बिहार को केंद्र सरकार ने दी बड़ी सौगात, दो एक्सप्रेसवे बनने का रास्ता साफ

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पटना: लंबे समय से बिहार के दो एक्सप्रेसवे का मामला लटका हुआ था, लेकिन केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार एनडीए की सरकार बनते ही बिहार में बनने वाले दो एक्सप्रेसवे का रास्ता साफ हो गया है. केंद्र सरकार ने दोनों एक्सप्रेसवे को लेकर डीपीआर मांगा है।

बिहार को बड़ी सौगात: उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने दोनों एक्सप्रेसवे को लेकर जानकारी दी है और कहा है कि हाई स्पीड कॉरिडोर के निर्माण से बिहार के कई जिलों में विकास की गति पकड़ेगी और देश को विकसित बनाने में बिहार मददगार होगा. उपमुख्यमंत्री सह सड़क निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने जानकारी दी है कि केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राजमार्ग मंत्रालय ने गोरखपुर-किशनगंज-सिलीगुड़ी और रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे की डीपीआर अविलंब तैयार करने के लिए कहा है।

दो एक्सप्रेसवे बनाने का रास्ता साफ: केंद्रीय मंत्रालय ने लक्ष्य तय किया है कि दोनों एक्सप्रेसवे के 100-100 किलोमीटर खंड का काम इसी वित्तीय वर्ष में शुरू कर दिया जाएगा. भारतमाला परियोजना के तहत दोनों एक्सप्रेसवे का डीपीआर तैयार किया जा रहा था लेकिन पिछले कई महीनो से यह ठंडे बस्ते में था।

5077 किलोमीटर एक्सप्रेसवे को मंजूरी: अब केंद्र सरकार ने 2047 में विकसित भारत का विजन का लक्ष्य तय किया है तो उसके तहत भारतमाला परियोजना दो के तहत 5077 किलोमीटर एक्सप्रेसवे को मंजूरी दी है इसमें बिहार के दोनों एक्सप्रेसवे को शामिल किया गया है. रक्सौल से शुरू होकर हल्दिया तक जाने वाला एक्सप्रेस वे 719 किलोमीटर लंबा होगा. बिहार के अलावे झारखंड, पश्चिम बंगाल से भी एक्सप्रेसवे जुड़ेगा।

गोरखपुर- किशनगंज- सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे: वहीं गोरखपुर- किशनगंज- सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे की लंबाई 521 किलोमीटर है. उत्तर प्रदेश से शुरू होने वाला यह एक्सप्रेसवे बिहार होते हुए पश्चिम बंगाल तक जाएगा. यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर-पानीपत एक्सप्रेस से भी जुड़ेगा. ऐसे में गोरखपुर होते हुए किशनगंज और सिलीगुड़ी तक इसका सीधा संपर्क हो जाएगा।

रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे को भी मंजूरी: बिहार के उपमुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने जानकारी दी है कि रक्सौल हल्दिया हाई स्पीड कॉरिडोर के लगभग 367 किलोमीटर और गोरखपुर- किशनगंज हाई स्पीड कॉरिडोर के लगभग 416 किलोमीटर सड़क का निर्माण होगा. इसके अतिरिक्त पहले से ही वाराणसी- कोलकाता- एक्सप्रेस वे की 170 किलोमीटर सड़क पर काम चल रहा है।

लगभग 5241 करोड़ रुपए की लागत: विजय कुमार सिंह के अनुसार भारतमाला-2 के तहत NH-319B वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस वे की 170 किमी लंबाई में अबतक कुल 5 पैकेज में लगभग 5241 करोड़ रुपए की लागत से 136 किमी की सड़कों के निर्माण से जुड़ी निविदाएं निष्पादित हो चुकी हैं और इन पैकेजों पर जल्द ही कार्य भी शुरू हो जाएगा. उपमुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिंह ने कहा कि रक्सौल -हल्दिया हाई स्पीड कॉरिडोर बिहार के पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, लखीसराय, जमुई और बांका जिला से गुजरेगा।

“जबकि गोरखपुर -सिलीगुड़ी हाई स्पीड कोई डोर पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज जिलों से होकर गुजरेगा. दोनों कॉरिडोर देश की सामारिक जरूरत के लिए भी व्यापक महत्वपूर्ण है. बिहार में यह जिन इलाकों से गुजरेगा वहां विकास की असीम संभावना है क्योंकि इसमें से कई जिले काफी पिछड़े हुए हैं. दोनों एक्सप्रेसवे से बिहार की तस्वीर बदल जाएगी.”- विजय सिन्हा, उपमुख्यमंत्री, बिहार

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