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भाजपा में शामिल हुए मनीष कश्यप, जानें यूट्यूबर से नेता तक का सफर कैसा रहा?

यूट्यूबर मनीष कश्यप एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं. मनीष कश्यप आज (25 अप्रैल) बीजेपी में शामिल हो गए. मनीष कश्यप दिल्ली में बीजेपी में शामिल हुए. उनके साथ उनकी मां भी दिल्ली गई हुईं थीं. इससे बिहार की सियासत तेज हो गई है. मनीष कश्यप पश्चिम चंपारण सीट से निर्दलीय लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में थे. इससे बीजेपी के वर्तमान सांसद संजय जायसवाल के लिए मुश्किलें बढ़ गई थीं. वहीं, अब संजय जायसवाल के लिए राहत की ख़बर आई है. मनीष कश्यप एक यूट्यूबर से सफर की शुरुआत कर कैसे राजनीति में पैर जमा रहे हैं. सब कुछ जानते हैं.

मनीष कश्यप के बीजेपी में शामिल होने पर बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि मनीष कश्यप ने बीजेपी ज्वाइन किया है. उनकी माता जी उपस्थित हैं. मनीष कश्यप ने जनता के सरोकार को उठाया है. हमेशा मोदी जी समर्थन में बात की, लेकिन कुछ दलों ने उनको बहुत दुख दिया. इनका हमेशा बीजेपी ने साथ दिया है. वहीं, मनीष कश्यप ने कहा कि ‘मैं जेल में था तो मेरी मां लड़ रही थीं’. मेरी मां को पता है किसने किसने साथ दिया है. मां ने कहा कि मनोज भैया की बात नहीं काटनी है’

पश्चिम चंपारण के रहने वाले हैं मनीष कश्यप

यूट्यूबर मनीष कश्यप पश्चिम चंपारण के मझौलिया प्रखंड के महनवा डुमरी गांव के रहने वाले हैं. वो भूमिहार जाति से आते हैं. मनीष कश्यप शुरुआती दौर में हिन्दू संगठन से जुड़े थे. फिर बाद में छात्र संगठन से जुड़ गए. छात्र संगठन में रहते हुए कई मामले में उनके ऊपर प्राथमिकी भी दर्ज हुई. मनीष कश्यप सतवारिया कॉलेज में एक प्रोफेसर के घर पर छात्रों के साथ मिल कर हमला बोल दिया था. उस मामले में एफआईआर हुई थी. उस समय जेल भी गए थे.

मनीष कश्यप के ऊपर कई मामले दर्ज

जेल में रहते हुए मनीष कश्यप ने 2019 के लोकसभा चुनाव में नॉमिनेशन भी किया था, लेकिन किसी कारण उनका नॉमिनेशन रद्द कर दिया गया. इसके बाद 2020 के बिहार विधानसभा के चनपटिया विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़े. जिसमें उन्हें करारी हार मिली थी. मनीष के ऊपर बेतिया में दर्जनों मामले दर्ज हैं. मनीष कश्यप ‘सच तक’ (पहले का नाम) नाम से एक यूट्यूब न्यूज़ चैनल भी चला रहे थे. इस दौरान तामिलनाडु में कथित तौर पर मजदूरों का फर्जी वीडियो वायरल मामले में एनएसए लगा. इस मामले को लेकर वो काफी सुर्खियों में भी रहे.

इस मामले में मनीष कश्यप तमिलनाडु के मदुरै जेल में रहे. फिलहाल बेल पर बाहर हैं. बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनाव में वह पश्चिमी चंपारण लोक सभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव प्रचार प्रचार में जुटे हुए थे.

बिहार में दूसरे चरण के लोकसभा चुनाव में दिलचस्प है मुकाबला, पांचों सीटों का समीकरण देखें

बिहार में दूसरे चरण के चुनाव में किशनगंज, पूर्णिया, बांका, भागलपुर और कटिहार के मतदाता 26 अप्रैल को अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इन सीटों को अपने पक्ष में करने को लेकर सभी दलों ने अपनी ताकत झोंक दी है. सभी दल जीत को लेकर दावे भी कर रहे हैं. इन पांच सीटों में से सीमांचल की किशनगंज और पूर्णिया में त्रिकोणात्मक मुकाबला देखने को मिल रहा है जबकि अन्य तीन सीटों पर एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है.

वहीं, इन सीटों पर 2019 लोकसभा के चुनाव में किनके-किनके बीच मुकाबले थे? और जीत किसको मिली व हार किसे देखना पड़ा. सबकुछ विस्तार से जानिए.

किशनगंज में है त्रिकोणीय मुकाबला

मुस्लिम बहुल किशनगंज में मुकाबला दिलचस्प है. यहां कांग्रेस से निवर्तमान सांसद मोहम्मद जावेद, जदयू के मुजाहिद आलम और एआईएमआईएम उम्मीदवार अख्तरुल ईमान के बीच है. एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी यहां आकर रैलियां कर चुके हैं.  ऐसे में यहां मुकाबला त्रिकोणीय बन गया है. वैसे माना यही जा रहा है कि यहां किसी को आसानी से जीत नहीं मिलने वाली. वहीं, पिछले 2019 के चुनाव में कांग्रेस से डॉ. मोहम्मद जावेद को जीत मिली थी. महागठबंधन को एक मात्र सीट किशनगंज से जीत मिली थी. डॉ. मोहम्मद जावेद को 3,67,017 वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर जेडीयू के टिकट से सैयद महमूद अशरफ थे. जिन्हें 3,32,551 वोट मिले थे.

इस बार महागठबंधन से अजीत शर्मा हैं प्रत्याशी

भागलपुर में जदयू के अजय मंडल का सीधा मुकाबला कांग्रेस के अजीत शर्मा से है. शर्मा अजय मंडल को कड़ी टक्कर दे रहे हैं लेकिन एनडीए भागलपुर में पूरा जोर लगाए हुए है. वहीं, 2019 के चुनाव में इस सीट से अजय कुमार मंडल को जेडीयू के टिकट से जीत मिली थी. अजय कुमार मंडल को 6,182,54 वोट मिली थी. इनके प्रतिद्वंदी दूसरे नंबर शैलेश कुमार रहे. शैलेश कुमार आरजेडी से चुनाव लड़े थे. इनको 3,40,624 वोट मिले थे.

बांका सीट पर कांटे की टक्कर

बांका में जदयू के गिरधारी यादव का मुकाबला राजद के जय प्रकाश यादव से है. 2019 के लोकसभा में जदयू के गिरधारी यादव ने आरजेडी के प्रत्याशी जय प्रकाश यादव को हराया था. जय प्रकाश इस चुनाव में खूब पसीना बहा रहे हैं. इस कारण यहां कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है. बता दें कि पिछले चुनाव में गिरिधारी यादव को 4,777,88 वोट मिले थे. जबकि जय प्रकाश नारायण यादव को 2,77,256 वोट मिले थे.

कटिहार से इस बार भी चुनावी मैदान में हैं तारिक अनवर

कटिहार में जदयू के दुलाल चंद गोस्वामी और कांग्रेस के तारिक अनवर आमने-सामने हैं. पिछले चुनाव में यहां से जेडीयू के टिकट से दुलाल चंद गोस्वामी विजयी हुए थे. तारिक अनवर इसी सीट से पांच बार सांसद रह चुके हैं और इस चुनाव में ‘छक्का’ मारने को लेकर कठिन परिश्रम कर रहे हैं. पिछले चुनाव में भी कांग्रेस के टिकट से तारिक अनवर ने इस सीट से चुनाव मैदान में उतरे थे. बता दें कि दुलाल चंद गोस्वामी को पिछले चुनाव में 5,59,423 वोट मिले थे और दूसरे नंबर पर रहे तारिक अनवर 5,02,220 वोट मिले थे.

पूर्णिया सीट से पप्पू यादव लड़ रहे हैं निर्दलीय चुनाव

इस चुनाव की सबसे हॉट सीट पूर्णिया है. यहां मुकाबला दिलचस्प बना हुआ है. पूर्णिया में जदयू के संतोष कुशवाहा और राजद की बीमा भारती के साथ पप्पू यादव के बीच कांटे की टक्कर है. पप्पू यादव ने निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरकर मुकाबला रोचक बना दिया है. वहीं, इस सीट 2019 के लोकसभा चुनाव में संतोष कुमार ने जेडीयू के टिकट से जीत दर्ज की थी. इन्हें 6,32,924 वोट मिले थे. इनके प्रतिद्वंदी कांग्रेस के टिकट से उदय सिंह रहे. उदय सिंह को 3,69,463 वोट मिले थे.

यूट्यूबर मनीष कश्यप भाजपा में हुए शामिल, बिहार में NDA के लिए करेंगे प्रचार

बिहार के फेमस यूट्यूबर मनीष कश्यप (Manish Kashyap) भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए हैं. मनीष कश्यप को दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में सांसद मनोज तिवारी ने पार्टी की सदस्यता दिलाई. इससे पहले उन्होंने ऐलान किया था कि वो पश्चिमी चंपारण सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे. हालांकि अब उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है.

खुद को सन ऑफ (Son of Bihar) बिहार कहने वाले मनीष कश्यप ने पश्चिमी चंपारण सीट पर चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया था. वह निर्दलीय चुनाव में उतरना चाहते थे, लेकिन उससे पहले उन्होंने बड़ा कदम उठाते हुए बीजेपी में शामिल होने का फैसला किया है. इससे पहले वो साल 2020 में वो बिहार की चनपटिया विधानसभा सीट से भी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ चुके थे. इसमें उनकी हार हुई थी.

बेतिया जिले के रहने वाले मनीष कश्यप उस समय चर्चा में आए थे, जब फर्जी वायरल वीडियो मामले में उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. मनीष को करीब नौ महीने जेल में बिताने पड़े थे. इसके अलावा मनीष की पहचान एक सक्सेसफुल यूट्यूबर की है. उनके यूट्यूब पर करीब 8.75 मिलियन सब्सक्राइबर्स हैं. वो बिहार से जुड़े कई सामाजिक मुद्दों पर सालों से वीडियो बना रहे हैं. केवल बिहार में ही नहीं बल्कि हिन्‍दी स्‍पीकिंग बेल्‍ट में उनके वीडियो काफी पसंद किए जाते हैं.

क्यों हुई थी मनीष कश्यप की गिरफ्तारी? 

दरअसल, दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों के साथ मारपीट का कथित वीडियो मनीष कश्‍यप ने अपने आधिकारिक यूट्यूब चैनल से शेयर किया था, जो काफी वायरल हुआ था. यह वीडियो बनाकर वो कानून के जाल में बुरी तरह फंस गए. वीडियो वायरल होने के बाद तमिलनाडु पुलिस ने इसे भ्रामक बताया था. इस मामले में पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज की थी. इसके अलावा बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने भी इसी मामले को लेकर मनीष कश्यप के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी.

करीब 9 महीने जेल में रहे कश्यप

जब पुलिस ने दबिश दी तो मनीष कश्यप अंडरग्राउंड हो गए. जब बेतिया पुलिस ने मनीष के घर की कुर्की शुरू की तो स्थानीय थाने में सरेंडर कर दिया था. EOU टीम ने केस अपने कब्जे में लेकर मनीष से पूछताछ की और जेल भेज दिया. तमिलनाडु पुलिस की टीम पटना पहुंची और 30 मार्च 2023 को ट्रांजिट रिमांड पर तमिलनाडु पुलिस अपने साथ ले गई थी. उसके बाद करीब नौ महीने तक मनीष कश्यप जेल में रहे.

तेजस्वी को पप्पू यादव का जवाब, ‘RJD से भी बड़े हो गए हैं आप, राजा समझ कर आदेश मत दीजिए’

आरजेडी और पप्पू यादव के बीच की लड़ाई अब नाक का सवाल बन गई है. बीते सोमवार को तेजस्वी यादव के बयान कि ‘एनडीए को जीता दिजाए’ से ये साफ जाहिर है कि आरजेडी पप्पू यादव से डरी हुई है. वहीं पप्पू यादव ने भी इस बयान पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि तेजस्वी हमको बीजेपी का एजेंट बताते हैं. आज खुद एनडीए को जीताने की अपील कर रहे हैं.

पप्पू यादव ने कहा कि जिस तरह का बयान तेजस्वी ने दिया कि एनडीए को जीता दीजिए, उससे कई सीटों पर असर पड़ेगा. एनडीए तो तेजस्वी को बधाई दे रहा है कि साथ देने के लिये धन्यवाद. उन्होंने तो नरेन्द्र मोदी को जीताने की अपील कर दी. कांग्रेस अब भी सोचे राजद के बारे में. अब नहीं सोचेगी तो कब सोचेगी?

पप्पू यादव ने तेजस्वी को दिया जवाब

 

पूर्णिया से निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव ने कहा कि “हमको तेजस्वी तो कल तक बीजेपी का एजेंट बता रहे थे. आज एनडीए को जीताने की अपील जनता से कर दिये. राहुल गांधी कभी किसी नेता को बीजेपी का एजेंट नहीं कहते. पूर्णिया के मान सम्मान, जीवन मृत्यु की लड़ाई है. तेजस्वी ने आज जो बयान दिया उससे कमजोर वर्ग में क्या संदेश गया. यह कांग्रेस को समझने की जरुरत है. कमजोर वर्ग के सम्मान को ठेस पहुंची है.”

 

पप्पू यादव यहीं नहीं रूके उन्होंने कहा कि तेजस्वी आरजेडी से भी बड़े हो गए हैं. उनको लगता है की वह जो बोल देंगे वही अंतिम सत्य है. उनको लगता है कि राजा की तरह जो बोल दिये वही कानून है. उन्होंने इंसान के विश्वास को दगा दिया है. पूर्णिया की जनता इसका जवाब देगी. पूर्णिया का हर वर्ग हमारा समर्थन कर रहा है. जनता इस सीट को अपने प्रतिष्ठा से जोड़ चुकी है कि हमको जीताना है. जनता चुनाव लड़ रही है.

 

आरजेडी ने इंडिया गठबंधन की बड़ी पार्टी को कुछ समझा नहीं, अपमानित किया. हम तो इंडिया गठबंधन को मजबूत करना चाहते हैं. चाहते हैं कि देश से गरीबी हटे. जात-पात, हिन्दू-मुसलमान से देश निकले. ऐसी सरकार आए जो रोजगार और किसानों की आय दोगुनी करने की बात करे.

 

‘पूर्णिया इतिहास लिखने जा रहा है’
बता दें कि सोमवार को पूर्णिया में जनसभा को संबोधित करते हुए तेजस्वी ने मतदाताओं से अपील की है कि अगर आप इंडिया गठबंधन की बीमा भारती को नहीं चुनते हो तो इसका मतलब है कि एनडीए को चुन रहे हैं. कहीं तीसरी जगह भटकने की जरुरत नहीं. तेजस्वी के बयान से साफ है कि वह नहीं चाहते की निर्दलीय प्रत्याशी पप्पू यादव जीतें.

 

सवाल उठ रहा है कि क्या पप्पू को मिल रहे जनसमर्थन से राजद की बेचैनी बढ़ गई है. इसलिए तेजस्वी ऐसा बयान दे रहे हैं? दूसरे चरण में 26 अप्रैल को वोटिंग है. एनडीए से जदयू प्रत्याशी संतोष कुशवाहा हैं. महागठबंधन से आरजेडी की बीमा भारती प्रत्याशी हैं और पप्पू यादव निर्दलीय लड़ रहे हैं. यही वजह है कि तेजस्वी यादव लगातार पूर्णिया में कैंप कर रहे हैं.

शांभवी vs सन्नी: दोनों के पिता JDU से नीतीश कुमार कैबिनेट में मंत्री, बिहार के इस सीट पर दिलचस्प है मुकाबला

बिहार की समस्तीपुर लोकसभा सीट पर चौथे चरण में 13 मई को चुनाव के लिए वोटिंग होगी. इस सीट पर रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा. यहां से दो मंत्रियों के बेटा-बेटी आमने-सामने हैं. सबसे बड़ी बात है कि दोनों मंत्री एक ही पार्टी जेडीयू से नीतीश कैबिनेट में मंत्री हैं. अब उनके बच्चे अलग-अलग पार्टी से लड़ रहे हैं. शांभवी चौधरी एलजेपीआर से तो सन्नी हजारी कांग्रेस से मैदान में हैं.

समस्तीपुर आरक्षित सीट है. चिराग पासवान ने सीएम नीतीश कुमार के बेहद खास और मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी को टिकट दिया है. इंडिया गठबंधन की तरफ से कांग्रेस ने सोमवार (22 अप्रैल) की शाम ऐलान किया कि समस्तीपुर से महेश्वर हजारी के बेटे सन्नी हजारी को मौका दिया जाएगा.

 

महेश्वर हजारी नीतीश मंत्रिमंडल में सूचना जनसंपर्क मंत्री हैं. बता दें कि सन्नी हजारी समस्तीपुर के खानपुर प्रखंड के प्रमुख भी हैं. जाहिर है दोनों उम्मीदवारों के मैदान में उतरने से जेडीयू में हलचल काफी तेज है. मुकाबला भी दिलचस्प हो गया है. बहरहाल अब समस्तीपुर की जनता किसे जीत का ताज पहनाती है यह तो देखने वाली बात होगी.

 

समस्तीपुर और उजियारपुर लोकसभा के लिए आगामी 13 मई को चुनाव होना है. इसको लेकर बीते 18 अप्रैल से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. 19 अप्रैल को समस्तीपुर से एनडीए गठबंधन से एलजेपी (रामविलास) की उम्मीदवार शांभवी चौधरी और उजियारपुर से आरजेडी उम्मीदवार आलोक कुमार मेहता ने नामांकन किया.

 

40 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में से एक समस्तीपुर अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित सीट है. इसमें समस्तीपुर जिले की चार कल्याणपुर, वारिसनगर, समस्तीपुर, रोसड़ा और दरभंगा जिले की दो कुशेश्वर स्थान और हायाघाट विधानसभा सीट शामिल है. समस्तीपुर पहले सामान्य सीट थी. 2009 में नए परिसीमन के बाद इसे अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित कर दिया गया.

 

समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र से अब तक के सांसद

 

1952: सत्य नारायण सिन्हा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (समस्तीपुर पूर्व के रूप में)

 

1957: सत्य नारायण सिन्हा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

 

1962: सत्य नारायण सिन्हा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

 

1962: यमुना प्रसाद मंडल, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (जयनगर से)

 

1967: यमुना प्रसाद मंडल, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

 

1971: यमुना प्रसाद मंडल, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

 

1977: कर्पूरी ठाकुर, जनता पार्टी

 

1978: उपचुनाव: अजीत कुमार मेहता , जनता पार्टी

1980: अजीत कुमार मेहता, जनता पार्टी (एस)

 

1984: रामदेव राय, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

 

1989: मंजय लाल कुशवाहा, जनता दल

 

1991: मंजय लाल, जनता दल

 

1996: अजीत कुमार मेहता, जनता दल

 

1998: अजीत कुमार मेहता, राष्ट्रीय जनता दल

 

1999: संजय लाल, जनता दल (यूनाइटेड)

 

2004: आलोक कुमार मेहता, राष्ट्रीय जनता दल

 

2009: महेश्वर हजारी, जनता दल (यूनाइटेड)

 

2014: रामचंद्र पासवान, लोक जनशक्ति पार्टी

 

2019: रामचंद्र पासवान, लोक जनशक्ति पार्टी

 

2019: राम चंद्र पासवान के निधन के बाद उप चुनाव में उनके बेटे प्रिंस राज (लोजपा) ने जीत हासिल की.

‘बिन बुलाए तो हम अपने घर भी नहीं जाते’, पवन सिंह के रोड शो में जाने को लेकर खेसारी लाल का जवाब

भोजपुरी सिनेमा के पावर स्टार पवन सिंह काराकाट लोकसभा के चुनावी मैदान में उतर चुके हैं. मंगलवार(23 अप्रैल) को उनका काराकाट के विभिन्न इलाकों में रोड शो भी है. इस बीच भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार खेसारी लाल यादव पटना पहुंचे, पटना एयरपोर्ट पर उन्होंने पवन सिंह को लेकर दो टूक में जवाब दिया कि अगर वह बुलाएंगे तो हम जरूर जाएंगे, बिना बुलाए तो हम अपने घर भी नहीं जाते हैं.

पवन सिंह के चुनाव मैदान में आने पर खेसारी लाल यादव ने कहा कि चुनाव मैदान में जितने लोग हैं सभी लोग जीते. जीतना हारना मायने नहीं रखता. सबसे बड़ा काम है विकास करना और मैं यही कहूंगा नेता बन जाने से अगर चीज बड़ी हो रही है तो वो मायने रखता है. मैंने अपनी उम्र में कितने नेताओं को बनते देखा लेकिन बिहार को बदलते नहीं देखा हूं .

‘जहां भी जरूरत होगी उनके साथ खड़े रहेंगे’

खेसारी लाल ने पवन सिंह को लेकर कहा कि मेरी शुभकामना है अपने बड़े भाई के साथ और वह चुनाव जीत कर संसद भवन में जाकर बिहार के लिए, भोजपुरी भाषा के लिए, फिल्म के लिए, शिक्षा के लिए, लोगों को रोजगार के लिए आवाज उठाएं. अगर उनको हमारी जहां भी जरूरत होगी हम हमेशा उनके साथ खड़े रहेंगे .

उन्होंने कहा कि नेता लोग क्या कहते हैं  उस पर बात मैं नहीं करता हूं, मेरा एक ही मानना है कि मुद्दे की बात होनी चाहिए, विकास की बात होनी चाहिए, अगर हम लोग विकास की बात नहीं करेंगे तो कौन लोग करेंगे. प्रमुख रूप से आम जनता परेशान है, हम लोग परेशान हैं, नेता लोग परेशान नहीं होते, नेता के बच्चे तो आसानी से पढ़ लेते हैं आम लोगों के बारे में सोचना जरूरी है. खेसारी लाल ने कहा कि हम अपने लिए किसी नेता पर निर्भर रहते हैं यह गलत है हमें खुद ही आगे कुछ करना होगा और लोग कर रहे हैं .

खेसारी लाल को नेता बनने की इच्छा नहीं

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि “मुझे अभी कोई इच्छा नहीं है नेता बनने की. मैं इसके बारे में आगे सोच भी नहीं रहा हूं. मेरी सोच रही है कि मैं अपने भोजपुरी भाषा को कितना आगे तक लेकर जाऊंगा और लोगों तक पहुंच सकूं. संगीत के माध्यम से, सिनेमा के माध्यम से मैं यह काम कर रहा हूं.” वहीं, तेजस्वी यादव को लेकर भी खेसारी लाल यादव काफी सॉफ्ट दिखे और इनडायरेक्ट रूप में समर्थन करते हुए नजर आए.

इस चुनाव में खेसारी लाल यादव का साथ तेजस्वी यादव को मिलेगा इस पर उन्होंने कहा कि जिसकी विचारधारा अच्छी होती है, मेरे लिए कोई जाति मायने नहीं रखती है, मेरा संबंध मायने रखता है और उसके ऊपर  बिहार का विकास है और उससे भी बढ़कर बिहार की मेरी जानता है, जिसने हमें बनाया है, तेजस्वी यादव को बनाया है. कोई भी कलाकार हो या नेता हो, अभिनेता हो उसको जनता ही बनाती है. इसलिए सबसे ऊपर जानता है और जनता के विकास की जो बात करेगा जो जनता के लिए सोचेगा हम हमेशा उसके साथ खड़े हैं.

आसनसोल से चुनाव नहीं लड़ने के पीछे क्या है वजह? भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह ने बताया

भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह मंगलवार (23 अप्रैल) को रोड शो करने के लिए अपने चुनावी लोकसभा क्षेत्र काराकाट पहुंचे. आज वह काराकाट लोकसभा के विभिन्न क्षेत्रों में रोड शो करेंगे. इस सीट से पवन सिंह ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. बातचीत में पवन सिंह ने आसनसोल सीट (Asansol Seat) से चुनाव नहीं लड़ने के पीछे की वजह को लेकर पहली बार कैमरे पर कुछ कहा है.

इस सवाल पर कि आसनसोल सीट से आपका नाम तय हुआ था. आप खुश भी थे. अचानक क्या हुआ? इस पर पवन सिंह ने कहा कि जो बीत गई सो बात गई. मैं बहुत ज्यादा नहीं बोलता. मैं हर किसी का सम्मान करता हूं. निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपनी जनता के बीच में हूं. मुझे जो प्यार-आशीर्वाद मिल रहा है वो आपको दिख रहा है. आसनसोल से चुनाव नहीं लड़ने के पीछे की वजह को लेकर खुलकर कुछ नहीं कहा, हालांकि इतना जरूर कहा कि कुछ पर्सनल बात है. उसे अंदर ही रहने दीजिए. हर बात को मैं बाहर नहीं निकालना चाहता.

जनता का प्यार देख गदगद हो गए पवन सिंह

काराकाट लोकसभा क्षेत्र में रोड शो के दौरान काफी संख्या में पवन सिंह के फैंस उमड़ पड़े. इसको लेकर एबीपी न्यूज़ से बातचीत में पवन सिंह ने कहा कि एक कलाकार के लिए यह बहुत ही सौभाग्य की बात है. उन्होंने कहा कि वह 32 साल से गाना गा रहे हैं, 20 साल से एक्टिंग कर रहे हैं. जनता का यह प्यार-आशीर्वाद देखकर बहुत अच्छा लग रहा है. जनता का प्यार देख पवन सिंह गदगद हो गए. कहा कि सौभाग्य है कि ये प्यार उन्हें मिलता है.

सातवें चरण में है काराकाट सीट पर चुनाव

बता दें कि काराकाट लोकसभा सीट पर अंतिम चरण (7वें चरण) में चुनाव होना है. इस सीट से एक तरफ जहां पवन सिंह निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे हैं तो वहीं एनडीए से उपेंद्र कुशवाहा सामने हैं. इन दोनों के अलावा महागठबंधन से बात की जाए तो भाकपा माले से राजाराम सिंह मैदान में हैं. इस सीट से रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को पद्म विभूषण से किया सम्मानित

राष्ट्रपति भवन में पुरस्कार वितरण कार्यक्रम हुआ है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू को राष्ट्रपति भवन में पद्म विभूषण से सम्मानित किया है। इसके अलावा राष्ट्रपति ने सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया है।

अभिनेता मिथुन और गायिका उषा उथुप को पद्म भूषण

अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती, पूर्व राज्यपाल राम नाइक और गायिका उषा उथुप को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद्म भूषण से सम्मानित किया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने चिकित्सा के क्षेत्र में मनोहर कृष्ण डोले को पद्मश्री से सम्मानित किया है।

रोहन बोपन्ना और सतेंद्र सिंह लोहिया भी सम्मानित

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने खेल के क्षेत्र में टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना को पद्मश्री से सम्मानित किया। इसके अलावा विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में राम चेत चौधरी, खेल के क्षेत्र में पैरा-तैराक सतेंद्र सिंह लोहिया और लोक नर्तक नारायणन ई.पी. को कला के क्षेत्र में पद्मश्री से सम्मानित किया।

पुरस्कार वितरण के दौरान साल 2024 के लिए 3 पद्म विभूषण, 8 पद्म भूषण और 55 पद्म श्री दिए गए।

बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग मामले में बड़ी सफलता, तापी नदी में मिली इस्तेमाल की गई बंदूक

बॉलीवुड एक्टर सलमान खान के घर के बाहर गोलीबारी की घटना की पड़ताल कर रही मुंबई पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। मुंबई पुलिस ने सोमवार को गुजरात के सूरत में तापी नदी में तलाशी अभियान चलाया और सलमान के घर के बाहर फायरिंग में इस्तेमाल की गई बंदूक को बरामद कर लिया है। आपको बता दें कि बीते 14 अप्रैल को अभिनेता सलमान खान के आवास के बाहर फायरिंग की घटना हुई थी। इस घटना में लॉरेंस बिश्नोई ग्रुप का नाम सामने आया है।

दूसरे बंदूक की तलाश जारी

मुंबई क्राइम ब्रांच ने बताया है कि उन्होंने सूरत की तापी नदी से सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग में इस्तेमाल की गई बंदूक और कुछ जिंदा कारतूस बरामद किए हैं। हालांकि, पुलिस को अब भी दूसरी बंदूक की तलाश है। सलमान के घर पर गोली चलाने वाले युवकों विक्की गुप्ता और सागर पाल ने पूछताछ के दौरान बताया है कि वो सलमान के घर गोलीबारी को अंजाम देकर मुंबई से सड़क के रास्ते सूरत पहुंचे थे। यहां से वे ट्रेन से भुज की ओर गए जहां यात्रा के दौरान उन्होंने पिस्तौल को एक रेलवे पुल से तापी नदी में फेंक दिया था।

शूटरों के पास दो बंदूकें थीं 

सलमान खान के घर पर फायरिंग करने वाले शूटरों के पास दो बंदूकें थीं और उन्हें 10 राउंड गोलियां चलाने का आदेश दिया गया था। आरोपियों ने पूछताछ में बताया है कि वारदात को अंजाम देने के बाद उन्होंने बंदूक को सूरत की तापी नदी में फेंक दिया था। पुलिस ने फायरिंग करने वाले दोनों आरोपियों को गुजरात के भुज से गिरफ्तार कर लिया था। पकड़े गए दोनो आरोपियों के नाम विकी गुप्ता (24) और सागर पाल (21) हैं। दोनों आरोपी शूटर्स बिहार के मसीही, पश्चिम चंपारण के रहने वाले है। मुंबई क्राइम ब्रांच आरोपी विक्की गुप्ता को अपने साथ सूरत तापी नदी ले गई है। अब तक इस मामले में 10 लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। पुलिस इस मामले में अन्य धाराएं भी जोड़ सकती है।

मुम्बई क्राइम ब्रांच के मुताबिक, शूटर्स को हथियार मुहैया कराने में दो व्यक्ति शामिल हैं। दोनों आरोपी सागर पाल और विक्की गुप्ता ट्रेनिंग के लिए बिहार गए थे। एक हथियार साथ लेकर गए थे। क्राइम ब्रांच शूटर्स को फाइनेंस करने वाले और गन देने वाले दोनों व्यक्ति की तलाश कर रही है। दोनों की पहचान अभी तक नहीं हुई है।