महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत तेज हो गई है। इस बीच बीजेपी विधायक ने अपने ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। बीड जिले के गेवराई से विधायक लक्ष्मण पवार ने महायुति सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिना पैसे दिए पंचायत का एक काम नहीं हो पा रहा है। विधायक की मानें तो राज्य में तीन पार्टियों की सरकार होने के बाद भी समस्या जस की तस है।
विधायक लक्ष्मण पवार की नाराजगी इतनी है कि उन्होंने इस बार का विधानसभा चुनाव न लड़ने का निर्णय लिया। इसके बाद से उनके समर्थकों में गुस्सा है। विधायक ने अपने संपर्क कार्यालय से भाजपा का भी बोर्ड हटा दिया। इसके बाद उनके घर के सामने भाजपा कार्यकर्ता जमा हो गए। उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि तीन पार्टियों की सरकार आने के बाद परेशानियां कम होनी चाहिए थीं, लेकिन समस्या जस की तस है। बिना पैसे के कोई काम नहीं होता है।
MLA ने चुनाव नहीं लड़ने का किया ऐलान
उन्होंने आगे कहा कि अगर पंचायत समिति में बिना पैसे के कुआं और घर के नक्शे मंजूर नहीं हो पा रहे हैं तो उनके पद पर रहने का कोई मतलब ही नहीं है। अगर उनसे इन समस्याओं को हल नहीं कर पा रहा है तो वे विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे। न सिर्फ वह बल्कि उनके घर का कोई भी सदस्य चुनाव नहीं लड़ेगा।
दफ्तर से हटाया पार्टी का बोर्ड
बीड के गेवराई विधानसभा क्षेत्र के मौजूदा विधायक लक्ष्मण पवार के कार्यालय पर लगा बीजेपी का बोर्ड हटा दिया गया है। लक्ष्मण पवार ने घोषणा की कि वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। इसके बाद उनके समर्थकों में नाराजगी देखी गई। लक्ष्मण पवार के समर्थकों का उनके आवास पर हुजूम उमड़ पड़ा। कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि इस बार पवार को अलग फैसला लेना चाहिए। भाषण के बाद विधायक पवार के दफ्तर पर लगा बीजेपी का बोर्ड हटा दिया गया है। चर्चा है कि आने कुछ दिनों में पवार कोई बड़ा निर्णय ले सकते हैं।