Voice Of Bihar

खबर वही जो है सही

आज संसद में श्वेतपत्र पेश कर सकती है केंद्र सरकार, UPA शासनकाल की बताएंगे आर्थिक नाकामियां

ByKumar Aditya

फरवरी 8, 2024
GridArt 20240208 132643512 scaled

केन्द्र सरकार आज संसद में श्वेतपत्र लेकर आ रही है। ये श्वेतपत्र यूपीए सरकार की आर्थिक नाकामियों पर होगा। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण संसद में ये श्वेतपत्र पेश करेंगी। इसमें साल 2014 से पहले यूपीए सरकार और उसके बाद एनडीए सरकार की नीतियों की स्टडी पेश की जाएगी। इस पत्र के ज़रिये मोदी सरकार ये दिखाना चाहती है कि यूपीए सरकार ने देश में आर्थिक कुप्रबंधन किया, जिसकी वजह से ना केवल महंगाई और बेरोज़गारी बढ़ी, बल्कि रुपये की हालत भी खस्ता हो गई।

श्वेतपत्र पर संसद में हंगामा होना तय

यूपीए सरकार के दस सालों का लेखा जोखा पेश करने वाले इस दस्तावेज़ को लेकर केंद्र सरकार पर कांग्रेस पहले ही भड़क गई है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि सरकार को यूपीए शासनकाल का लेखा जोखा पेश करने के साथ-साथ मेहुल चौकसी और नीरव मोदी पर भी श्वेतपत्र लाना चाहिए। इस श्वेतपत्र पर आज विपक्ष संसद में हंगामा भी कर सकता है। बता दें कि संसद का बजट सत्र एक दिन के लिए बढ़ा दिया गया है। लोकसभा चुनाव में जाने से पहले सरकार कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार की पोल खोलने के लिए ये दांव चल रही है। मोदी सरकार संसद में श्वेत पत्र रखेगी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ये श्वेतपत्र सदन में रखेंगी।

UPA सरकार के 10 साल का आर्थिक कुप्रबंधन पर श्वेतपत्र

इस श्वेतपत्र में UPA सरकार के 10 साल के आर्थिक हालात का ज़िक्र होगा और निर्मला सीतारमण बताएंगी कि कैसे UPA ने देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया।  निर्मला सीतारमण आज श्वेतपत्र में क्या आंकड़े लेकर आने वाली हैं, किस तरह कांग्रेस की पिछली सरकार पर अटैक करने वाली हैं, उसका ट्रेलर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्यसभा में अपने भाषण के दौरान ही दे दिया है। श्वेतपत्र के ज़रिये मोदी सरकार बताने की कोशिश करेगी कि 2004 से लेकर 2014 तक यूपीए सरकार ने इकॉनॉमी के साथ क्या किया और उसके बाद दस सालों तक क्या हुआ।


Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading