदो कॉलेज (इवनिंग) में प्रवेश लिया और अंडे और सब्जियां बेचते हुए 2000 में अपना बैचलर ऑफ आर्ट्स (BA) की डिग्री ली”

ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने साल 2001 में अपनी यूपीएससी की तैयारी शुरू करी दी थी। बता दें, उनके मन में कहीं न कहीं सरकारी नौकरी करने की चाहत थी, लेकिन आर्थिक स्थिति के कारण उन्होंने कभी सरकारी नौकरी के लिए आवेदन नहीं किया था। वहीं जब उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कि, उस वक्त सोच लिया था कि वह परीक्षा में सफल होने के लिए दिन रात एक कर देंगे।

मनोज ने तीन साल तक यूपीएससी की तैयारी की और साल 2005 में अपना पहला प्रयास दिया। तैयारी के दौरान पैसे कमाने के लिए उन्होंने स्कूली छात्रों के लिए प्राइवेट कोचिंग लेना शुरू किया और वह यूपीएससी कोचिंग में भी शामिल हुए। वहीं जब उन्होंने यूपीएससी की पहली बार परीक्षा दी थी, उस वक्त उनका सिलेक्शन नहीं हुआ था। वह पहले प्रयास में असफल रहे थे।

वहीं दूसरी बार यूपीएससी की परीक्षा में इंग्लिश लैंग्वेज एक बड़ी बाधा बनकर सामने आई थी। “यूपीएससी में, इंग्लिश और एक रीजनल लैंग्वेज का पेपर पास करना अनिवार्य होता है।

इसलिए यदि कोई भी इसमें पास नहीं होता है, तो जनरल स्टडीज और ऑप्शनल सब्जेक्ट जैसे अन्य पेपरों का मूल्यांकन नहीं किया जाता है। लैंग्वेज के पेपर क्वालीफाइंग पेपर की तरह होते हैं जिनके अंकों का मूल्यांकन फाइनल मार्कशीट में नहीं किया जाता है। बता दें, दूसरे प्रयास में मनोज इंग्लिश के पेपर को पास करने में असफल रहे और उनकी पूरी मेहनत बर्बाद हो गई थी।

अपने तीसरे प्रयास में भी वह प्रीलिम्स परीक्षा में तो सफल हो गए थे, लेकिन मेन्स और इंटरव्यू पास करने में असफल रहे। हालांकि उन्होंने हार नहीं मानी और 30 साल की उम्र में अपना चौथा प्रयास दिया। इस बार परीक्षा में सफल होने के लिए उन्होंने अपनी राइटिंग स्किल पर काफी ध्यान दिया था।

चौथे प्रयास के दौराव उन्होंने अपनी तैयारी की स्ट्रैटजी को बदला और प्रीलिम्स के लिए पहले पढ़ने के बजाय, मेन्स सिलेबस को पूरा किया। पूरा किया।

बता दें, साल 2010 में आखिरकार उन्होंनें 870वीं रैंक के साथ यूपीएससी परीक्षा पास की थी। उनकी पहली पोस्टिंग बिहार के नालंदा में राजगीर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में एक प्रशासनिक अधिकारी के रूप में हुई थी।

सुपौल से पटना के लिए चलाई जाएगी जल्द डेमू ट्रेन, पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक ने किया एलान

एक सप्ताह के अंदर सुपौल से पटना के लिए डेमू ट्रेन (Demu Train) चलाई जाएगी. पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक अनिल कुमार खंडेलवाल ने सुपौल रेलवे स्टेशन पर मॉडल रेलवे स्टेशन निरीक्षण के दौरान सोमवार को ये बात कही. व्यापार संघ के बैनर तले उपस्थित विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों से वार्ता के दौरान उन्होंने कि एक से डेढ़ महीने के अंदर तीन से चार कनेक्टिव ट्रेन भी सुपौल को दी जाएगी. राज्यरानी और जनहित के एक्सटेंशन पर उन्होंने कुछ तकनीकी परेशानी बताई.

सोमवार को सहरसा-फारबिसगंज व सरायगढ़-निर्मली रेलखंड के निरीक्षण के पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक अनिल कुमार खंडेलवाल सुपौल पहुंचे थे. सुपौल में उन्हें सम्मानित किया गया. उसके बाद उन्होंने निर्माणाधीन मॉडल स्टेशन भवन का निरीक्षण किया. वहीं, इस दौरान लोगों की भारी भीड़ जुट गई थी.

महाप्रबंधक से लोगों ने की ये मांग

व्यापार संघ के बैनर तले मिले शिष्टमंडल ने महाप्रबंधक से कई मांग रखी. वहीं, रेल सेवा में यह इलाका पिछड़ा रहा है. कुसहा त्रासदी के बाद फारबिसगंज तक रेल परिचालन शुरू नहीं हुआ है. अभी ट्रेन ललितग्राम तक ही जाती है. लंबी दूरी की ट्रेनों का लोगों को इंतजार है. अभी चार दिनों के लिए छठ के मद्देनजर पटना के लिए स्पेशल ट्रेन चलाई गई थी. लोगों को लग रहा था कि इसे विस्तार दिया जाएगा, लेकिन नहीं हुआ.

ट्रेन पकड़ने लोग जाते हैं सहरसा

बता दें कि इस क्षेत्र में 1 दिसंबर 2019 को बड़ी रेल लाइन पर पहली सवारी गाड़ी चलाई गई. उस वक्त अधिकारियों द्वारा लंबी दूरी की गाड़ी और अन्य गाड़ियों की सुविधा देने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन अब भी लोग लंबी दूरी की गाड़ियां पकड़ने के सहरसा जाते हैं. वहीं, महाप्रबंधक के आश्वासन के बाद सुपौल के लोगों में नई उम्मीद जगी है.

बिहार के इस जिले में नाबालिग के साथ गैंगरेप, 3 युवक बने हैवान; एक आरोपी गिरफ्तार

बिहार के सुपौल में एक नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप हुआ है. घटना जिले के नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र का है. सोमवार (30 अक्टूबर) को 12 वर्षीय लड़की मवेशी चराने के लिए गई हुई थी. उसके साथ तीन लड़कों ने बारी-बारी से रेप किया. इस मामले में पीड़ित लड़की की मां ने पुलिस को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है. घटना के बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने एक आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया है. उससे पूछताछ की जा रही है.

पीड़ित परिजनों की ओर से दिए गए आवेदन में कहा गया है कि सोमवार की दोपहर पीड़ित लड़की जो गूंगी है वह अपने घर से मवेशी को चराने के लिए बीएमपी कैंप के पीछे बालू के टीला पर गई हुई थी. लड़की को अकेला पाकर तीन लड़कों ने उसके साथ बारी-बारी से रेप किया. उसी समय कुछ लड़के जो छठ का घाट छेकने के लिए गए थे वे लड़की के चिल्लाने पर दौड़कर पहुंचे. गांव से भी स्थानीय लोग पहुंचे. लोगों के पहुंचने के बाद तीनों लड़के फरार हो गए. इस बीच लोगों ने तीनों लड़कों को पहचान लिया है. दो लड़के भीमनगर ओपी के वार्ड 01 और एक वार्ड 09 का रहने वाला है.

बोल-सुन नहीं सकती है नाबालिग पीड़िता

बताया गया कि पीड़िता मुंह से ना ही बोल सकती है और ना कान से सुनती है. दरिंदों ने उसे जबरन अपने हवस का शिकार बना लिया. स्थानीय लोगों ने बच्ची को बदहवास हालत में घर लाया. उसकी स्थिति खराब थी. पीड़ित परिजनों ने आवेदन देकर उचित कार्रवाई की मांग की है।

दो आरोपियों की जल्द होगी गिरफ्तारी

इधर, आवेदन मिलते ही भीमनगर ओपी की पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए तीन आरोपियों में से एक को गिरफ्तार कर लिया. उससे पुलिस पूछताछ कर रही है. भीमनगर ओपी अध्यक्ष दीपक कुमार ने बताया कि मामले की जानकारी पीड़िता के परिजन द्वारा मिली है. नामजद तीन आरोपियों में एक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उससे पूछताछ की जा रही है. अन्य दो आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

BPSC 67th Result 2023: गरीब किसान के बेटा को बीपीएससी परीक्षा में 32वीं रैंक, पिता की मेहनत से मिली प्रेरणा

सुपौल: कम संसाधन में भी लगन और संकल्प लेकर ऊंची मुकाम हासिल की जा सकती है. मरौना प्रखंड स्थित गनौरा गांव निवासी बैद्यनाथ यादव उर्फ बैजू यादव के पुत्र चंद्रशेखर कुमार ने बीपीएससी 67वीं परीक्षा में कामयाबी हासिल कर यह साबित कर दिया. चंद्रशेखर ने 32 वीं रैंक लाकर न केवल कोसी इलाके का नाम रोशन किया, बल्कि गनौरा गांव व स्नेहियों का दिल जीत लिया है. पंचायत में उत्सव जैसा माहौल है।

किसान हैं पिताः चंद्रशेखर के पिता गरीब किसान हैं और उनकी मां गृहिणी है. कोसी तटबंध के भीतर बसे पिता का अधिकांश भूखंड में नदी की जल धारा बह रही है. इसके बाद भी खेतीबारी करके पिता ने चंद्रशेखर को पढ़ाने और आगे बढ़ाने में कोई कमी नहीं की. चंद्रशेखर ने भी पढ़ाई के प्रति इमानदार रहे. लगातार मेहनत करते रहे जिसका नतीजा रहा कि उसने बीपीएससी परीक्षा को क्रैक कर लिया।

सफलता का श्रेय माता-पिता को: चंद्रशेखर ने श्री अनंत उच्च विद्यालय गनौरा परसौनी से माध्यमिक स्तर की पढ़ाई की. इसके बाद वह बाहर रहकर बीपीएससी की तैयारी कर रहा था. लिखित परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद फाइनल रिजल्ट में 32 वीं रैंक मिलने से लोगों में हर्ष है. चंद्रशेखर ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता पिता को दिया है. उन्होंने कहा कि वे खेती कार्य में पिता की लगन को देखकर अधिकारी बनने का संकल्प लिया था. जिससे अपने माता पिता को बेहतर जीवन स्तर दे सके।

पंचायत के लोगों ने बधाई दी: गनौरा पंचायत के मुखिया जितेंद्र कुमार ने बताया कि चंद्रशेखर की सफलता निश्चित रूप से गांव के प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करनेवाले छात्रों के लिए प्रेरणा स्रोत होगा. उनकी सफलता पर पूर्व प्रखंड प्रमुख विद्या देवी, सरपंच देवनंदन यादव, जिला परिषद सदस्य प्रतिनिधि सुनील यादव, मरौना दक्षिण पंचायत के मुखिया एजाजुल हक ने हर्ष व्यक्त किया है।

सुपौल में DM आवास में घुसकर गार्ड की 160 गोलियां चुराई; तैनात पुलिसकर्मियों के 2 मैगजीन भी ले भागे

सुपौल में डीएम कौशल कुमार के सरकारी आवास में 23 अगस्त की अहले सुबह चोरी हुई है। अपराधियों ने डीएम की सरकारी आवास में तैनात सुरक्षा गार्ड के 160 राउंड कारतूस, चार मोबाइल और एसएलआर की दो मैगजीन चोरी की है। बताया गया कि आवास की दीवार फांद कर दो युवक अंदर घुसे थे जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया है।

12 लोगों से की जा रही पूछताछ

पुलिस ने 24 घंटे के अंदर करीब 12 लोगों को हिरासत में लिया है। उनसे पूछताछ की गई। गुरुवार को पुलिस ने कहा कि पूछताछ के बाद उनकी निशानदेही पर 160 राउंड कारतूस, चार मोबाइल और एसएलआर भी बरामद कर लिया गया है।

घटना के बाद पुलिस महकमे ने पूरे मामले में गोपनीय तरीके से कार्रवाई की है। 23 अगस्त को डीएम आवास की सुरक्षा में तैनात जमुई के रहने वाले बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस के जवान रामाशंकर राय ने सदर थाना में आवेदन देकर एफआईआर दर्ज कराई थी।

आवास की दीवार फांदकर अंदर घुसे चोर

रामाशंकर राय ने बताया कि 22 अगस्त को डीएम आवास के सुरक्षा और एस्कॉर्ट ड्यूटी में प्रतिनियुक्त हुआ हूं। 23 अगस्त की रात दो से चार बजे की शिफ्ट में संतरी ड्यूटी कर रहा था। अहले सुबह 3:30 बजे अपने बैरक की तरफ से आ रही खटखट की आवाज सुनकर दौड़ते हुए आया। देखा कि करीब 25 वर्षीय एक युवक हाथ में झोला लेकर दीवार फांद कर बाहर भाग गया। मैं तेजी से बैरक में सो रहे अन्य कर्मियों को जगाते हुए बाहर गया। हम लोगों ने उस युवक को खोजा, लेकिन वह अंधेरे का फायदा लेकर भागने में कामयाब रहा।

160 राउंड गोली की पाउच समेत अन्य चीज थी गायब

बैरक वापस आकर अन्य कर्मियों के सामान मिलाने लगा। एसएलआर की दो मैगजीन, 160 राउंड गोली और चार जवानों के मोबाइल गायब मिले। सिपाही रामप्रवेश पासवान के एसएलआर का 7.6 एमएम के 80 राउंड गोली की पाउच, एक एसएलआर की मैगजीन और एक मोबाइल, चंचल कुमार की एसएलआर की 7.65 एमएम की 80 राउंड गोली की पाउच सहित एक एसएलआर की मैगजीन और एक मोबाइल, सिपाही रोहित पासवान की एक मोबाइल, कमल नारायण आजाद की एक मोबाइल गायब थी।