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बिहार : मुंगेर के एक झील में नौका पलटने से दो महिलाओं की मौत


मुंगेर : बिहार के मुंगेर जिले से एक दुखद खबर मिल रही है. जिले के खड़गपुर थाना क्षेत्र स्थित एक झील में कल रात एक नौका असंतुलित होकर पलट गयी जिससे उसमें सवार दो महिलाओं की डूबकर मौत हो गयी. पुलिस अधीक्षक आशीष भारती ने आज बताया कि मृतकों में खड़गपुर थाना अतंर्गत रमनकाबाद गांव निवासी लाल मोहन मोदी की पत्नी सुमा देवी :30: और गनौरी यादव की पत्नी आरो देवी :55: शामिल हैं.

उन्होंने बताया कि दोनों शवों को उक्त झील से गोताखोरों की मदद से आज बाहर निकालकर पोस्टमार्टम के लिए मुंगेर सदर अस्पताल भेजा गया है. भारती ने बताया कि उक्त नौका पर करीब 12 लोग सवार थे जिसमें से बाकी अन्य लोग तैरकर सकुशल सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गये.

उन्होंने बताया कि यह महिलाएं जलावन के लिए लकडी उक्त नाव पर लादकर खड़गपुर झील के जरिये अपने घर लौट रही थीं तभी अचानक तेज हवा के साथ बारिश होने से नाव असंतुलित होकर झील में पलट गयी. प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवारों को मुआवजे की राशि देने की व्यवस्था की जा रही है.

बिहार बाढ़ का कहर : तटबंध टूटा, कई गांव डूबे, नेपाल में बारिश से बागमती नदी फिर उफनायी


सीतामढ़ी : नेपाल के तराई क्षेत्र में हुई बारिश से बागमती नदी में उफान आ गया है. इसके कारण भादाडीह में निर्मित बांध टूटने के बाद रून्नीसैदपुर का इलाका जलमग्न हो गया है.

इसके चलते खड़का, भादा टोला, माधोपुर चौधरी, रैन विष्णु, रैन शंकर, शिवनगर,सोनपूरवा, इब्राहिमपुर, नया वास, अथरी, महिमापुर, बसतपुर, रक्सिया, मानपुर जौआ,मझौली उर्फ भनुडीह, भादाडीह, चक दोनई व रून्नीसैदपुर उत्तरी समेत दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. वहीं, ओलीपुर गांव में बाढ़ के पानी में डूब कर मो सलाम मंसूरी की पांच वर्षीया पुत्री शानिया खातून की मौत हो गयी. वहीं, मेजरगंज प्रखंड की कोआरी मदन पंचायत के ग्रामीणों ने राहत की मांग को लेकर प्रखंड कार्यालय के समक्ष हंगामा किया.

बागमती नदी खतरे के निशान के ऊपर : बागमती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. वहीं, रून्नीसैदपुर के अलावा बेलसंड, बैरगनिया व सुप्पी में भी बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है. रून्नीसैदपुर व बैरगनिया में बड़ी आबादी बाढ़ के चलते बांध व हाइवे पर रहने को विवश है.
ढेंग में रेलवे ट्रैक के बाढ़ के पानी में बह जाने के कारण लगातार 21 वें दिन भी ढेंग-रक्सौल के बीच ट्रेन परिचालन बाधित रहा और बैरगनिया का पूर्वी चंपारण जिले से सड़क संपर्क भी भंग रहा.

नदी में पलटी नाव ग्रामीणों ने रस्सी के सहारे सभी को बचाया

समस्तीपुर. हथौड़ी थाने के बंधार गांव स्थित भगवान घाट के पास बागमती नदी की बीच धार में नाव पलटने से उस पर सवार सभी लोग डूब गये. ग्रामीणों ने रस्सी व तैराक की मदद से सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया.

घटना के कुछ घंटे बाद भी एक बार फिर नाव पलटने से आधे दर्जन लोग पानी में डूबने से बच गये. घटना के बाद घाट पर कुछ समय के लिए अफरातफरी का माहौल हो गया. ग्रामीणों ने बताया कि शनिवार की दोपहर दो बजे के आसपास चारा लाने को लेकर गांव के ही एक निजी नाव पर सवार होकर उस पार फकीरबन्ना, नरकटही , डेमूर, चौर में अपने मवेशियों के लिए चारा लाने जा रहे थे. इसी दौरान नदी में ज्यादा पानी होने के कारण नाव के अंदर पानी भर गया

बाढ़ पीड़ि‍तों की मदद के लिए आमिर खान दिये 25 लाख, सांसद-विधायक भी आगे आये


पटना : सूबे में बाढ़ से मची तबाही को लेकर देशभर से मदद के हाथ उठ रहे हैं. बालीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान की कंपनी आमिर खान प्रोडक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने 25 लाख रुपये का चेक डाक के माध्यम से मुख्यमंत्री राहत कोष में भिजवाया है. आमिर खान का लगाव बिहार से पहले से रहा है. टीवी शो सत्यमेव जयते के दौरान उन्होंने बिहार के गया में दशरथ मांझी के गांव का दौरा भी किया था. उससमय पटना का लिट्टी चोखा उन्हें काफी पसंद आया था.
सांसद-विधायक समेत कई लोग मदद को आगे आये

बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए सूबे के सांसद और विधायक भी मदद के लिए आगे आये हैं. भाजपा के राज्यसभा सांसद डॉ सीपी ठाकुर ने 20 लाख रुपये सांसद निधि से और 8030 रुपये अपनी ओर से मुख्यमंत्री राहत कोष में दिये हैं. इनके अलावा कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री कृष्ण कुमार ऋ षि ने एक लाख, विधान पार्षद कृष्ण कुमार सिंह ने ढाई लाख कुमार ऑर्गेनिक प्रोडक्ट लिमिटेड ने साढ़े बारह लाख, पूर्व मंत्री मोनाजिर हसन ने पचास हजार, पूर्व विधान पार्षद बिनोद कुमार सिंह ने एक लाख, पूर्व विधायक डॉ इजहार आलम ने 51 हजार, बेगूसराय के मेयर उपेंद्र सिंह ने एक लाख ग्यारह हजार रुपये का चेक मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया है.

वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री राहत कोष में अंशदान करने के लिए सभी को धन्यवाद देते हुए सामाजिक पहल करने की सराहना की है.

तबाही मचाने के बाद गंगा समेत सभी नदियां हुईं शांत, पीड़ितों को मिली राहत


महानंदा नदी के जलस्तर में कमी के साथ कटिहार और मुंगेर में गंगा का पानी भी घटने लगा है। कुछेक जगहों को छोड़ सभी बाढ़ पीड़ित अपने-अपने घर जा चुके हैं।
महानंदा नदी के जलस्तर में कमी के साथ कटिहार और मुंगेर में गंगा का पानी भी घटने लगा है। इसके साथ ही कारी कोसी और बरंडी नदी भी शांत हो गयी है जिससे बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में स्थिति सामान्य होने लगी है। कुछेक जगहों को छोड़ सभी बाढ़ पीड़ित अपने-अपने घर जा चुके हैं।

कटिहार के कदवा, बलरामपुर, आजमनगर, मनिहारी के लोग शिविरों में कुछ पीड़ित अभी भी शरण लिये हुए हैं। महानंदा नदी का तटबंध पांच जगह व बरंडी नदी का एक जगह टूट जाने से जिले के चौदह प्रखंडों में बाढ़ के पानी ने तबाही मचा दी। 17 लाख से अधिक की आबादी प्रभावित हो गयी। बाढ़ राहत पहंुचाने में ध्वस्त सड़क भी प्रशासन के सामने चुनौती बनकर खड़ी है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में अभी भी बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हो सकी है। पीड़ितों के समक्ष शुद्ध पेयजल की समस्या बरकरार है।

अगले, 24 घंटे में बिहार में गरजेंगे बादल, कुछ ऐसा रहेगा मौसम


पटना : बिहार में अगले 24 घंटे में मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. मौसम विभाग की मानें तो बिहार के भागलपुर, पूर्णिया और पटना में गरज के साथ भारी बारिश की संभावना जतायी है. बिहार के कई इलाकों में बाढ़ का कहर अभी जारी है. पड़ोसी देश नेपाल और बिहार में लगातार हुई भारी बारिश के कारण अचानक आयी बाढ़ से राज्य में अब तक 253 लोगों की मौत हो गयी जबकि बाढ़ से 18 जिलों के एक करोड़ 26 लाख 87 हजार लोग प्रभावित हुए हैं. अभी बिहार में पिछले 24 घंटे के दौरान एक दो स्थानों पर बहुत हल्की से हल्की वर्षा रिकार्ड की गयी.

पटना स्थित मौसम कार्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक पिछले 24 घंटे के दौरान एक दो स्थानों पर बहुत हल्की से हल्की वर्षा रिकार्ड की गयी. पिछले 24 घंटे के दौरान मधेपुरा जिला के मधेपुरा शहर में 5 सेमी, दरभंगा जिले के बेनीबाद, मुजफ्फरपुर जिले के सरैया एवं बांका जिले के कटोरिया में एक-एक सेमी बारिश रिकार्ड की गयी. गया जिले में कल सुबह 8.30 बजे से आज सुबह 8.30 बजे तक 07.8 मीमी तथा आज सुबह 8.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक 1.4 मीमी बारिश हुई. पटना, गया, भागलपुर और पूर्णिया में आज अधिकतम तापमान क्रमश: 34.2, 33.1, 35.8 एवं 34.6 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान क्रमश: 26.6, 25.5, 25.5 एवं 27.1 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया.

अगले 24 घंटे के मौसम पूर्वानुमान में पटना, गया, भागलपुर एवं पूर्णिया में आम तौर पर बादल छाये रहने के साथ बारिश अथवा गरज के साथ छीटें पड़ने की संभावना जतायी गयी है.

अगले 24 घंटे में बिहार के मौसम में होगा यह बड़ा बदलाव, पढ़ें


पटना : बिहार के 15 जिले बाढ़ की चपेट में हैं. पटना के आस-पास की नदियों का जल स्तर काफी बढ़ा हुआ है. पटना के जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है. वहीं, मौसम विभाग की ओर से जारी अलर्ट के मुताबिक बिहार में भारी बारिश की संभावना भी जतायी गयी है. अगले 24 घंटे के मौसम पूर्वानुमान में पटना, गया, भागलपुर एवं पूर्णिया में आम तौर पर बादल छाये रहने के साथ बारिश अथवा गरज के साथ छीटें पड़ने की संभावना जतायी गयी है. बिहार में पिछले 24 घंटे के दौरान दक्षिण पश्चिम मानसून के सक्रिय रहने के साथ प्रदेश के कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने के साथ उत्तर पश्चिम एवं दक्षिण पश्चिम इलाकों में एक अथवा कई स्थानों पर भारी वर्षा रिकार्ड की गयी.

पटना स्थित मौसम कार्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बिहार में पिछले 24 घंटे के दौरान दक्षिण पश्चिम मानसून के सक्रिय रहने के साथ प्रदेश के कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने के साथ उत्तर पश्चिम एवं दक्षिण पश्चिम इलाकों में एक अथवा स्थानों पर भारी वर्षा रिकार्ड की गयी. पिछले 24 घंटे के दौरान पश्चिम चंपारण जिला के रामनगर में 10 सेमी, चनपटिया में 8 सेमी, औरंगाबाद जिला के रफीगंज में 7 सेमी, पूर्वी चंपारण जिला मुख्यालय मोतिहारी और में 6 सेमी, पश्चिम चंपारण जिला के बगहा एवं गोपालगंज जिला हथवा में 66, नालंदा जिला के इस्लामपुर एवं सिवान जिला के पचरखी में 55 सेमी, औरंगाबाद जिला के दाउदनगर एवं पलमेरीगंज, सारण जिला के मढ़ौरा एवं अमनार में में 44 सेमी, पश्चिम चंपारण जिला के तृवेणी एवं वाल्मीकि, किशनगंज जिला तैयबपुर, वैशाली जिला के जंदाहा, सीतामढी जिला के ढेंगब्रिज, भोजपुर के कोईलवर, औरंगाबाद शहर एवं भागलपुर जिला के बिहपुर में 33 सेमी बारिश रिकार्ड की गयी.

बिहार के बाढ़ में खाट स्ट्रेचर तो नाव बनी एंबुलेंस, लोगों ने इन्हें बताया ‘भगवान’


पटना/खगड़िया. बाढ़ में फंसे लोगों की मुश्किलें कम नहीं हो रहीं। कई लोगों की तबीयत बिगड़ने पर अब यहां के लोगों के लिए खाट स्ट्रेचर तो नाव एंबुलेंस बन गई है। कई जगह राहत के लिए उतरी एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों को पीड़ितों ने भगवान बताया है। प्रशासन के दावे से अलग है ग्राउंड जीरो की हालत…

– हालांकि उत्तर बिहार के विभिन्न जिलों में फंसे लोगों को सेना के जवान राहत शिविरों में पहुंचाने में लगे हैं।
– इधर, पानी घट ही रहा था कि नेपाल में फिर बारिश ने गंभीर हालात पैदा कर दिए। अब गंगा भी उफान पर है।
– बाढ़ की परेशानियों में लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
– एक ओर जहां जिला प्रशासन बाढ़ग्रस्त हर क्षेत्र में अपनी तैयारी के दुरुस्त होने का दावा करती है वहीं बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र की हकीकत कुछ और ही है।
– वैसे तो खगड़िया से साथ कई जिले में कई ऐसे गांव हैं, जहां पक्की सड़क नहीं होने की वजह से बरसात के मौसम में आपात स्थिति में मरीजों को खाट पर हॉस्पिटल लाया जाता रहा है।
– लेकिन जब बाढ के कारण चारों तरफ पानी ही पानी हो तो गंभीर मरीजों के लिए टापूनुमा गांव से अस्पताल तक के सफर के बीच खटिया ही स्ट्रेचर और नाव एंबुलेंस बन जाती है, लेकिन हालात कैसे हैं इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गंभीर मरीजों को मवेशियों के साथ सफर करना पड़ रहा है।

एक नाव के लिए पहुंच रहे कई लोग

– बीते बुधवार की दोपहर जैसे ही जिले के अलौली ब्लॉक के मोरकाही घाट पर एक नाव लगी उस नाव के लिए लोग उमड़ पड़े।
– गंभीर मरीज को लेकर एक नाव आकर लगी और उसी नाव पर मरीज के ठीक बगल में मवेशी भी थी।
– इस हालत को देखकर हर लोग वहां जिला प्रशासन को कोस रहे थे। लोगों के मुंह से यह दुआ निकल पड़ी कि भगवान इस हाल में कोई बीमार ना पड़े।
– बाढ के कारण आवागमन की समस्याओं को देखते हुए कई लोग पहले स्थानीय स्तर पर उपलब्ध झोला छाप चिकित्सकों से इलाज करा रहे हैं।
– बावजूद इसके जब मर्ज बढ़ जा रहा है तो उनकी फैमिली किसी तरह उन्हें शहर के डॉक्टर्स के पास इलाज के लिये ले जा रहे हैं।

समस्तीपुर : पुपरी में यात्रियों से भरी नाव पलटी, 20 लोग बहे, 15 लोगों को निकाला गया, पांच अब भी लापता


सीतामढ़ी / पुपरी : नानपुर-पुपरी पथ में बहेड़ा जाहिदपुर के पास गुरुवार की देर शाम यात्रियों से भरी नाव पलटने से 20 लोग बाढ़ के पानी में बह गये. सूचना मिलते ही प्रशासनिक तंत्र सक्रिय हो गया. मौके पर पहुंची एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाते हुए 15 लोगों को सुरक्षित निकाला, जिन्हें इलाज के लिए नानपुर पीएचसी में भरती कराया गया है. शेष पांच लोगों की तलाश में एनडीआरएफ की टीम लगी है. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि नाव पर कितने लोग सवार थे. पुपरी के एसडीओ किशोर कुमार व नानपुर थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार ने 15 लोगों को सुरक्षित निकाले जाने की पुष्टि की है.
बताया जाता है कि पुपरी-नानपुर पथ बहेड़ा जाहिदपुर गांव के पास बह गया है. यहां के लोग अभी नाव से आवागमन कर रहे है. गुरुवार की शाम नाव पर 20 से अधिक लोग सवार होकर पुपरी से बहेड़ा जाहिदपुर की ओर जा रहे थे. इनमें अधिकतर महिला व बच्चे थे. इसी बीच अचानक पानी के तेज बहाव में नाव पलट गयी और नाव पर सवार सभी लोग बह गये. इसके बाद कोहराम मच गया. स्थानीय लोग पानी में डूब रहे लोगों को बचाने का प्रयास करने लगे. प्रशासन को सूचना दी गयी. सूचना मिलते ही पुपरी के एसडीओ किशोर कुमार के नेतृत्व में पुपरी थानाध्यक्ष कपूरनाथ शर्मा व नानपुर थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार समेत प्रशासनिक तंत्र मौके पर पहुंच गया. वहीं, एनडीआरएफ की टीम भी तुरंत पहुंच गयी. इसके बाद एनडीआरएफ के जवानों ने रेस्क्यू ऑपरेशन चला कर पानी में बह रहे 15 लोगों को सुरक्षित बचा लिया.

सुरक्षित बचाये गये लोग

1. धीरज कुमार, 19 वर्ष पिता-जितेंद्र साह, पतनुक्का.
2. आयेशा खातून, 19 माह, पिता- नौशाद अली,पतनुक्का.
3. रानी देवी 25 वर्ष, पति रामजस राम, बहेरा.
4. पवन कुमार, 5 वर्ष, पिता- राम जस राम बहेरा.
5. संजू देवी 25 वर्ष, पति -राम जस महतो, बहेरा.
6. दीपक कुमार 3 माह, पिता-रामजी महतो, बघारी.
7. राजा राम साह, 62 वर्ष, पिता -राम चंद्र साह,पतनुकका.
8. सविता देवी, 22 वर्ष ,पति -विजय ठाकुर, कोइली.
9. सुनीता देवी, 38 वर्ष, पति -राजा राम साह, पतक्का.
10. माला देवी, 23 वर्ष, पति -जितेंद्र साह पतनुक्का.
11. कुदरती खातून 23 वर्ष, पति -नौशाद अली, सिरसी.
12. सगीरा खातून, 23 वर्ष, पति -सगीर अंसारी,सिरसी
13. रोशन कुमार, 6 वर्ष, पिता -विजय ठाकुर, कोइली.
14. राधिका देवी, 70 वर्ष, पति-मोहित राम, बहेरा.
15. सोनावती देवी, 50 वर्ष, पति-झपसी महतो,बघा.

बाढ़ प्रभावित इलाकों का आज फिर हवाई सर्वेक्षण करेंगे मुख्यमंत्री


बुधवार को खराब मौसम के कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा नहीं कर सके. उन्होंने मुख्यालय से ही राहत और बचाव कार्य की मॉनीटिरिंग की.

मुख्यमंत्री आज गोपालगंज के साथ पूर्वी और पश्चमी चंपारण जिले का हवाई सर्वेक्षण करेंगे. मंगलवार को सीएम ने मोतिहारी, शिवहर, सीतामझढी मधुबनी,दरभंगा जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया औ युद्धस्तर पर राहत और कार्य चलाने के निर्देश दिए.

बुधवार को ऐसी खबर आई कि सीएम सड़क मार्ग से बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा कर सकते हैं लेकिन बाद में इसे कैंसल कर दिया गया.

उत्तर बिहार में बाढ़ के कारण 4.43 लाख हेक्टेयर में क्षेत्र में फसल की क्षति हुआ. इसमें 2.23 लाख हेक्टेयर धान की फसल है. बुधवार को कृषि विभाग ने जिलों में बाढ़ प्रभावित 13 जिलों से रिपोर्ट ली है.

बिहार में बाढ़ से तबाही: रेल पटरी धसने से कटिहार-मालदा रेलवे लाइन कटी


बिहार में आई भीषण बाढ़ से अब तक 70 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। बिहार और नेपाल में हो रही तेज बारिश के कारण राज्य के 13 जिले बाढ़ की चपेट में हैं। प्रभावित जिलों में रेल व सड़क सम्पर्क सेवा बाधित हो गई है। बाढ़ के कारण अबतक सूबे में 74 लोगों की मौत हुई है। आपदा प्रबंधन विभाग ने 56 लोगों की मौत की पुष्टि की है। आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे। इस बीच खबर आ रही है कि बुधवार को सालमारी, कटिहार, मोतिहारी और अररिया में बाढ़ का प्रकोप और बढ़ गया। कटिहार-मालदा रेलखंड मनिया गुमटी के पास रेल लाइन कट गई है।

दरअसल, बिहार से बंगाल को जोड़ने वाली सड़क टूट गई है। कटिहार- मालदा रूट पर मनिया स्टेशन के पास रेल पटरी धसने से अब एकमात्र मालदा रूट पर भी रेल सेवा की आस खत्म हो गई है। पश्चिम बंगाल के राधिकापुर एवं सिलीगुड़ी रेल रूट पहले से ही पूरी तरह बाधित है। बुधवार की सुबह शहर व आसपास के इलाके में हुई तेज बारिश के कारण मनिया स्टेशन के समीप किलोमीटर संख्या 5-6 पर रेल पटरी धंस गई| ट्रेकमेन द्वारा इसकी सूचना मनिया स्टेशन व कटिहार कंट्रोल को दी गई।

जिस पर मालदा से कटिहार की ओर आ रही हाटे बजारे एक्सप्रेस को रोककर पीछे वापस किया गया। वहीं बुधवार को बारसोई रूट पर चलने वाली एकमात्र कटिहार तेलता सवारी ट्रेन में भारी भीड़ रही| जिलाधिकारी मिथिलेश मिश्रा ,एसपी सिद्धार्थ मोहन जैन समेत बाढ़ राहत में शामिल टीम के सदस्य ट्रेन में सवार हुए। ट्रेन परिचालन ठप होने से स्टेशन पर अब भी बड़ी संख्या में यात्री समय काट रहे हैं। बुधवार को कटिहार जंक्शन से गुजरने वाली राजधानी, डिब्रुगढ़ चंडीगढ़, लोकमान्य तिलक गुवाहाटी, कैपिटल एक्सप्रेस ,गुवाहाटी जम्मू तवी ,नॉर्थ ईस्ट, सीमांचल, संपर्क क्रांति एक्सप्रेस आदि ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है |वरीय मंडल अभियंता राजवीर ने बताया कि मनिया स्टेशन के समीप पटरी धंसने की घटना के बाद तत्काल राहत दल को भेजकर उसे दुरूस्त करने का प्रयास किया जा रहा है।

गंडक का तटबन्ध टूटा,चार पंचायतों में घुसा बाढ़ का पानी

बरौली प्रखंड के परसौनी के पास मंगलवार की देर रात गंडक नदी का तटबन्ध करीब 40 फुट में टूट गया। जिससे बाढ़ का पानी मरिया, करसघाट, सल्लेपुर व काशी टेंगराहीं पंचायतों में प्रवेश कर गया है। बाढ़ का पानी लगातार नए इलाके में फैलता जा रहा है। बाढ़ प्रभावित गांवों के लोग अपने माल-मवेशियों के साथ सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं।

गांवों में अफरातफरी मची हुई है। इधर जिले के बैकुंठपुर, सिधवलिया,बरौली , कुचायकोट व सदर प्रखंडों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है।अब तक जिले के करीब अस्सी गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं।एक हजार से अधिक परिवार बाढ़ से विस्थापित हो चुके हैं।बाढ़ से करीब एक लाख की आबादी प्रभावित हुई है

विस्थापित परिवार सड़कों व तटबंधों पर शरण लिए हुए हैं। बाढ़ पीड़ितों को प्रशासन की ओर से राहत उपलब्ध नहीं कराए जाने से उनके समक्ष भोजन व पीने के पानी का संकट गहराता जा रहा है।गांवों में नाव की कमी से लोगों को परेशानी हो रही है।

बलरामपुर में भाई-बहन को पानी में डूबने से मौत

बलरामपुर थाना क्षेत्र के बाहर गांव में मंगलवार की देर शाम पानी में डूबने से भाई बहन की मौत हो गई है ।बताया जाता है कि बघार गांव की प्रीति कुमारी और रोहित कुमार दोनों अपने घर के पास ही थे तथा पानी के किनारे खड़े थे । इसी बीच पानी में पैर फिसलने से दोनों पानी के अंदर चले गए। जब तक लोग उन्हें बचाते तब तक दोनों की दोनों पानी में डूब चुके थे इससे प्रीति और रोहित दोनों की मौत हो गई है।

बलरामपुर थाना अध्यक्ष मुकेश कुमार ने बताया कि बलरामपुर में पिछले 3 दिनों की तुलना में पानी कम हुआ है। लेकिन सड़क पर अभी भी पानी बाहर आया है बलरामपुर प्रखंड के सभी पंचायतों में बाढ़ का प्रकोप है । एनडीआरएफ टीम बंगाल के टूनीदिग्घी में कैंप कर बलरामपुर प्रतिदिन आते हैं और बाढ़ पीड़ितों को उचित स्थान पर ले जा रहे हैं

उन्होंने बताया कि टीम के द्वारा 8 वोट चलाया जा रहा है । बाढ़ रहत कार्य भी चलाया जा रहा है ।उन्होंने बताया कि बाढ़ की स्थिति अभी भी वह है लेकिन पानी घट रहा है। सड़क पर 24 घंटे पहले तीन से चार फीट पानी था जो घटकर एक से डेढ़ फीट पर पहुंच गया है। इससे लोगों ने राहत की सांस ली है लेकिन स्थिति भयावह बनी हुई है । तेलता ओपी ऑफिस में अभी भी बाढ़ का पानी जमा है। तथा सड़क पर पानी में करंट है। लोग पैदल भी आ जा नहीं सकते हैं। उन्होंने बताया कि पानी में घटने की रफ्तार ठीक रही तो देर शाम तक सड़क पर से पानी उतर जाएगा । प्रखंड के सभी 13 पंचायतों में बाढ़ का प्रकोप है। लगभग 200000 से अधिक आबादी प्रभावित है ।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लगातार दो दिन बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा किया। पूर्णिया, अररिया, कटिहार और किशनगंज जिले का हवाई सर्वेक्षण किया। सीएम ने अापदा प्रबंधन, पथ निर्माण व ग्रामीण कार्य विभाग के प्रधान सचिव-सचिवों को निर्देश दिया है कि वे बाढ़ क्षेत्रों में जायें और वहां के नुकसान देखें। आगे क्या करना है, यह बतायें।

अचानक आई बाढ़-सीएम

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अचानक आई बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है। नदियों में पानी का प्रवाह, खासकर महानंदा और कनकई में बहुत तेज है। अनेक गांव में पानी घुसा है। सड़के टूटी हैं। पुलों को भी नुकसान पहुंचा है। राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चलाए जा रहे हैं। एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर के माध्यम से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भोजन का पैकेट गिराए जा रहे हैं। पानी का बहाव, उसका वेग, उसकी मात्र और वर्षा, इन सबके एक साथ होने से फ्लस फ्लड जैसा दृश्य पैदा हुआ है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से राज्य में बाढ़ के हालात पर चर्चा की। उन्होंने हर स्थिति से निपटने के लिए केंद्र की तरफ से सहयोग का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हालात पर नजदीकी से नजर रखी जा रही है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘केंद्र बाढ़ के हालात से निपटने में बिहार सरकार को पूरी मदद का आश्वासन देता है।

एनडीआरएफ मुख्यालय से टीमें राहत व बचाव के लिए बिहार में हैं। सीएम ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की 10 अतिरिक्त कंपनियों को राज्य में तैनात करने की मांग की थी। इसके अलावा राहत अभियान चलाने के लिए भारतीय वायु सेना के हेलीकाप्टर तैनात करने की भी मांग की गई थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अररिया, किशनगंज का बड़ा हिस्सा, पूर्णिया के तीन और कटिहार का एक प्रखंड सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। अररिया शहर, फारबिसगंज और किशनगंज में काफी पानी घुसा है। कोई सोच नहीं सकता है कि अररिया और किशनगंज में भी इस तरह से पानी चारों ओर फैलेगा। केंद्र को मैं धन्यवाद देता हूं। हमनें प्रधानमंत्री और गृहमंत्रई से जो अनुरोध किया, उस पर तत्काल अमल हुआ।

प्रभावित जिले

किशनगंज, अररिया, कटिहार, शिवहर, सुपौल, मधेपुरा के कुछेक इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। सेना को किशनगंज व पूर्णिया के बाद चम्पारण व दरभंगा भेजने की तैयारी है। एनडीआरएफ की 22 टीम को किशनगंज, पूर्णिया, अररिया, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, पूर्वी व पश्चिमी चम्पारण, कटिहार में लगाया गया है। एसडीआरएफ की 15 टीमों को पूर्णिया, अररिया, किशनगंज, कटिहार, पश्चिम चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, मधेपुरा, शिवहर व मुजफ्फरपुर में तैनात किया गया है।

ट्रेन सेवा पर असर : कटिहार मंडल के किशनगंज व हटवार स्टेशन के बीच पुल संख्या 117 पर पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। पूर्व मध्य रेल प्रशासन ने डिब्रूगढ़, महानंदा, ब्रह्मपुत्र मेल, पूर्वोत्तर संपर्क क्रांति सहित 42 ट्रेनों को रद्द और 29 ट्रेनों का आंशिक समापन कर दिया। सप्तक्रांति, जननायक एक्स. सहित 15 ट्रेनों को परिवर्तित मार्ग से चलाया जा रहा है।

भागलपुर में सुबह से हो रही है भारी बारिश,जलमग्न हुआ स्मार्ट सिटी

भागलपुर और आसपास के क्षेत्रों में आज सुबह से ही मौसम अचानक खुशनुमा हो गया। बादलों के चलते दिन में ही पूरा क्षेत्र अंधेरे में डूब गया। करीब एक घंटे से तेज हवाओं के साथ तेज बारिश हो रही है। शहर में जहां कई जगह जल भराव हो गया है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बारिश ने एक बार फिर किसानों के माथे पर परेशानी की लकीर उभार दी है। वहीं वज्रपात से दो की मौत हो गई।

पिछली बारिश के बाद बची हुई फसल अभी खेत में ही खड़ी थी, लेकिन बुधवार की बारिश ने उसे भी खराब कर दिया। ऐसे में थोड़ी बहुत पैदावार की उम्मीद लगाए किसानों को फिर निराशा हाथ लगी। पिछली बारिश से क्षेत्र में बड़े स्तर पर फसल की बर्बादी हुई थी। लेकिन थोड़ी फसल खेतों में खड़ी होने के चलते किसानों को कुछ पैदावार की उम्मीद लगी थी जो आज हुई बारिश में धुल गई।

हिमाचल प्रदेश में भीषण भूस्खलन से 46 लोगों की मौत, बढ़ सकती है मृतकों की संख्या


शिमला : हिमाचल प्रदेश में मंडी-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुए भीषण भूस्खलन की चपेट में हिमाचल रोडवेज की दो बसों के आने से कम – से – कम 46 लोगों की मौत हो गयी और कई अन्य घायल हो गए.अधिकारियों का कहना है कि मरने वालों की संख्या बढ सकती है क्योंकि दोनों बसों में 50 से अधिक लोग सवार थे. बताया जा रहा है कि बादल फटने से भीषण भूस्खलन हुआ. मलबे की तीव्रता इतना ज्यादा थी कि पहाड़ी मलबा बस के साथ नीचे के गांव तक पहुंच गया.
घटनास्थल पर बारिश होने की वजह से राहत कार्यो में भी दिक्कत आ रही है. उधर डीसी मंडी ने कहा है कि पठानकोट-जोगिंदरनगर-मंडी नेशनल हाईवे पर कोटरूपी (उरला-जोगिंदर नगर) के पास काफी बड़ा भूस्खलन हुआ है. उन्होंने यात्रियों से आग्रह किया है कि मंडी से जोगिंद्रनगर नगर या जोगिंद्रनगर नगर से मंडी की तरफ कोई भी यात्रा ना करें.

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरफ) सेना और पुलिस के दल मौके पर पहुंच गए हैं और वहां जेसीबी मशीन भी तैनात की गई हैं. राज्य के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने घटनास्थल का दौरा किया और कहा कि सभी शव बरामद किए जाने तक बचाव अभियान जारी रहेगा.उन्होंने कहा कि मनाली-कटरा बस मेंआठ लोग यात्रा कर रहे थे जिनमें तीन लोगों की मौत हो गई और पांच लोगों को बचा लिया गया और उनको मंडी के अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

एक अधिकारी ने कहा कि दूसरी बस में 47 यात्री थे और यह बस मनाली से चम्बा जा रही थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार घायलों के इलाज का पूरा खर्च वहन करेगी. उन्होंने पीडति परिवारों से मुलाकात कर संवेदना प्रकट की. स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर, परिवहन मंत्री जी एस बाली और ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिल शर्मा ने भी मौके का दौरा किया.ठाकुर ने मारे गए लोगों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी जबकि बाली ने ऐलान किया कि हिमाचल परिवहन निगम की ओर से इन परिवारों को एक-एक लाख रुपये दिये जाएंगे

गौरतलब है कि शनिवार देर दोपहर भी ओट के समीप भूस्खलन हुआ था. जिसमे दो चलती कारे बाल- बाल बची थी, साथ हो दो लोगो ने अपनी कार छोड़कर जान बचाई थी. जबकि कुछ लोग मलबा गिरने के दौरान चट्टान की आड़ में छिपने से बचे थे.

गंगा खतरे के निशान से सिर्फ 1.23 मीटर ही नीचे, बढ़ रहा दबाव


भारी बारिश की वजह से कोसी का जलस्तर बढ़ रहा है। वहीं गंगा पर भी इसका दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 1.23 मीटर ही नीचे है। मगर दो से तीन दिन भारी बारिश होती है तो गंगा खतरे का निशान 33.68 मीटर को पार कर सकता है। हर दो घंटे पर गंगा का जलस्तर 1 सेमी की गति से बढ़ रहा है। गंगा का जलस्तर बढ़ने की वजह से गंगा से सटे गांवों पर खतरा मंडराने लगा है। जियाउद्दीन चौका से लेकर पन्नूचक, ममलखा, लैलख, रायपुरा, कासिल, खड़वा, बैद्यनाथपुर, शिवाहडीह, अमदाड़, कुरपट, मोहनपुर, बाघमरा सहित दियारा के इलाके में पानी का खतरा मंडराने लगा है। इसके अलावा सारे स्पर और बांधों पर भी पानी का दबाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है। कई जगहों पर कटाव भी हो रहा है। ग्रामीण सुदीन कुमार, बलवंत ने बताया कि गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। किनारे की जमीन बारिश और बाढ़ की वजह से भींग रही है। कभी भी कटाव की समस्या उत्पन्न हो सकती है।

बिहार में बाढ़ कहरः स्कूल की छत पर चढ़कर छात्राएं लगा रही हैं मदद की गुहार

पटना. बाढ़ का कहर बिहार में बढ़ता ही जा रहा है। अचानक तेजी से बढ़ रही पानी के कारण कई जगह लोग फंस गए हैं। पश्चिम चंपारण के गौनाहा प्रखंड़ स्थित कस्‍तूरबा आवासीय विद्यालय में दर्जन भर से ज्यादा छात्राएं भी पानी के कारण फंस गयी हैं। ये लोग स्कूल की छत पर चढ़कर अपनी मदद की गुहार लगा रही हैं। बाढ़ की पानी से घिरा स्कूल…

– ये मामला पश्चिम चंपारण के गौनाहा स्थित भितरहवा में स्‍थापित कस्‍तूरबा बालिका आवासीय विद्यालय का है।
– विद्यालय बाढ़ के पानी में चारो ओर से 8 से 10 फीट तक पानी से घिर गया है। स्कूल की दर्जनों छात्राएं बाढ़ में फंस गयी हैं। ये अपनी सुरक्षा के लिए छत पर चढ़कर बचाने के लिए चिल्‍ला रही हैं।
– बाढ़ का पानी से स्कूल के घिर जाने के कारण स्कूल में खाने-पीने की चीजों की कमी हो गई है।
– छात्राओं को सांप व कीड़ों आदि का भी खतरा है।
-जिला प्रशासन की ओर से छात्राओं के बचाव को लेकर प्रशासनिक तैयारियां की जा रही हैं।

अगले दो दिनों में पूरे राज्य में बारिश फिर पकड़ेगी रफ्तार, एलर्ट जारी


पटना. बिहार में अगले दो दिनों में बारिश फिर रफ्तार पकड़ेगी। राज्य सरकार ने इसका एलर्ट जारी किया है। इसके अनुसार शुक्रवार को बारिश का मात्रा बढ़ेगी। हालांकि शनिवार को बारिश की रफ्तार धीमी पड़ने की संभावना है, लेकिन रविवार को उसकी मात्रा तेज होगी। उधर, नेपाल के तराई वाले इलाकों के साथ-साथ उत्तर बिहार के जलग्रहण क्षेत्रों में भी भारी बारिश की संभावना व्यक्त की गई है। इसको लेकर जल संसाधन विभाग ने अपने सभी इंजीनियरों को अलर्ट किया है।

जल संसाधन विभाग ने सभी 38 जिलों की बारिश की भविष्यवाणी जारी की है। इसके आधार पर आम लोगों को भी सतर्क रहने को कहा गया है। बारिश के बाद नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी की संभावना है। इसको लेकर तटबंधों पर दबाव बढ़ना तय है। इसको लेकर विभाग ने इंजीनियरों को चेतावनी दी है। उनसे तटबंधों की चौकसी करने और 24 घंटे पेट्रोलिंग करने को कहा गया है।