अल्जीरिया के साथ रक्षा सहयोग के लिए ऐतिहासिक समझौता करके भारत लौटे सीडीएस

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चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान अल्जीरिया के साथ रक्षा सहयोग के लिए ऐतिहासिक समझौता करके मंगलवार को भारत लौटे। सीडीएस जनरल अनिल चौहान पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ अल्जीरिया के चार दिवसीय दौरे पर गए थे। इस दौरान उन्होंने भारतीय सैन्य प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।

भारत-अल्जीरिया संबंधों को और सशक्त करने के व्यापक प्रयास का हिस्सा थी यह यात्रा 

यह यात्रा भारत-अल्जीरिया संबंधों को और सशक्त करने के व्यापक प्रयास का हिस्सा थी, जिसमें हाल के वर्षों में विशेष रूप से व्यापार, शिक्षा, प्रौद्योगिकी एवं रक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ा है।सीडीएस जनरल चौहान 31 अक्टूबर को यात्रा पर गए थे और 03 नवंबर तक की आधिकारिक यात्रा के दौरान अल्जीरियाई सैन्य नेतृत्व से मुलाकात की।

दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग पर किए गए हस्ताक्षर

इस दौरान जनरल अनिल चौहान और उनके समकक्ष अल्जीरियाई पीपुल्स नेशनल आर्मी के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल सईद चानेग्रिहा ने दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता न केवल द्विपक्षीय सैन्य सहयोग में एक कदम आगे माना जा रहा है, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में दीर्घकालिक सहभागिता की नींव भी रखता है।

अल्जीरिया और भारत के भौगोलिक लाभों पर डाला प्रकाश

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने 01 नवंबर को अल्जीरियाई क्रांति की 70वीं वर्षगांठ पर आयोजित सैन्य परेड और विशिष्ट कार्यक्रमों के शृंखला के लिए जनरल सईद चानेग्रिहा की सराहना की। यात्रा के दौरान जनरल चौहान ने हायर वॉर कॉलेज के निदेशक से बातचीत की और पीपुल्स नेशनल आर्मी के वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित किया। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने अपनी वैश्विक आकांक्षाओं में अल्जीरिया और भारत के भौगोलिक लाभों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि किसी राष्ट्र का मुख्य रणनीतिक दृष्टिकोण उसके भूगोल और ऐतिहासिक अनुभव से ही आकार लेता है।

भारत ने अल्जीरिया में अपनी रक्षा शाखा को फिर से किया स्थापित 

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने वैश्विक संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान का आह्वान करते हुए कहा कि भारत हमेशा से वैश्विक संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करता रहा है। भारत ने अल्जीरिया में अपनी रक्षा शाखा को फिर से स्थापित किया है और भारत में अल्जीरिया की रक्षा शाखा को फिर से खोलने का स्वागत किया है। सीडीएस जनरल चौहान ने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति का उल्लेख करते हुए कहा कि आज की जटिल भू-राजनीतिक स्थिति में हम अपनी जिम्मेदारियों को समझते हैं और विश्व के लिए एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में एक ‘विश्व-बंधु’ की तरह जुड़ने की इच्छा रखते हैं।

भारत की बढ़ती रक्षा उत्पादन क्षमता पर भी दिया जोर 

उन्होंने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में हुए समझौते और प्रौद्योगिकी विकास में भारत द्वारा की गई प्रमुख प्रगति का भी जिक्र किया। जनरल चौहान ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बल परिवर्तन के दौर से गुजर रहे हैं और वे अल्जीरिया की पीपुल्स नेशनल आर्मी के साथ अपने अनुभव साझा करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने ‘मेक इन इंडिया’ और ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ कार्यक्रमों के तहत भारत की बढ़ती रक्षा उत्पादन क्षमता पर जोर दिया। सीडीएस की यह उच्चस्तरीय यात्रा भारत के राष्ट्रपति की हाल ही में संपन्न अल्जीरिया यात्रा के बाद हुई है, जो कूटनीतिक, सैन्य एवं रणनीतिक सहयोग को विस्तार देने के लिए दोनों पक्षों की सशक्त राजनीतिक इच्छाशक्ति को रेखांकित करती है।

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