पड़ोसी देश नेपाल से पानी छोड़े जाने के बाद बिहार में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं। संभावित बाढ़ को लेकर जहां एक तरफ राज्य सरकार तैयारियों में जुट गई है तो वहीं बिहार में बाढ़ को लेकर केंद्र सरकार भी एक्शन में आ गई है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय की अध्यक्षता में पटना में एनडीआरएफ की अहम बैठक बुलाई गई। इस मौके पर नित्यानंद राय ने बताया कि बिहार में संभावित बाढ़ को लेकर केंद्र और राज्य सरकार हर आपात स्थिति से निपटने के ले पूरी तरह से तैयार है।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि बिहार में जरूरत पड़ेगी तो लोगों को एअरलिफ्टिंग कराया जाएगा और जरूरत पड़ी तो एयरफोर्स को लगाकर फ़ूड पैकेजिंग भी गिराया जाएगा। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार बहुत ही तत्परता के साथ बिहार की स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं और लगातार पूरे मामले को देख रहे हैं। सीएम नीतीश कुमार ने पूरी तरीके से सभी संस्थाओं को लगा दिया है।
उन्होंने बताया कि अभी बिहार के बाढ़ में एनडीआरएफ की 11 टीमें लगी हुई हैं जबकि 8 टीमों को रिज़र्व रखा गया है। अगर जरूरत पड़ेगी तो पश्चिम बंगाल से भी टीम बुलाई जाएगी। बिहार सरकार से लगातार केंद्रीय गृह मंत्रालय संपर्क बनाया हुआ है। प्रधानमंत्री का निर्देश है कि बिहार सरकार से लगातार संपर्क स्थापित कर हालात पर जनर रखी जाए। उन्होंने बिहार को हर संभव सहायता देने का निर्देश दिया है।
नित्यानंद राय ने कहा कि बिहार सरकार के नेतृत्व में एनडीआरएफ पूरी तरीके से तैयार है। नेपाल में ब्रिज बनाने को लेकर द्वार तैयार कर लिया गया है और बातचीत चल रही है। कमला ब्रिज परियोजना पर भी सहमति बन गई है। केंद्र ने बाढ़ के लिए बिहार को 11000 करोड रुपए दिए हैं। जरूरत पड़ेगी तो हवाई मार्ग से भी लोगों को सहायता पहुंचाई जाएगी और एयर फोर्स को भी लगाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बाढ़ खत्म हो जाने के बाद केंद्रीय टीम भी आएगी जायेजा लेने के लिए। भुवनेश्वर और कोलकाता एनडीआरएफ को अलर्ट पर रखा गया है। जरूरत पड़ेगी तो लोगों को एयरलिफ्ट भी किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने तेजस्वी यादव पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि बिहार में जब भी कोई आपदा आती है तो तेजस्वी यादव गायब हो जाते हैं। कोरोना के दौरान भी विदेश चले गए थे। बिहार के बाढ़ की चिंता ना लालू प्रसाद को रहती थी ना तो तेजस्वी यादव को है। लालू के राज में बाढ़ में घोटाला हुआ। उनके राज्य में सीतामढ़ी में बाढ़ के दौरान बिना दूध के बच्चे मर गए थे।