पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या के मामले को लेकर पूरा देश सन्न है. इसे लेकर सीबीआई ने शुक्रवार (30 अगस्त 2024) को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्तपाल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को लगातार 14वें दिन पूछताछ के लिए बुलाया. सीबीआई इस मामले में अब इस बात की थी जांच कर रही है कि कहीं अस्पताल के अधिकारियों ने इस घटना को दबाने की कोशिशि तो नहीं की.
पुलिस को 40 मिनट लेट से क्यों किया सूचित?
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक सीबीआई जांच कर रही है कि आखिर ट्रेनी डॉक्टर का शव मिलने के 40 मिनट बाद स्थानीय पुलिस को क्यों सूचित किया गया. इतनी देरी क्यों की गई? कोलकाता पुलिस की टाइमलाइन के अनुसार शव सुबह 9.30 बजे मिला और ताला पुलिस स्टेशन को सबसे पहले मौत की सूचना सुबह 10.10 बजे, यानी 40 मिनट की देरी से मिली.
घटनास्थल पर एक घंटे लेट पहुंची पुलिस
कोलकाता पुलिस की जांच टाइमलाइन के अनुसार, स्थानीय पुलिस शव मिलने के एक घंटे बाद घटनास्थल पर पहुंची और इलाके को सुरक्षित कर लिया. रिपोर्ट के मुताबिक सीबीआई प्रिंसिपल संदीप घोष के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) की भी समीक्षा कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन्होंने इस मामले में हस्तक्षेप किया था या नहीं.
इस मामले में सीबीआई के रडार पर कई पुलिस भी है. इस वजह से सीबीआई ने पूरे घटनाक्रम और पुलिस की प्रतिक्रिया को समझने के लिए ताला पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी से भी पूछताछ की. सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि जब उसे इस मामले की जिम्मेदारी सौंपी गई उससे पहले ही क्राइम सीन से छेड़छाड़ किया जा चुका था. इस बीच कोलकाता पुलिस ने सीबीआई के दावों को खारिज करते हुए कहा कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल के क्राइम सीन से कोई समझौता नहीं किया गया था.