भागलपुर। डीएम ने शुक्रवार को नीलाम पत्रवाद को लेकर समीक्षा भवन में बैठक की। बैठक में बताया गया कि नीलाम पत्र वाद के कुल 19,000 मामले में से 16,676 मामले बैंक से संबंधित है। जो लगभग 300 करोड रुपये के हैं।
डीएम ने कहा, नीलाम पत्र वाद एक प्रकार का न्यायालय वाद होता है। अगर वाद में मेरिट नहीं है तो वह खारिज हो जाता है। यह दो तरह से होता है। एक सीधे खारिज किया जाता है। दूसरा लागत के साथ खारिज किया जाता है और जिसमें लागत की राशि की वसूली उस पदाधिकारी से की जाती है। जो इसे दायर करते हैं। इसलिए बैंक यदि सहयोग नहीं करेंगे तो वैसे मामलों को खारिज किया जाएगा।