केंद्र सरकार का तोहफा, सामुदायिक रेडियो स्टेशन स्थापित करने की सब्सिडी 10 लाख से बढ़ाकर 15.60 लाख रुपये

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केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सामुदायिक रेडियो स्टेशन (सीआरएस) स्थापित करने के लिए दी जाने वाली सब्सिडी 10 लाख से बढ़ाकर 15.60 लाख रुपये कर दी है। सीआरएस की अगुवाई अगर महिलाओं द्वारा की जाती है अथवा कोई सीआरएस अपने संचालन कार्य में हरित ऊर्जा का उपयोग करता है तो सब्सिडी राशि 18 लाख रुपये तक कर दी गयी है। जो सीआरएस हरित ऊर्जा का उपयोग करते हैं और साथ ही उनका संचालन महिलाओं द्वारा किया जाता है, उनके लिए सबसे ज्यादा सब्सिडी 21 लाख रुपये निर्धारित की गयी है।

छात्रों को प्रशिक्षित करने के लिए तीन महीने का इंटर्नशिप कार्यक्रम
इसके अलावा मंत्रालय सामुदायिक रेडियो स्टेशनों पर छात्रों को प्रशिक्षित करने के लिए तीन महीने का इंटर्नशिप कार्यक्रम शुरू करने की प्रक्रिया में भी है। जयपुर में गुरुवार से शुरू हुए देश के पश्चिमी राज्यों के लिए दो दिवसीय सामुदायिक रेडियो सम्मेलन के दौरान सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में सीआरएस के एडिशनल डायरेक्टर जीएस केसरवानी ने यह जानकारी साझा की। देश में सामुदायिक रेडियो के 20 साल पूर्ण होने के उपलक्ष्य में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने भारतीय जनसंचार संस्थान नई दिल्ली के सहयोग से इस सम्मेलन का आयोजन किया है।

क्या है सामुदायिक रेडियो स्टेशन

सामुदायिक रेडियो छोटे (कम शक्ति वाले) एफएम रेडियो स्टेशन होते हैं जिनका कवरेज क्षेत्र लगभग 10-15 किलोमीटर का दायरा होता है। यह क्षेत्र के भूगोल के आधार पर निर्भर होता है। सीआरएस कृषि संबंधी जानकारी, किसानों के कल्याण के लिए सरकारी योजनाओं, मौसम पूर्वानुमान आदि से संबंधित मुद्दों पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यही नहीं, सामुदायिक रेडियो समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों के लिए अपनी चिंताओं को अभिव्यक्त करने का एक शक्तिशाली माध्यम भी है। इसके अलावा ऐसे स्टेशनों को संरक्षण देने वालों में अक्सर समाज के गरीब और हाशिए पर रहने वाले लोग होते हैं, जिनकी मुख्यधारा की मीडिया तक पहुंच नहीं होती है।

क्षेत्रीय सामुदायिक रेडियो सम्मेलन

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2012-13 में सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के लिए क्षेत्रीय सम्मेलन की शुरुआत की थी। यह निर्णय राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो सम्मेलन में सामुदायिक रेडियो स्टेशनों द्वारा व्यक्त इच्छा कि विकास एवं सामाजिक परिवर्तन से संबंधित मुद्दों पर नागरिक समाज की अधिक भागीदारी सुनिश्चित हो सके, के चलते लिया गया था। क्षेत्रीय सम्मेलनों का उद्देश्य सीआरएस को जमीनी स्तर की खबरें, वृतांत, सफलताओं, मुद्दों और अच्छी प्रथाओं को साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करना है। क्षेत्रीय सम्मेलन ऑपरेशनल सीआरएस को अपनी चिंताओं को पेश करने और सर्वोत्तम प्रथाओं के बारे में विस्तार से बताने का अवसर भी देता है। क्षेत्रीय सम्मेलनों के दौरान जिन मुद्दों और विचारों पर चर्चा की गई है, उसने सीआरएस क्षेत्र को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्राथमिकता भी तय की हैं।

सम्मेलन के उद्देश्य

–समुदायों के साथ काम करने के अपने अनुभवों का आदान-प्रदान करने के लिए क्षेत्रीय सीआर ऑपरेटरों को एक मंच पर लाना, सामुदायिक रेडियो के सामने आने वाली चुनौतियां और ऐसे नवाचार जिसने उनकी पहल को बनाए रखने में मदद की।

–सीआर स्वयंसेवकों को सामुदायिक रेडियो के साथ काम करने के अपने अनुभवों को साझा करने और उन्हें स्वामित्व की भावना प्रदान करने के लिए एक साझा मंच प्रदान करना।

–अभ्यासकर्ताओं के बीच बेहतर संपर्क और आपसी जुड़ाव को सुविधाजनक बनाकर अच्छी प्रथाओं को प्रोत्साहित करना।

–समकक्ष लोगों का नेटवर्क स्थापित करने के लिए सीआर ऑपरेटरों को सुविधा प्रदान करना।

–जमीनी स्तर की आवश्यकताओं के बारे में सीआर ऑपरेटरों पर प्रभाव डालना तथा लैंगिक संवेदनशीलता और समानता लाने के लिए सीआरएस के संचालन और प्रोग्रामिंग में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करना।

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