कोसी-मेची लिंक परियोजना सहित बिहार में बाढ़ से सुरक्षा एवं सिंचाई की महत्वपूर्ण योजनाओं को शीघ्र स्वीकृति दे केंद्र : विजय कुमार चौधरी

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जल संसाधन मंत्री ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण (एनडब्ल्यूडीए) की 38वीं वार्षिक सामान्य बैठक और नदियों के अंतरयोजन पर बनी विशेष समिति की 22वीं बैठक को संबोधित किया।जल संसाधन मंत्री ने नई दिल्ली में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से भी मुलाकात की।

बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने गुरुवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण (एनडब्ल्यूडीए) की 38वीं वार्षिक सामान्य बैठक और नदियों के अंतरयोजन पर बनी विशेष समिति की 22वीं बैठक को संबोधित किया। साथ ही उन्होंने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने बिहार की नदी जोड़ परियोजना को प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृति प्रदान करने की मांग की। उन्होंने कोसी-मेची लिंक परियोजना की डीपीआर के काम को, जो एनडब्ल्यूडीए में लंबित है, अतिशीघ्र पूरा करने पर जोर दिया। इन बैठकों में जल संसाधन विभाग, बिहार के प्रधान सचिव श्री संतोष कुमार मल्ल भी शामिल हुए।

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जल संसाधन मंत्री ने कहा कि कोसी-मेची लिंक परियोजना बाढ़ प्रबंधन के साथ-साथ सिंचाई के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। इसके प्रथम चरण के कार्यकारी डीपीआर की स्वीकृति के लिए सभी आवश्यक आंकड़े एवं तथ्य के साथ बिहार सरकार द्वारा समर्पित किया जा चुका है। इसके शुरू होने के पश्चात दूसरे चरण की डीपीआर की स्वीकृति की कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि कम से कम प्रथम चरण के तहत जहाँ भूमि अधिग्रहण की जरूरत नहीं है, और पुरानी प्रणाली को संवर्धित करने की योजना है, उसकी स्वीकृति देकर प्राथमिकता से कार्य शुरू किया जाय। साथ ही कोसी-मेची लिंक परियोजना का वित्त पोषण केन-बेतवा लिंक परियोजना की तर्ज पर किया जाये और इसे 90:10 के अनुपात में केंद्र सरकार शीघ्र स्वीकृति दे।

श्री विजय कुमार चौधरी ने राष्ट्रीय गाद प्रबंधन नीति को भी अंतिम रूप देकर तत्काल प्रभावी करने की मांग की। उन्होंने कहा कि बिहार की नदियों में लगातार बेहिसाब गाद जमा होने के कारण नदियों की धार प्रभावित हो रही है तथा उनकी जल संधारण क्षमता में भी ह्रास हो रहा है। गाद प्रबंधन के लिए प्रस्तावित नीति में बिहार सरकार के सुझावों को सम्मिलित किया जाये। साथ ही भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) द्वारा भी कहीं ड्रेजिंग कार्य के लिए संबंधित राज्यों से परामर्श जरूर किया जाये।

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