भारतीय अंतरिक्ष एवं अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा भेजे गए चंद्रयान 3 ने दुनिया को पहली बार चांद पर आए भूकंप की जानकारी दी है। इसरो के अनुसार चंद्रमा पर यह भूकंप विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर की मौजूदगी में आया। इसरो ने चांद पर हुई इस भूकंपीय गतिविधि को पहली बार रिकॉर्ड करने में सफलता पाई है। इसके साथ ही दुनिया को यह पता चल गया है कि धरती की तरह चांद पर भी भूकंप आता है। भूकंप आने के बाद भी लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर चांद पर पूरी तरह सुरक्षित हैं। इसरो ने बताया कि चंद्रमा पर चंद्र भूकंपीय गतिविधि (आइएलएसए) पेलोड ने एक घटना दर्ज की, जो प्राकृतिक महसूस होती है।
इसरो ने बताया कि चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर ने चांद की सतह पर प्राकृतिक भूकंपीय घटना का पता लगाया है। इसरो के अनुसार चंद्रयान 3 लैंडर पर भूकंपीय गतिविधि का पता लगाने वाले उपकरण मौजूद थे। वह उपकरण मिशन के प्रज्ञान रोवर और अन्य पेलोड की गतिविधियों के कारण होने वाले कंपन्न की गतिविधियों को भी दर्ज करने में सफल रहे। इसरो ने एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से बताया है कि चंद्रमा पर पहले माइक्रो इलेक्ट्रो मैकेनिकल सिस्टम (एमईएमएस) प्रौद्योगिकी आधारित उपकरण ने रोवर की गतिविधियों को भी रिकॉर्ड किया है। हालांकि यह प्राकृतिक घटना 26 अगस्त 2023 की बताई जा रही है। इस घटना के समस्त स्रोतों की इसरो जांच करने में जुटा है। इस ILSA पेलोड को LEOS बैंगलोर द्वारा डिज़ाइन और कार्यान्वित किया गया है और इसे तैनाती तंत्र यूआरएससी, बेंगलुरु द्वारा विकसित किया गया है।
चांद पर आक्सीजन और सल्फर की मौजूदगी की भी हुई खोज
अभी एक दिन पहले ही प्रज्ञान रोवर और लैंडर विक्रम ने चांद की सतह पर आक्सीजन, सल्फर, क्रोमियम, टाइटेनियम, आयरन जैसे तत्वों की भी खोज की है। वहीं हाईड्रोजन की तलाश अभी भी जारी है। प्रज्ञान रोवर चांद की सतह पर लगातार भ्रमण कर रहा है और अद्भुत तस्वीरें व जानकारियां विक्रम लैंडर के माध्यम से इसरो के पास भेज रहा है।