सर्वाइकल कैंसर के खात्मे को लेकर भारत में जंग शुरू हो चुकी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 24 में 9 साल से 14 साल की लड़कियों को मुफ्त सर्वाइकल कैंसर टीका लगााए जाने की घोषणा की है। पूरे देश में सर्वाइकल कैंसर को लेकर बड़े पैमाने पर टीकाकरण का अभियान शुरू किया जा रहा है। भारत में हर साल लाखों महिलाएं सर्वाइकल कैंसर की शिकार हो रही हैं। भारत में सर्वाइकल कैंसर महिलाओं को होने वाला दूसरा सबसे बड़ा कैंसर है और मौत का कारण भी है। । इसके पीछे की बड़ी वजह लोगों में इस बीमारी को लेकर जागरुकता का अभाव है। आइये जानते हैं सर्वाइकल कैंसर क्या है और ये क्यों होता है? सर्वाइकल कैंसर के लक्षण क्या हैं और इससे कैसे बचाव किया जा सकता है?
सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन
सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ भारत में पहली स्वदेसी वैक्सीन तैयार की गई है जिसे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने बनाया है। सर्वाइकल कैंसर के वैक्सीन का नाम Cervavac है। ये वैक्सीन HPV के चारों वैरिएंट्स 16, 18, 6 और 11 से लड़ने की क्षमता प्रदान करेगा। वैक्सीन के ट्रायल के दौरान ये सभी उम्र की महिलाओं को असरदार साबित हुई थी।
सर्वाइकल कैंसर क्या है?
आसान शब्दों में समझें तो सर्वाइकल कैंसर आम कैंसर की तरह ही होता है जिसमें कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगी हैं। ये कोशिकाएं जब सर्विक्स एरिया में बढ़ती हैं तो सर्वाइकल कैंसर की शुरूआत होती है। सर्विक्स को गर्भाशय का ऊपरी हिस्सा यानि गर्भाशय ग्रीवा भी कहते हैं। ये शरीर का वो हिस्सा होता है जो वेजाइना को गर्भाशय से जोड़ता है।
सर्वाइकल कैंसर कैसे होता है?
सर्वाइकल कैंसर सर्विक्स में HPV (Human Papillomavirus) वायरस के कारण पैदा होता है। ये वायरस यौन संपर्क के वक्त शरीर में प्रवेश करता है और कैंसर का कारण बन सकता है। जरूरी नहीं है कि सभी के शरीर में ये वायरस कैंसर को पैदा करे। क्योंकि लाइफ में कभी न कभी सभी लोग इस वायरस के संपर्क में जरूर आते हैं, लेकिन कुछ लोगों का शरीर वायरस से लड़कर इसे खत्म कर देता है। कमजोर लोगों के शरीर में ये वायरस सर्विक्स एरिया की कोशिकाओं को कैंसरस बना देता है यही सर्वाइकल कैंसर बनता है।
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण
शुरुआत में सर्वाइकल कैंसर के लक्षण नज़र नहीं आते हैं। कैंसर के फैलने पर अचानक ब्लीडिंग, बिना पीरियड्स के ब्लीडिंग होने लगती है। कैंसर के बढ़ने पर यूरीनेशन में दर्द, रिलेशन बनाने के बाद ब्लीडिंग, कमर के नीचे दर्द होना, थकान और कमजोरी महसूस होना, मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग और ज्यादा डिस्चार्ज की समस्या होने लगती है।
सर्वाइकल कैंसर का टेस्ट
रेगुलर स्क्रीनिंग के जरिए सर्वाइकल कैंसर का पता लगाया जा सकता है। ये कैंसर बहुत धीमी गति से बढ़ता है। खतरनाक स्थिति में पहुंचने से पहले ही इसका पता लगाया जा सकता है। सर्वाइकल कैंसर का पता लगाने के लिए PapSmear टेस्ट कराया जाता है। इसे आप किसी भी हॉस्पिटल में करवा सकते हैं। 30 साल के बाद महिलाओं को नियमित रूप से इस टेस्ट को करवाना चाहिए।