चंपारण मटन का बिहार सदन में हुआ स्क्रीनिंग, बीजिंग फिल्म फेस्टिवल के लिए हुआ शॉर्टलिस्ट

champaran muttonchamparan mutton

बिहार फाउंडेशन ने शुक्रवार को दिल्ली में फिल्म ‘चंपारण मटन’ की स्क्रीनिंग नई दिल्ली फिल्म फाउंडेशन (एनडीएफएफ)और बिहार से… बाय द पनाश (panache) के सहयोग से की। ऑस्कर के सेमीफाइनल में पहुंची और बीजिंग फिल्म फेस्टिवल (17-24 नवंबर) में दिखाई जाने वाली बिहार के लाल रंजन कुमार द्वारा बनाई गई यह शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री फिल्म शुक्रवार को रेस्तरां ‘बिहार से… बाय द पनाश’ के नवीनीकरण के साथ द्वारका स्थित बिहार सदन में दिखाई गई।

इसके अलावा इस फिल्म को लेकर ‘बिहार ब्रांड के निर्माण में सिनेमा की भूमिका’ विषय पर एक पैनल डिस्कशन भी आयोजित किया गया। ताकि इस फिल्म के माध्यम से बिहार की संस्कृति को और बढ़ावा दिया जा सके और  राज्य को एक ब्रांड के रूप में स्थापित किया जा सके।

इस कार्यक्रम में प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों, विशिष्ट अतिथियों और फिल्म के निर्माता फलक खान (मुख्य अभिनेत्री) और निर्देशक रंजन कुमार ने भाग लिया। स्क्रीनिंग के दौरान, दिल्ली में बिहार के रेजिडेंट एवं इनवेस्टमेंट कमिश्नर और बिहार फाउंडेशन सीईओ कुंदन कुमार ने उपस्थित लोगों को बताया कि यह कार्यक्रम बिहार को ब्रांड के रूप में स्थापित करने के लिए है ताकि प्रवासी भारतीयों को बिहार की ब्रांडिंग के लिए प्रेरित किया जा सके और लोगों को हमारे राज्य की संभावनाओं के बारे में बताया जा सके।

उन्होंने कहा कि वह हमारे उद्योगों और हमारे प्रिय राज्य दोनों के लिए आर्थिक विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के आयोजनों के माध्यम से विभिन्न उद्योगों और व्यवसायों के साथ सहयोग करने के लिए उत्सुक हैं।

दुनियाभर में छाई शॉर्ट फिल्म चंपारण मटन, बीजिंग फिल्म फेस्टिवल में होगी  स्क्रीनिंग! - champaran mutton movie special screening chandan roy falak  khan students oscars Beijing film ...दुनियाभर में छाई शॉर्ट फिल्म चंपारण मटन, बीजिंग फिल्म फेस्टिवल में होगी  स्क्रीनिंग! - champaran mutton movie special screening chandan roy falak  khan students oscars Beijing film ...

कार्यक्रम के महत्व के बारे में बोलते हुए बिहार के रेजिडेंट कमिश्नर कुंदन कुमार ने कहा, “यह शाम सिर्फ सिनेमा के बारे में नहीं है, यह बिहार की सांस्कृतिक जीवंतता और कला की दुनिया में इसके योगदान का उत्सव है। बिहार राज्य का एक समृद्ध इतिहास है और उसने भारतीय सिनेमा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

बिहार फाउंडेशन और एनडीएफएफ को इस रचनात्मक भावना को बढ़ावा देने  के लिए एक साथ आते देखना खुशी की बात है।” वहीं 24 मिनट की इस फिल्म ने दुनियाभर की ढाई हजार फिल्मों में से चुन के आखिरी 16 फिल्मों में जगह बनाई थी। अब अगले महीने ये बीजिंग में होने वाले इंटरनेशनल स्टूडेंट फिल्म फेस्टिवल में भी शॉर्टलिस्ट हो गई है।

बिहार के सूचना आयुक्त और राज्य के पूर्व मुख्य सचिव त्रिपुरारि शरण ने बिहार फाउंडेशन के उल्लेखनीय प्रयासों की सराहना की और उनके भविष्य के प्रयासों के लिए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त कीं।  शरण ने इस अवसर पर राज्य की बेहतरी के लिए अपनी अथक प्रतिबद्धता के लिए बिहार कैडर के समर्पित अधिकारियों की सराहना भी की। “चंपारण मटन” के मुख्य अभिनेता चंदन रॉय व्यस्त कार्यक्रम के कारण कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके, लेकिन उन्होंने अपनी शुभकामनाएं साझा कीं और कहा, “मैं वास्तव में फिल्म का हिस्सा बनकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं।

‘चंपारण मटन’ की कहानी मेरे दिल करीब है और मुझे इतने प्रतिष्ठित मंच पर इसे देख कर खुशी हो रही है। इस कार्यक्रम ने सिनेमा की दुनिया में बिहार के बढ़ते प्रभाव को प्रदर्शित किया है।” फिल्म के सह-कलाकार फलक खान ने कहा, “बिहार विविध प्रतिभाओं की भूमि है, और इस तरह के आयोजन इस क्षेत्र से उभरने वाली अनूठी कहानियों को उजागर करते हैं। मुझे उम्मीद है कि उनकी फिल्म ‘चंपारण मटन’ लोगों को प्रेरित करती रहेगी। ”

बता दें कि इस फिल्म को पूणे स्थित फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआई) में डायरेक्शन की पढ़ाई कर रहे बिहार के एक छात्र रंजन ने बनाया है। फाइनल ईयर प्रोजेक्ट के तहत रंजन को एक फिल्म बनानी थी। रंजन ने चंपारण मटन को लेकर ही एक कहानी गढ़ी। वैसे तो रंजन ने इस फिल्म को अच्छे अंक हासिल करने के मकसद से बनाया था लेकिन एफटीआई द्वारा इस फिल्म को विभिन्न फिल्म फेस्टिवल में दिखाया गया तो कहानी को काफी पंसद किया गया जिसके बाद इसे ऑस्कर के लिए भेजा गया और यह सेमीफाइनल राउंड के लिए चयनित की गई।

यहीं नहीं बीजिंग में होने वाले 22वें अंतरराष्ट्रीय छात्र और वीडियो फेस्टिवल के लिए 95 देशों से चयनित 2360 फिल्मों में इसका भी चयन हुआ  और अब दल में शामिल 40 जजों ने समीक्षा कर 77 उत्कृष्ट कार्यों को शॉर्टलिस्ट किया है, जिसमें  ‘चंपारण मटन’ फिल्म भी शामिल है। इस फिल्म को 17-24 नवंबर में बीजिंग में होने वाले फेस्टिवल में दिखाया जाएगा।

फिल्म की बात करें तो यह लॉकडाउन के बैकड्रॉप पर बनी है। जहां ज्यादात्तर लोगों की नौकरियां चली गई थीं। फिल्म एक आम परिवार के रिश्तों और उनके संघर्ष की कहानी है।  फिल्म को बुनियादी सिद्धांतों पर बेहतर तरीके से बुनने की कोशिश की है। फिल्म में बज्जिका भाषा का प्रयोग किया गया है। 9 दिन में इसको शूट किया गया। इसे बनाने पर 2 लाख 76 हजार रुपए का पूरा खर्च आया। फिल्म स्क्रीनिंग के बाद, ‘बिहार ब्रांड के निर्माण में सिनेमा की भूमिका’ पर एक पैनल चर्चा हुई, जहां फिल्म उद्योग की प्रसिद्ध हस्तियों ने अपने अनुभव साझा किए।

कार्यक्रम के एक अन्य  प्रमुख आकर्षण में, ‘बिहार से… बाय द पनाश’ रेस्तरा  का एक नए रूप में अनावरण किया गया, जो बढ़िया भोजन और समारोहों के लिए एक अद्वितीय माहौल प्रदान करता है। रेस्तरां एक उत्कृष्ट मेनू प्रदान करता है जिसमें कई प्रकार के बिहारी व्यंजन शामिल हैं, जो अपने सभी ग्राहकों के लिए स्वादिष्ट आनंद का वादा करता है। शाम का समापन ‘बिहार से… बाय द पनाश’ रेस्तरां द्वारा आयोजित एक शानदार रात्रिभोज के साथ हुआ, जिसमें सभी उपस्थित लोगों को नेटवर्क बनाने और बिहार के व्यंजनों के स्वाद का आनंद लेने का अवसर मिला।

Rajkumar Raju: 5 years of news editing experience in VOB.
Recent Posts
whatsapp