सीबीआई ने 117 करोड़ रु.(लगभग) के वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़े साइबर धोखाधड़ी मामले में दिल्ली एवं आसपास के 10 स्थानों पर तलाशी ली

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केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बड़े पैमाने पर वित्तीय घोटाले से जुड़े अन्तर्राष्ट्रीय साइबर सक्षम धोखाधड़ी मामले की जारी जांच के सम्बन्ध में आज दिल्ली एवं आसपास के क्षेत्रों में 10 स्थानों पर तलाशी ली।

सीबीआई ने भारतीय दंड संहिता की धारा 403, 420 एवं सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66डी के तहत उक्त मामला दर्ज किया, जो भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी), गृह मंत्रालय, भारत सरकार से प्राप्त एक लिखित शिकायत पर आधारित था। शिकायत में यह आरोप है कि अज्ञात संगठित साइबर अपराधी व संदिग्ध विदेशी कर्ता, पूरे भारत में व्यवस्थित वित्तीय धोखाधड़ी में संलिप्त हैं।

अब तक की जांच से पता चला है कि विदेशों से संचालित धोखाधड़ी करने वाले, भारत में पीड़ितों को निशाना बनाने हेतु वेबसाइट, व्हाट्सएप एवं टेलीग्राम जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हैं। वे अंशकालिक नौकरी घोटाले, कार्य-आधारित धोखाधड़ी व शुरुआती निवेश पर उच्च रिटर्न के वादों के माध्यम से व्यक्तियों को लुभाते हैं। पीड़ितों द्वारा जमा किए गए धन को “म्यूल एकाउंट्स/Mule Accounts,” के नेटवर्क के माध्यम से शीघ्रता से स्थानांतरित कर दिया जाता है, जो उनके मूल पहचान को छुपाने के लिए परतों(Layered) का प्रयोग करते हैं। इन धनराशियों को अंततः एटीएम के माध्यम से विदेशों में निकाल लिया जाता है या ” पीवाईवाईपीएल/Pyypl” जैसे फिनटेक प्लेटफ़ॉर्म/ Fintech Platforms पर वॉलेट टॉप-अप के लिए उपयोग किया जाता है, जिसे अक्सर पीओएस/POS लेनदेन के रूप में छुपे हुए अंतर्राष्ट्रीय भुगतान नेटवर्क द्वारा सुगम बनाया जाता है। 1 जनवरी, 2023 से 17 अक्टूबर, 2023 के मध्य, नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर दर्ज 3,903 शिकायतों के विश्लेषण से पता चला है कि धोखाधड़ी करने वालों ने लगभग 117 करोड़ रु. की धनराशि हड़प ली। ये धनराशि, मुख्य रूप से दुबई एवं यूएई के अन्य स्थानों से निकाली गई। जांच में इन धोखाधड़ी वाले लेन-देन में संलिप्त 3,295 भारतीय बैंक खातों की पहचान की गई। इन खातों के ज़रिए भेजे गए पैसे का प्रयोग क्रिप्टोकरेंसी खरीदने में भी किया गया।

आज की गई तलाशी के दौरान, धोखाधड़ी में संलिप्त होने के संदेह में 10 व्यक्तियों के परिसरों से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस एवं वित्तीय रिकॉर्ड सहित अपराध साबित करने वाले साक्ष्य जब्त किए गए।

सिंडिकेट के अन्य सदस्यों की पहचान करने व अवैध धन के पूरे प्रवाह का पता लगाने के लिए जांच जारी है।सीबीआई, नागरिकों से डिजिटल प्लेटफॉर्म मिले प्रस्तावों के साथ जुड़ते समय सावधानी बरतने का आग्रह करती है, विशेषकर ऐसे प्रस्ताव जो त्वरित आय या आकर्षक निवेश का वादा करते हैं। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत कानून प्रवर्तन एजेंसियों को दी जानी चाहिए।

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.
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