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देश में आटे की कीमत नियंत्रित करेगी केन्द्र सरकार, इन राज्यों में MSP पर अतिरिक्त गेहूं खरीद की तैयारी

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खाद्यान्न के सहारे महंगाई अब मुंह न फाड़े, इसके लिए सरकार पहले से ही सतर्क है। गेहूं के आटे की कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने किफायती दामों वाले भारत आटा की आपूर्ति बढ़ाने के लिए तैयारी कर ली है।

साथ ही अपने बफर स्टॉक को मजबूत करने के लिए सरकार उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार में गेहूं खरीद केंद्र भी बढ़ाने जा रही है। इस संबंध में हाल ही में हुए मंत्रियों की समिति की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। सरकार की ओर से योजना बनाई गई है कि सरकार जो भारत आटा वर्तमान में 27.50 रुपये किलो में बेचती है, उसकी आपूर्ति बड़े चेन रिटेलरों और ई-कामर्स प्लेटफार्म के माध्यम से नाफेड और एनसीसीएफ बढ़ाएंगे।

बफर स्टाक को संतुलित रखना चाहती है मंत्रालय

सरकारी ब्रांड के इस आटे की आपूर्ति के बावजूद आटे के दाम बाजार में उछाल न मारें, इसके लिए सरकार की नजर खुले बाजार पर भी है। तय किया गया है कि खुला बाजार बिक्री योजना (घरेलू) के तहत अभी प्रति सप्ताह जो तीन लाख मीट्रिक टन गेहूं बफर स्टाक से निकाल कर बेचा जाता है, उसकी मात्रा भी बढ़ा दी जाएगी। 20 दिसंबर, 2023 से बिक्री के इस लक्ष्य को प्रति सप्ताह चार लाख मीट्रिक टन करने का है। इस बिक्री को बढ़ाने के साथ ही मंत्रालय अपने बफर स्टाक को संतुलित रखना चाहती है।

प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी एफसीआइ को सौंपी गई

इस संतुलन को देखते ही निर्णय किया गया है कि गेहूं उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद करने के लिए भारतीय खाद्य निगम, नाफेड और एनसीसीएफ द्वारा खरीद केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी। 15 फरवरी, 2024 से खरीद शुरू करने का लक्ष्य है। किसानों के बीच इसके पर्याप्त प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी भी एफसीआइ को सौंपी गई है।


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