होटल में हनीमून मनाया, एबॉर्शन भी कराया… दूल्हा हुआ फरार, जानिए सिंदूर के चक्कर में कोख गंवाने की कहानी

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सिंदूर के चक्कर में कोख गंवाने की कहानी इसी को कहते हैं। भागलपुर से एक ऐसी सनसनीखेज कहानी सामने आई है। जिसमें प्रेमिका ने अपने प्रेमी यानी पति को सब कुछ सौंप दिया। उसने उसके साथ शादी की। हनीमून मनाया। सब कुछ राजी खुशी हुआ। उसके बाद कुछ ऐसा हुआ, जिसके बारे में जाकर आप भी हैरान हो जाएंगे।

बिहार के भागलपुर में एक युवती को अपने गांव के ही एक युवक से प्यार हो गया, जिसके चलते उसे अपने परिवार को छोड़ना पड़ा। पहले तो युवक ने शादी का वादा किया और फिर महिला को गर्भवती भी कर दिया। इसके बाद उसने उसे गर्भपात कराने के लिए राजी कर लिया। जब महिला ने शादी के लिए दबाव डाला, तो युवक के परिवार ने अनिच्छा से सहमति दे दी। नवविवाहिता की शादी को चार दिन भी नहीं हुए। अब वो भागलपुर के अधिकारियों के पास न्याय की गुहार लगाने पहुंची है। घटना बांका जिले के बाराहाट थाना क्षेत्र की है। मामला तब बढ़ गया जब नवविवाहिता मदद की गुहार लगाने भागलपुर रेंज के डीआईजी विवेकानंद के कार्यालय पहुंची।

कोर्ट में शादी, दूल्हा फरार

बांका जिले के बाराहाट थाना क्षेत्र के जगतपुर निवासी नवविवाहिता निशा भारती ने डीआईजी को लिखित शिकायत देकर अपने प्रेमी मनीष पासवान पर शादी करने और फिर अपने परिवार के साथ फरार होने का आरोप लगाया है। निशा भारती यादव समुदाय से आती हैं, जबकि उनके पति मनीष पासवान पासवान जाति से हैं। वे इसी गांव के संजय पासवान के बेटे हैं। निशा ने बताया कि पिछले सात सालों से वह मनीष से प्यार करती हैं। इस दौरान दोनों के बीच प्रेम संबंध रहे और वह गर्भवती हो गईं। निशा ने बताया कि उसने मुझे विश्वास में लिया और कहा कि हम दोनों शादी करेंगे। इसलिए शादी से पहले बच्चा नहीं होना चाहिए।

प्रेमिका पर अत्याचार

प्रेमिका उस पर भरोसा करके उसने गर्भपात की दवा ले ली। जब उसने अपने परिवार के खिलाफ जाकर मनीष पर शादी के लिए दबाव डाला तो उसके परिवार ने आखिरकार उसे स्वीकार कर लिया। 17 मई को मनीष ने अपने माता-पिता के सामने उसकी मांग में सिंदूर भरकर शादी कर ली। शादी के बाद मनीष के परिवार ने दोनों को हनीमून के लिए भागलपुर के कहलगांव के एक होटल में भेज दिया। वे चार दिनों तक वहां पति-पत्नी की तरह रहे। 21 मई को मनीष के पिता ने उन्हें वापस बांका में कोर्ट मैरिज के लिए बुलाया। इसके बाद मनीष के पिता ने निशा को उसके पिता दयानंद यादव और उसके परिवार को सौंप दिया। निशा अपने पिता के साथ वापस नहीं लौटना चाहती थी, जिसके कारण उसे बुरी तरह पीटा गया क्योंकि वह उसकी शादी से नाखुश था। मनीष के पिता ने फिर उसे अपने साथ ले लिया और उससे सारे संपर्क तोड़ दिए।

परिजनों का आपसी मतभेद

मनीष से संपर्क करने की कोशिशों को उसके पिता ने नाकाम कर दिया, जिन्होंने बदले में दहेज की मांग की। मनीष के पिता ने कहा कि तुम मेरे घर तभी आ सकते हो जब तुम दहेज के तौर पर 10 लाख रुपए दोगे। तब से मनीष या तो छिपा हुआ है या उसे भगा दिया गया है। मनीष से शादी करने के लिए जातिगत बंधनों को तोड़ने वाली निशा अब न्याय की तलाश में है। वह अपने पति की तलाश में बांका से भागलपुर तक की गलियों में भटक रही है और अधिकारियों से मदद की गुहार लगा रही है। निशा को न्याय मिलने में कितना समय लगेगा, यह तो अभी देखना बाकी है। फिलहाल वह अपने पति की तलाश में लगी हुई है और अधिकारियों से उसके साथ फिर से जुड़ने की अपील कर रही है।

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