केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शनिवार को तीन लाख रुपये की रिश्वत के मामले में कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (MOCA) के तीन अधिकारियों सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से 60 लाख रुपये कैश बरामद किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (एमओसीए) में महानिदेशक के कार्यालय में तैनात दो अधिकारी, नई दिल्ली में मंत्रालय कार्यालय में संयुक्त निदेशक और वरिष्ठ तकनीकी सहायक के पद पर तैनात हैं।
साधी ही MOCA के एक अन्य संयुक्त निदेशक, जो वर्तमान में चेन्नई में कॉर्पोरेट भवन में आधिकारिक परिसमापक के रूप में तैनात हैं, को भी मुंबई स्थित निजी कंपनी, आलोक इंडस्ट्रीज के एक सहयोगी के साथ गिरफ्तार किया गया था।
घूस लेते हुए सीबीआई ने रंगे हाथों किया गिरफ्तार
आरोपों से पता चलता है कि ये लोक सेवक भ्रष्ट और अवैध गतिविधियों में लिप्त थे और एक केस में एक शख्स से रिश्वत ले रहे थे। रिश्वतखोरी एक निजी कंपनी की अवैध और अनैतिक व्यापार प्रथाओं में कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा चल रही जांच से संबंधित फाइलों से संबंधित थी। आरोपी अधिकारियों के खिलाफ 28 जुलाई को दायर एक शिकायत के आधार पर, सीबीआई ने जाल बिछाया और संयुक्त निदेशक को रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया।
तीन बड़े अधिकारी घूसखोरी में थे शामिल
गिरफ्तार आरोपियों में संयुक्त निदेशक मंजीत सिंह और वरिष्ठ तकनीकी सहायक रूही अरोड़ा शामिल हैं, जो दिल्ली में MOCA कार्यालय में महानिदेशक के लिए काम कर रहे थे। इसके अलावा, गिरफ्तार किए गए लोगों में चेन्नई में कार्यरत MOCA के संयुक्त निदेशक पुनीत दुग्गल और मुंबई में एक निजी कंपनी ‘मेसर्स आलोक इंडस्ट्रीज’ के सहयोगी रेशम रायज़ादा भी शामिल हैं।
गिरफ्तारी के बाद, सीबीआई अधिकारियों ने दिल्ली, गुरुग्राम और चेन्नई में विभिन्न स्थानों पर तलाशी शुरू की, जिससे लगभग 59.80 लाख नकद रुपये की बरामदगी हुई। साथ ही कई आपत्तिजनक दस्तावेज़ और डिजिटल साक्ष्य भी मिले हैं।