भारत आज अंतरिक्ष की दुनिया में एक और लंबी और बड़ी छलांग लगाने को तैयार है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) आज दोपहर 2.35 बजे चंद्रयान 3 को लॉन्च करने वाला है। चंद्रयान सीरीज की यह तीसरी लॉन्च है। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर में 25 घंटे पहले ही लॉन्चिंग के लिए उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। चंद्रयान स्पेसक्राफ्ट को पृथ्वी के ऑरबिट तक इसरों का फैट ब्वॉय कहा जाने वाले जीएसएलवी मार्क 3 रॉकेट लेकर जाएगा। पृथ्वी के ऑरबिट का चक्कर लगाते हुए यह स्पेसक्राफ्ट चांद के ऑरबिट में पहुंचेगा।
चांद पर पहुंचने में लगेगा कितना समय
चांद के चक्कर लगा रहे स्पेसक्राफ्ट को आज से ठीक 41 दिन बाद चंद्रमा की सतह पर लैंड कराया जाएगा। अनुमान है कि 23-25 अगस्त के बीच लैंडिग हो जाएगी। अगर सब कुछ प्लान के मुताबिक चला तो विक्रम लैंडर 23 अगस्त को शाम 5 बजकर 47 मिनट पर चांद की सतह पर लैंड करेगा। फिलहाल अलग-अलग चरणों में ईंधन भरने का काम चल रहा है। सॉलिड और लिक्विड ईंधन भरने के बाद अब क्रायोजेनिक स्टेज में ईंधन भरने का काम शुरू हो गया है।
चंद्रयान की खासियत
सतीश धवन स्पेस सेंटर से चंद्रयान 3 स्पेसक्राफ्ट लॉन्च व्हीकल मार्क 3 (LVM 3) के जरिए पृथ्वी के ऑर्बिट तक का सफर तय करेगा। एलवीएम 3 की लंबाई 43.5 मीटर और वजन 640 टन है। यह रॉकेट अपने साथ 8 टन तक का भार लेकर उड़ सकता है। चंद्रयान 3 स्पेसक्राफ्ट में लैंडर मॉड्यूल का वजन 1.7 टन, प्रोपल्शन का वजन 2.2 टन और लैंडर के अंदर मौजूद रोवर का वजन 26 किलो है।