बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव बड़ी मुसीबत में फंस गये हैं. सीबीआई ने तेजस्वी यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दिया है. लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते जमीन लेकर नौकरी देने के मामले में तेजस्वी यादव पर चार्जशीट दायर किया गया है. इस मामले में लालू यादव और राबडी देवी के खिलाफ पहले ही चार्जशीट दायर किया जा चुका था. सीबीआई ने अब तेजस्वी समेत दूसरे लोगों को भी अभियुक्त बनाते हुए चार्जशीट दायर किया है.
बता दें कि ये घोटाला उस वक्त का है जब लालू यादव रेल मंत्री थे. 2004 से 2009 तक केंद्र की मनमोहन सिंह की सरकार में लालू यादव ने रेल मंत्री रहने के दौरान रेलवे में लोगों को नौकरी देने के बदले उनसे जमीन ही ली थी. आरोप है कि रेलमंत्री रहते हुए लालू यादव ने रेलवे में लोगों को नौकरी देने के बदले उनसे जमीन ली थी.
करोड़ों की जमीन को कौड़ियों के भाव खरीदा हुआ दिखाया गया. कुछ लोगों ने तो लालू यादव के परिजनों को गिफ्ट में जमीन दे दी थी. इस मामले में सीबीआई ने पिछले साल अक्टूबर में अपनी पहली चार्जशीट दायर की थी जिसमें लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, मीसा भारती समेत रेलवे के अधिकारियों और दूसरे व्यक्तियों पर आरोप लगाया गया था. सीबीआई ने कोर्ट से कहा था कि वह मामले की आगे भी जांच कर रही है और इसमें नये लोगों की भूमिका सामने आ सकती है.
सीबीआई ने अपनी जांच में पाया है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते नौकरी देने के लिए कोई विज्ञापन नहीं निकाला गया. कोई प्रक्रिया नहीं अपनायी गयी. पटना, गोपालगंज के लोगों को देश भर में नौकरी दे दी गयी. वैसे ढेर सारे लोगों के परिजनों ने अपनी जमीन लालू परिवार के नाम कर दी.
14 साल पुराने इस मामले में पिछली साल 18 मई को सीबीआई ने केस दर्ज किया था, सीबीआई के मुताबिक लालू यादव के परिवार ने पटना में 1.05 लाख वर्ग फीट जमीन पर कब्जा कर रखा है. ये सारी जमीन बेशकीमती है लेकिन उनका औने पौने दाम में खरीद बिक्री दिखायी गयी.
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