भागलपुर के विभिन्न घाटों पर चार दिवसीय चैती छठ महापर्व 12 अप्रैल से नहाए खाय के साथ शुरू होगा 13 को खरना 14 को अस्ताचलगामी अर्घ्य व 15 अप्रैल को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और पारण के साथ छठ महापर्व संपन्न हो,जाएगा पंडित प्रहलाद झा ने बताया कि छठ महापर्व में नहाय – खाय व खरना का व्रत का विशेष महत्व है शुक्रवार को नहाए खाए का अनुष्ठान है।
पंडित सोनू झा ने बताया कि सनातन धर्म में चैती छठ का विशेष महत्व साल में दो बार छठ का पर्व मनाया जाता है पहला चैत्र मास में और दूसरे कार्तिक मास में हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की षष्टि तिथि को छठ पर्व मनाने की भीम का कार्तिक मास की छत का अधिक महत्व है भागलपुर के विभिन्न घाटों पर चैती छठ के उपलक्ष पर भारी भीड़ की संभावना को देखते हुए राहत एवं बचाव कार्य हेतु विभिन्न छठ घाटों पर गोताखोर एवं आपदा मित्र की प्रतिनियुक्ति की गई है।